आठ वर्षिय हंस बलाईंड मर्डर केश मे चचेरे भाई पवन उर्फ भोला को क्राईम ब्रांच डी.एल.एफ ने किया गिरफतार

फरीदाबाद ( विनोद वैष्णव )।चचेरे भाई की हत्या में क्राइम ब्रांच डी.एल.एफ को मिली एक और बड़ी सफलता।मृतक के दादा रमेशचन्द की शिकायत पर थाना तिगांव में दिनांक 24.08.2018 को मुकदमा न० 180 धारा 302, 365, 201 आई.पी.सी. के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस आयुक्त अमिताभ सिंह ढिल्लोे ने आरोपियों को धर-पकड की जिम्मेवारी क्राइम ब्रांच डी.एल.एफ को दी जिस पर एक टीम का गठन किया गया। जो निम्न प्रकार से हैः-पुलिस टीमः- निरीक्षक नवीन कुमार, निरीक्षक राजबीर, तिगाव , उपनिरीक्षक सत्यनारायण थाना तिगांव, उप निरीक्षक जमील सिंह क्राइम ब्रांच डी.एल.एफ, सहायक उपनिरीक्षक अश्वनी, सहायक उपनिरीक्षक अशरूदिन, सिपाही आदित्य, सिपाही संदीप (ड्राईवर)।विद्धीत हो कि दिनांक 23.08.2018 की शाम हंस कृष्णा मेडिकल की सीसीटीवी फुटेज मे 4 बजकर 28 मिनट पर अपने पापा राजपाल की दुकान से अपने घर के सामने से खेलता हुआ तिंगाव मन्डी की तरफ जाता हुआ दिखाई दे रहा था।डी .एल.एफ. क्राइम ब्रांच प्रभारी इंस्पेक्टर नवीन व उनकी टीम ने हंस की हत्या के आरोपी तक पुहॅचने की हर संभव कोशिश की, जांच में सभी पहलुओ को मध्यनजर रखते हुए काफी लोगो से पूछताछ की गई। विशेष सूत्रों, सी.सी.टी.वी फूटेज, व अपनी सूझबुझ से तफतीश के अनुसार भोला (मृतक हंस का चचेरा भाई) शक के दायरे में लिया गया। लेकिन भोला शरीर से विकलांग था ओर परिवार वाले उससे पूछताछ मे सहयोग नहीं कर रहे थे।रविवार को डी.एल.एफ.क्राइम ब्रांच इंचार्ज निरीक्षक नवीन कुमार ने हंस के माता पिता व मामा को क्राइम ब्रांच मे बुला कर उनको समझाया कि हमे आपके भतीजे भोला से हंस की हत्या के संबंध में पूछताछ करनी है। इसमें हमारा सहयोग करें।डी.एल.एफ. क्राइम ब्रांच की टीम ने जब पवन उर्फ भोला से पूछताछ की तो उसने हत्या का राज खोल दिया, जिसको  चचेरे भाई हंस के मर्डर मामले मे गिरफ्तार कर लिया ।

पूछताछ के दौरान आरोपी पवन उर्फ भोला ने बताया कि मेरे पिता जी की मोत बिमारी के कारण 2007 मे हो गई थी। हम तीन भाई है व एक बहन है हम सभी मेरे चाचा राजपाल के साथ ही रहते है।

मेरा चाचा राजपाल दारू पीकर हमे गाली गलोच करता रहता था व खर्चे के पैसे भी नही देता था अपने बच्चो को हर तरह की सुविधाएं देता था उनके इस व्यवहार के कारण उनके प्रति मेरे मन मे घृणा रहती थी।

जब हंस अपने पापा की दुकान से चला तो मै भी उसके पिछे पिछे चल दिया था, हंस मुझे मंडी के गेट पर मिल गया था, हंस को अपने साथ लेकर मंडी मे दुकानों की तरफ ले गया जहाँ पर एक दूकान का केवल लेंटर डला हुआ था मेने खाली दुकान मे खेलने के बहाने हंस को ले जाकर उसका पहले गला दबाया।जिससे उसकी आँख बाहर आ गई थी फिर ईंट से उसके सिर के पिछले हिस्से में चोट मार दी। जिससे उसकी मोत हो गई थी।उसके बाद हंस को लेन्टर से नीचे बेसमेन्ट मे डाल दिया ओर वहाँ पर पडे कट्टो से उसको ढक दिया था। फिर मै मंडी मे घुमने लग गया। कुछ देर बाद बाइक से वहाँ शिवम आ गया फिर मे उसकी बाइक पर बैठकर अपने घर आ गया।खाश बात यह है कि आरोपी शुरू दिन से हंस की तलाश करने अपने परिवार वालो के साथ उसको खोजने जाता था। यह बात उसने किसी को नही बताई थी।हंस की डैडबाडी दो दिन बाद 25/8/18 को तिगाव मंडी मे खाली पडे दुकान के बेसमेन्ट मे मिली थी।इस केश को सफल बनाने के लिए डी.एल.एफ क्राइम ब्रांच, क्राइम ब्रांच सै0 65 थाना तिगांव की टीम लगातार मंडी का दोरा कर रही थी।

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