फरीदाबाद के कई लोग हवाई अड्डे पर फसे

फरीदाबाद( विनोद वैष्णव ) | एयर इंडिया के क्रू मेंबर्स की बदतमीजी और अमानवीय व्यवहार से परेशान फ्लाइट एआई-120 के लगभग 60 यात्री 22 घंटे से ज्यादा अवधि तक फ्रेंकफुर्त हवाई अड्डे पर फंसे रहे। फ्लाइट के क्रू मेंबर्स ने इन यात्रियों से न केवल बदतमीजी की और गालियां दीं, उन्हें धोखे से फ्रेंकफुर्त हवाई अड्डे पर कैद होने को मजबूर कर दिया। हवाई अड्डे की शॉप्स बंद होने के कारण भूखे-प्यासे छोटे बच्चे और बुजुर्ग महिलाएं प्रताडि़त होती रहीं। फ्लाइट एआई-120 के उबाऊ, थकाऊ और अपमानजनक ओवरले के बाद इन यात्रियों ने अब एयर इंडिया की फ्लाइट्स से जीवन भर के लिए तौबा कर ली है। इनमें फरीदाबाद की एक कॉरपोरेट टीम के क्रिकेटर्स भी शामिल हैं।
सूत्रों का कहना है कि एयर इंडिया की एक फ्लाइट एआई-120 में अचानक किसी खराबी की घोषणा की जाती है। इस फ्लाइट को जर्मनी के फ्रेंकफुर्त हवाई अड्डे से 27 मई की रात को 9.15 बजे दिल्ली केलिए उड़ान भरनी थी। पहले तो कू्र मेंबर्स ने इस बारे में यात्रियों को कुछ भी नहीं बताया। यात्री फ्लाइट टेकआफ करने के बाद रात के समय आराम करने के मूड में थे, लेकिन उन्हें क्रू मेंबर्स ने फ्लाइट में दो-ढाई घंटे तक जबरन बिठाकर रखा। इससे महिलाएं और बच्चे परेशान होने लगे। लोग किसी अनहोनी से आशंकित थे, क्योंकि इतनी देर तक एयरक्राफ्ट में बैठना और फिर उसका कोई स्पष्ट कारण न बताए जाने से लोगों में आशंकाओं को जन्म दे रहा था।
असंतोषजनक एयर होस्टेजेज
व्याकुल फ्लाइट पैसेंजर्स ने कई बार एयर होस्टेजेज और क्रू मेंबर्स से फ्लाइट की देरी के बारे में पूछा, लेकिन उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया और रूखा बर्ताव किया। हालांकि एयर होस्टेजेज को विशेष तौर पर यात्रियों से मृदु-व्यवहार के लिए प्रशिक्षित की जाती हैं। जब फ्लाइट पैसेंजर्स में अकुलाहट ज्यादा बढ़ गई, तो फ्लाइट में एनाउंस किया गया कि एयरक्राफ्ट में कोई तकनीकी खराबी चिन्हित हुई है, जिसे ठीक किया जा रहा है। इसलिए फ्लाइट में देरी हो रही है। एयरक्राफ्ट की खराबी अभी भी ठीक नहीं हुई है और जहाज की मरम्मत में और समय लग सकता है। इसलिए पैसेंजर्स को ओवरले करना पड़ेगा। अब ये फ्लाइट 28 मई की दोपहर 3.30 बजे नई दिल्ली के लिए रवाना होगी।
होटल में ठहराव का झांसा
क्रू मेंबर्स ने सभी यात्रियों से कहा कि सभी यात्री अपना सारा सामान एयरक्राफ्ट में ही छोड़ दें। एयर इंडिया कंपनी का प्रबंधन सभी पैसेंजर्स के लिए किसी होटल में ठहराव का प्रबंध करवा रहे हैं। होटल का प्रबंध हो भी चुका है। यहां से क्रू मेंबर्स सभी यात्रियों को होटल में लेकर जाएंगे। इसके लिए सभी यात्री अपना सामान एयरक्राफ्ट में ही छोडक़र गेट नंबर पांच पर पहुंचे, जहां से सभी यात्री एक शटल माध्यम से होटल तक ले जाए जाएंगे और यहां (एयरक्राफ्ट में) कोई न ठहरे, सब यहां से निकल जाएं।
