पंचकूला ( विनोद वैष्णव ) | अपनों ने ठुकराया लेकिन सात समंदर पार के इटली निवासी दंपति ने अपनाया। 2 साल की सुनिधि जिसे उसके अपने मां-बाप ने बेसहारा हालत में लावारिस स्थान पर छोड़ दिया लेकिन लगभग 2 साल की बच्ची सुनहरी किस्मत लिखवा कर आई थी। उसे किसी ने हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा चलाए जा रहे शिशु गृह में पहुंचा दिया। शिशु गृह में बेहद लाड प्यार से पली बढ़ी सुनिधि का नया घर अब इटली होगा। इटली के निवासी दंपति मेटिया कटलानी व क्लाउडिया बोटमेडी के रूप में सुनिधि को नया परिवार मिल गया। हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के मानद महासचिव कृष्ण ढुल ने इटली निवासी दंपति को मिठाई खिलाकर सुनिधि के नए परिवार को सौंपा। कृष्ण ढुल ने कहा कि सुनिधि बेहद लाड प्यार से पली है और उसके जाने का उन्हें दुख जरूर है लेकिन उससे कहीं ज्यादा खुशी है कि उसका नया परिवार अब इटली होगा। उन्होंने दंपति को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सुनिधि उनके परिवार में नई खुशियां लेकर आएगी और उसका भविष्य बेहद उज्जवल होगा। कृष्ण ढुल ने कहा कि केंद्र की दत्तक एजेंसी कारा द्वारा सारी कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद शिशु गृह द्वारा बच्चे को गोद देने की प्रक्रिया को पूरा किया जाता है। उन्होंने कहा कि अनेकों बेसहारा बच्चों को नया परिवार मिल चुका है। हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद लंबे समय से यह कार्य करती आ रही है। हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद बच्चों के कल्याण के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। जिससे प्रदेश के लाखों बच्चों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चे ही देश का भविष्य हैं और हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद बच्चों के कल्याण के कार्यों, गतिविधियों को साकार रूप देने में लगी है। सुनिधि के नए परिवार इटली दंपति ने खुशी का इजहार करते हुए हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि वे सुनिधि को राजकुमारी की तरह रखेंगे। उसे पढ़ा लिखा कर जिस क्षेत्र में वह जाना चाहेगी। उसे क्षेत्र के लिए उसे बेहतर सुविधाएं देंगे। जिससे उसका भविष्य उज्जवल हो सके। इटली दंपत्ति ने बताया कि उनको पहले भी एक बेटी है। वे बेटा बेटी में कोई अंतर नहीं समझते। उन्होंने कहा कि वे सरकार द्वारा चलाए जा रहे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान से बेहद प्रेरित है। जिस कारण उन्होंने बेटी को ही गोद लेने का निर्णय लिया। इस अवसर पर एडॉप्शन अधिकारी पूनम सूद भी उपस्थित रहे।
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अपनों ने ठुकराया तो सात समंदर पार के दंपति ने अपनाया
