हँसना हँसाना जिनका कर्म था जानना चायेंगे कौन है वो ?

हँसना हँसाना जिनका कर्म था जानना चायेंगे कौन है वो ?

चंडीगढ़ / मुंबई ( महिपाल शर्मा गेस्ट सोशल मीडिया रिपोर्टर ) | हँसना हँसाना जिनका कर्म था…..पेशे से इंजीनियर था, पर हंसना और हंसाना अच्छा लगता था। इसलिए क्लब बना लिया और कॉमेडी का किंग बन गये | जानिए उस शख्स के बारे में सब कुछ फिल्म हो या टीवी या फिर कोई गंभीर मसला, जसपाल भट्टी हर किसी को हंसा देते थे। हिंदी सिनेमा के इस जाने-माने हास्य अभिनेता का जन्म 3 मार्च, 1955, अमृतसर में हुआ। उनका फिल्मी करियर लगभग 12 साल का था। इसमें उन्होंने 18 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया था। कार्टूनिस्ट जसपाल भट्टी 80 दशक के अंत में दूरदर्शन में शुरू हुए उल्टा – पुल्टा शो के माध्यम से काफी प्रसिद्ध हो गए।इस शो से पहले जसपाल भट्टी चंडीगढ़ में ट्रिब्यून अखबार में एक कार्टूनिस्ट के रूप में काम करते थे। एक कार्टूनिस्ट होने के नाते ही इन्हें आम आदमी से जुड़ी समस्याओं और व्यवस्था पर व्यंग करके लोगों तक अपनी बात पहुंचाने का मौका भी प्राप्त हुआ। अपनी इसी प्रतिभा के चलते शो उल्टा पुल्टा को जसपाल भट्टी बहुत रोचक बना पाए। जसपाल भट्टी की विशुद्ध सामाजिक कॉमेडी जनता के बीच हमेशा रहेगी।पंजाब के अमृतसर में जन्मे जसपाल भट्टी पेशे से इंजीनियर थे लेकिन इंजीनिरिंग उन्हें रास नहीं आई और उन्होंने कॉलेज के जमाने से ही अपना जीवन हास्य और व्यंग्य के नाम कर दिया। साल 1999 में आई पंजाबी फिल्म माहौल ठीक है के जरिए जसपाल भट्टी ने पुलिस और कानून व्यवस्था पर व्यंग्य के तीर छोड़े। इसी फिल्म के जरिए भट्टी बड़े पर्दे पर आए। इसके बाद भी उन्होंने कई पंजाबी और हिंदी फिल्मों में काम किया। 90 दशक के शूरू में जसपाल भट्टी दूरदर्शन के लिए एक और धारावाहिक फ्लॉप शो लेकर आए जो बहुत प्रसिद्द हुआ और इसके बाद भट्टी की पहचान एक कार्टूनिस्ट की बजाय एक हास्य अभिनेता के रूप में होने लगी | यह जानकारी सोशल मीडिया से ली गयी है

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