सामान फ्लाइट में छूट गया
इस एनाउंसमेंट के बाद सभी यात्रियों के चेहरे पर मायूसी छा गई कि न जाने कब तक एयरक्राफ्ट की मरम्मत होगी, कब तक उन्हें ओवरले करना पड़ेगा और कब वे होमलैंड पहुंच पाएंगे। किंतु अधिकारिक घोषणा का पालन करने के सिवा उनके पास कोई चारा नहीं था। इसलिए सभी यात्रियों ने अपने सारा सामान एयरक्राफ्ट में ही छोड़ दिया। सभी पैसेंजर्स एयरक्राफ्ट से निकलकर इमीग्रेशन काउंटर पर पहुंचे।
ट्रांजिट वीजा देने से इनकार
फ्रेंकफुर्त हवाई अड्ड्े के इमीग्रेशन अधिकारियों ने बताया कि किसी को भी ट्रांजिट वीजा नहीं मिल सकता। इसलिए वे हवाई अड्डे से बाहर नहीं जा सकते। तब यात्रियों ने बताया कि कैप्टन ने एनाउंसमेंट की है कि उन्हें यहां से शटल में ले जाकर किसी होटल में ठहराया जाएगा। इसलिए उन्हें ट्रांजिट वीजा दिया जाए। इस पर इमीग्रेशन अधिकारियों ने ट्रांजिट वीजा देने के लिए स्पष्ट मना कर दिया।
एयरपोर्ट में हुए कैद
इसी बीच वहां खड़े पुलिस कर्मियों ने सभी गेट बंद कर दिए। यात्री एयरपोर्ट पर ही कैद हो गए। उसी दौरान वहां एयरक्राफ्ट का क्रू वहां पहुंचा। उसमें छोटे कद का कैप्टन, एयर होस्टेजेज और अन्य क्रू मेंबर्स थे। उनसे जब परेशान लोगों ने बात करनी चाही, तो पहले तो क्रू मेंबर्स ने बात करने से मना कर दिया। फिर बातचीत को दूसरे डायरेक्शन में लेकर जाने लगे। उसके बाद क्रू मेंबर्स पैसेंजर्स से बदतमीजी पर उतर आए। जब लोगों ने क्रू मेंबर्स के नाम जानने चाहे, तो वे और ज्यादा आक्रामक होकर बदतमीजी करने लगे। सभी कू्र मेंबर्स यात्रियों को वहां असहाय छोडक़र चलते बने। जाते हुए कैप्टन ने पैसेंजर्स को देखते हुए गालियां भी दीं। जर्मनी के अधिकारी भी यह सब तमाशा चुपचाप देखते रहे।
बिलखते रहे बच्चे
इन परेशान पैसेंजर्स में 60-70 लोग शामिल थे, जिनमें छोटे बच्चे, बुजुर्ग महिलाएं और बुजुर्ग पुरुष भी शामिल थे। इन पैसेजर्स की सबसे बड़ी दिक्कत यह थी कि फ्रेंकफुर्त एयरपोर्ट रात को 11 बजे बंद कर दिया जाता है। सभी शाप्स बंद हो चुकी थीं। वे जिस जगह कैद हुए, वहां लोगों के पास पीने के लिए पानी और बच्चों के लिए दूध भी नहीं था। वे अपना सारा सामान और हैंडबैग तक फ्लाइट में ही छोड़ आए थे। कई लोगों की जेब में पैसे तक नहीं थे। यात्री चाहकर भी अपने बच्चों और अपने लिए शाप्स से कुछ नहीं खरीद सकते थे। थकान ज्यादा होने के कारण सभी यात्री सोना चाहते थे, लेकिन वहां सोने के लिए भी उपयुक्त जगह नहीं थी। मजबूरन छोटे बच्चों को वेटिंग चेयर पर ही सिमटकर सोना पड़ा। जबकि अन्य यात्री इस उम्मीद में जाग रहे थे कि कहीं से कोई मदद मिल जाए। यहां एयरपोर्ट अथॉरिटी के लोगों ने बताया कि सुबह नौ बजे एयरपोर्ट के अंदर की शाप्स खुलेंगी, उसके बाद ही आप लोग कुछ खा-पी सकते हैं। उससे पहले कुछ नहीं मिलेगा। इस तरह सभी यात्रियों इस परेशानी और अपमान के साथ तकरीबन 22 घंटे तक इंतजार करना पड़ा।
