21वी सदी में महिलाये सशक्त या कमजोर, विषय पर हमारी संवाददाता पूजा सोलंकी ने अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकार मोंटी शर्मा एवं जिला बाल कल्याण अधिकारी कमलेश शास्त्री से की खास बातचीत —
प्रश्न 1 – मोंटी आप बताईये 21वी सदी में महिलाये वाकई में सशक्त है या कमजोर है ?
उत्तर1 – बात अगर महिलाओ के सशक्तिकरण की बात करे तो महिलाये कल भी सशक्त थी और आज भी महिलाये सशक्त है ,आज हमारे समाज में महिलाओ या पुरुषों में कोई अंतर नहीं किया जाता है ,और रही बात महिलाओ के सशक्तिकरण की तो आज महिलाये चाँद तक पहुँच चुकी है ,आज के टाइम में हर काम में महिलाओ को सबसे आगे देखा जाता हे,आज महिलायों को हर वोह अधिकार दिया जाट हे जो पुरुषों को दिया जाता हे।
प्रश्न 2 -अगला प्रश्न मेरा कमलेश आप से है जैसा की आज हम सब यह बात बखूभी से जानते है की आज महिलाओ को हर वो अधिकार दिया गया है जो की एक पुरुष को दिया जाता है,आज महिलाओ को अपने खिलाफ हुए अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने का पूरा पूरा अधिकार दिया जाता है और इसके खिलाफ महिलाओ में हित में कार्य भी किये जाते है लेकिन कुछ महिलाये इस लाभ का दुरुपयोग करती है और अपने घरवालों को या अन्य किसी व्याक्ति को परेशान करती है , अगर हमारे समाज की महिलाये ऐसी सशक्त है तो नहीं चाहिए हमे ऐसी महिलाये, इस पर आप कुछ टिपण्णी करना चाहेंगे ?
उत्तर 2 -यह बात आप भी बहुत अच्छे से जानती है और हम भी की पांचो उंगलिया बराबर नहीं होती वेसे ही हर महिला एक जैसी नहीं होती ,कुछ महिलाओ की वजह से हम पुरे समाज को दोषी नहीं कह सकते,और सारा दोष हम महिलाओ को भी नहीं दे सकते क्युकी कही न कही देखा जाये तो उनके गलत बनने में भी पुरुष का हाथ होता है।
प्रश्न ३- मोंटी अगला प्रश्न में आपसे करना चाहूंगी जैसा की हम सब देख सकते है की प्राचीन काल में भी महिलाये हुआ करती थी लेकिन उस समय की महिलाये घर जोड़ने का काम किया करती थी लेकिन आज की महिलाये इसके बिलकुल विपरीत है वह घर को जोड़ने से ज्यादा तोड़ने में विश्वास रखती है , आज कही पर भी जाकर देख लो जॉइंट फेमिली से ज्यादा नुक्लिअर फेमिली देखने को मिलती है क्या आपको नहीं लगता की इसका जिम्मेदार कही न कही महिलाये है क्यों वेदो और पुराणों में भी यह बात कही गयी है की अगर घर को कोई जोड़ कर रख सकता है तो वह एक महिला है और घर को तोड़ने का काम भी एक महिला का ही होता है , इस विशेष बात पर आपकी क्या राय है ?
उत्तर 3 – जी, कही न कहि यह चीजे रही है आज समाज मै जॉइंट फेमिली से ज्यादा नुक्लिअर फेमिली देखी जाती है लेकिन हम इसका पूरा दोष महिलाओ को नहीं दे सकते कही न कही इसमें पुरुष भी उतने ही जिम्मेदार होते है ,बस फर्क इतना है की आज की महिलाये अपने हित्त के लिए आवाज उठाती है शायद यही कारण है की आज समाज में जॉइंट फेमिली से ज्यादा नुक्लिअर फॅमिली देखी जाती है