माननीय ब्यूरो प्रमुख के ध्यानार्थ प्रकाशन हेतु प्रेषित
एमवीएन विश्वविद्यालय के स्कूल आॅफ एग्रीकल्चर के सहयोग से पलवल में रसायन मुक्त सब्जी आप तक आ रही है।
आज विश्व में सभी उपभोक्ता आपए हम और कृषक जैविक टेक्निकए हरितए रसायन मुक्त कृषि व्यवस्था को तेजी से अपना रहे हैं स कृषि इन जहरीले रसायनो के उपयोग का एक प्रमुख अखाडा है प विशेषतया विकासशील देशों मैं रसायनो का बढ़ता उपयोग कृषि पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा हैप खाद्य में कीटनाशक अवशेष से भयंकर असाध्य रोग, मिटटी में रसायन मानव, पशुओं और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव डाल चुके हैंस
जैविकए हरी और विष रहित तकनीक कृषि के लिए वरदान साबित हो रही हैस हमें इससे समय रहते अपने अनुरूप लाभ में लेना हैण् वरना हम अवसर खो देंगेस हमारे लिए कृषि संभावनाएँ खूभ लुभाने वाली हैंस जन स्वास्थय कल्याणए पर्यावरण सरंक्षण व् युवाओं के लिए बेहतरीन रोज़गार सुअवसर ! इसी सम्बन्ध में एमण् वीण् ऐन विश्वविद्यालय ने कुछ पहल की है स
एमण् वीण् ऐनण्विश्वविद्यालय के उपकुलपति डाॅ0 जे.वी. देसाई के निर्देश परए डीनए स्कूल ऑफ़ एग्रीकल्चरए डॉ नन्द रामए सलाहकार डॉण् अनिरुद्ध गर्गए फैकल्टी और विद्यार्थियों का एक कार्य ग्रुप गठित किया गया हैस यह ग्रुप जल्द ही लोकल क्षेत्र में कार्यरत हो जायेगाण् यह कृषि से सम्बंधित निम्न दिशाओं में योगदान देगा ण्
1ण् स्थानीय कृषि में कुछ चुने हुए सरकार मान्य जैवीक टेक्निक उत्पादनो का प्रसारए
2ण् बायो टेक्निक का प्रदर्शन
3ण् स्थानीय युवा को कौशल प्रशिक्षण।
4ण् युवाओं को उद्यमिता के लिए मार्गदर्शनण्
इस प्रोजेक्ट में एमण् वीण् ऐनण्विश्वविद्यालय के स्नातक कृषि के विद्यार्थी देश के दूसरी यूनिवर्सिटी के विद्यार्थिओं के साथ निम्न विषयों पर काम करेंगेस
1ण् तकनिकी के सहयोग से रसायन मुक्त खेती का प्रसार
2ण् छत पर खेती करने वाले शहरी एवं किसान का सहयोगस
3ण् रसायन मुक्त सब्ज़ियों का उत्पादनस
4ण् मिटटी रहित हाइड्रोपोनिक तकनीक का प्रसारस
यह आशा की जाती है की किताबी ज्ञान के अलावाए प्रयोग करने से विद्यार्थियों को उचित लाभ प्राप्त होगा और विश्वविद्यालय इस प्रयोग को शोध में परिवर्तित कर पायेगा ताकि स्थानीय कृषि उन्नत हो स यद्यपि ये एक शुरुआत हुई हैए पलवल ध् फरीदाबाद के लिएय ताकि रसायन मुक्त सब्ज़ियों का उत्पादन बढ़े |
पलवल (विनोद वैष्णव ) | विश्व में सभी उपभोक्ता आपए हम और कृषक जैविक टेक्निक, हरित, रसायन मुक्त कृषि व्यवस्था को तेजी से अपना रहे हैं स कृषि इन जहरीले रसायनो के उपयोग का एक प्रमुख अखाडा है | विशेषतया विकासशील देशों मैं रसायनो का बढ़ता उपयोग कृषि पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा हैप खाद्य में कीटनाशक अवशेष से भयंकर असाध्य रोग, मिटटी में रसायन मानव, पशुओं और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव डाल चुके हैंस
जैविक, हरी और विष रहित तकनीक कृषि के लिए वरदान साबित हो रही हैस हमें इससे समय रहते अपने अनुरूप लाभ में लेना है, वरना हम अवसर खो देंगेस हमारे लिए कृषि संभावनाएँ खूभ लुभाने वाली हैंस जन स्वास्थय कल्याण, पर्यावरण सरंक्षण व् युवाओं के लिए बेहतरीन रोज़गार सुअवसर ! इसी सम्बन्ध में mvn university पलवल ने कुछ पहल की है ||
mvn university पलवल के उपकुलपति डाॅ0 जे.वी. देसाई के निर्देश पर डीन, स्कूल ऑफ़ एग्रीकल्चरए डॉ नन्द राम, सलाहकार डॉ अनिरुद्ध गर्गए फैकल्टी और विद्यार्थियों का एक कार्य ग्रुप गठित किया गया हैस यह ग्रुप जल्द ही लोकल क्षेत्र में कार्यरत हो जायेगाण् यह कृषि से सम्बंधित निम्न दिशाओं में योगदान देगा ण्
1 स्थानीय कृषि में कुछ चुने हुए सरकार मान्य जैवीक टेक्निक उत्पादनो का प्रसारए
2 बायो टेक्निक का प्रदर्शन
3 स्थानीय युवा को कौशल प्रशिक्षण।
4 युवाओं को उद्यमिता के लिए मार्गदर्शनण्
इस प्रोजेक्ट में mvn university पलवल के स्नातक कृषि के विद्यार्थी देश के दूसरी यूनिवर्सिटी के विद्यार्थिओं के साथ निम्न विषयों पर काम करेंगेस
1 तकनिकी के सहयोग से रसायन मुक्त खेती का प्रसार
2 छत पर खेती करने वाले शहरी एवं किसान का सहयोगस
3 रसायन मुक्त सब्ज़ियों का उत्पादनस
4 मिटटी रहित हाइड्रोपोनिक तकनीक का प्रसारस
यह आशा की जाती है की किताबी ज्ञान के अलावा, प्रयोग करने से विद्यार्थियों को उचित लाभ प्राप्त होगा और विश्वविद्यालय इस प्रयोग को शोध में परिवर्तित कर पायेगा ताकि स्थानीय कृषि उन्नत हो स यद्यपि ये एक शुरुआत हुई हैए पलवल, फरीदाबाद के लिए ताकि रसायन मुक्त सब्ज़ियों का उत्पादन बढ़े |