कैप्टन ने झूठ बोला
एक यात्री ने बताया कि सबसे बड़ी नाराजगी इस बात की है कि एयर इंडिया के स्टाफ ने यात्रियों से इतनी बदतमीजी की। उनके कैप्टन ने जो बदतमीजी की, वो बिल्कुल गवारा नहीं। उसने यात्रियों को गालियां भी दीं। यात्री ने बताया कि कू्र मेंबर्स और कैप्टन का व्यवहार बहुत गैर जिम्मेदाराना और तानाशाही भरा था। उसने यात्रियों से झूठ भी बोला कि सभी यात्रियों को होटल में ठहराया जाएगा। कैप्टन ने झूठ बोलकर यात्रियों को एयरपोर्ट में कैद कर दिया। यात्री क्रू मेंबर्स को अब बख्शने के मूड में नहीं हैं और आवश्यक कार्यवाही करेंगे।
ड्यूटी मैनेजर मौजूद नहीं था
जब इस संवाददाता को पूरे वाकये का पता चला, तो उसने तुरंत विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, नगर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु और एयर इंडिया को ट्वीट करके पूरे मामले की जानकारी देते हुए यात्रियों की मदद की गुहार लगाई, तो ट्विटराइटीज सुषमा स्वराज और सुरेश प्रभु की ओर से कोई रिएक्शन प्राप्त नहीं हुआ। एयर इंडिया के आईटी सेल से एक जवाब जरूर आया कि एयरपोर्ट पर एयर इंडिया के ड्यूटी मैनेजर से संपर्क कीजिए। संवाददाता ने यात्रियों को इस आशय की सूचना पहुंचाई, तो यात्रियों ने इमीगे्रशन काउंटर पर जाकर एयर इंडिया के ड्यूटी मैनेजर से संपर्क करना चाहा, तो उन्हें बताया गया कि यहां ड्यूटी मैनेजर उपलब्ध नहीं है। ड्यूटी मैनेजर के उपलब्ध न होने तथा क्रू मेंबर्स को निर्देश देने के लिए फिर से एयर इंडिया के ऑफिशियल ट्विटर एकाउंट पर ट्वीट किया गया, तो एयर इंडिया के आईटी सेल ने भी चुप्पी साध ली।
दायित्वों का निर्वहन नहीं
डीजीसीए की गाइड लाइन के मुताबिक यदि कोई फ्लाइट लेट होती है, तो एयरलाइन कंपनी को यात्रियों को रिफ्रेशमेंट और खाना उपलब्ध करवाना चाहिए। क्रू मेंबर्स को अन्य सहायता भी उपलब्ध करवानी चाहिए। किंतु एयर इंडिया के ये कु्रएल कू्र मेंबर्स यात्रियों को अकेला छोडक़र चले गए। जाहिर कि उन्होंने फ्रेंकफुर्त की फुटपाथों पर तो रात गुजारी नहीं होगी। किसी होटल में ही सुकून की नींद ली होगी और उनके यात्री एयरपोर्ट पर पानी के लिए तरसते रहे और रतजगा करते रहे। इस तरह क्रू मेंबर्स ने न केवल अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं किया, बल्कि यात्रियों के साथ अमानवीय व्यवहार भी किया।

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