मथुरा (मनोज शर्मा ) | श्रीकृष्ण जन्मभूमि में नहीं बंटेगा बालभोग-भंडारा, कोरोना वायरस के चलते जारी हुई कई पाबंदियां।कोरोना वायरस के भारत में मरीजों के मिलने के बीच श्रीकृष्ण जन्मभूमि में बालभोग वितरण एवं भंडारा, केशवदेव मंदिर में सुबह और शाम का कीर्तन स्थगित कर दिया गया है। अखंड संकीर्तन कक्ष में दर्शनार्थियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। गुफा झांकी भी बंद कर दी गई है। यह गाइडलाइन मंगलवार को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवासंस्थान ने जारी की हैं। मंदिर के पुजारियों और कर्मचारियों से सावधानी बरतने के लिए कहा गया है।श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि गाइडलाइन के अनुसार मंदिर के पुजारी और कर्मचारी अग्रिम निर्देश तक मंदिर परिसर से बाहर अतिआवश्यक होने पर ही जाएंगे। श्रद्धालुओं से एक मीटर की दूरी बना कर रखने और किसी भी व्यक्तिगत पूजा कथा आदि में सम्मिलित न होने को कहा है। किसी भी भक्त से सीधे माला या अन्य कोई सामग्री स्वीकार न करने तथा इसके लिए एक टोकरी रखने एवं भक्तों से पुष्प टोकरी में अर्पित करने का आग्रह करने के निर्देश हैं। मंदिर परिसर में कीटाणु नाशक द्रव्य से पोंछा और साफ-सफाई करने, गेस्ट हाउस में कमरे देते समय विशेष सावधानी बरतने, किसी का स्वास्थ खराब होने पर तुरंत अधिकृत डॉक्टर के पास जाने का आग्रह करने के निर्देश हैं। बालभोग वितरण एवं भंडारा आदि अग्रिम निर्देश तक स्थगित कर दिए गए हैं। केशव देव मंदिर में साउंड सिस्टम पर भजन कीर्तन चलते रहेंगे। अखंड संकीर्तन कक्ष में दर्शनर्थियों का प्रवेश तत्काल बंद कर दिया गया है।मंदिर में सभी पुजारी और कर्मचारी मास्क का प्रयोग करेंगे और भीड़ से यथासंभव बचेंगे। किसी भी कर्मचारी, उनके परिजन एवं परिसर के निवासी पूर्ण सावधानी बरतेंगे। यदि किसी को कोरोना का लक्षण दिखे तो तुरंत मुख्य अधिशासी, जनसम्पर्क अधिकारी/ कार्यालय को सूचित करेंगे। सभी दुकानदार एवं उनके कर्मचारी मास्क का प्रयोग करेंगे। श्रद्धालुओं, कर्मचारियों के हाथ साफ करने के लिए कीटाणुनाशक साबुन पर्याप्त स्थानों पर रखने के निर्देश दिए गए हैं। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया जाएगा। कोरोना वायरस से बचाव के लिए मंदिर कर्मचारियों, पुलिसकर्मियों, श्रद्धालुओं को जागरूक करने के लिए जन्मस्थान परिसर में बैनर लगवाए जाएंगे।
कोरोना वायरस के कहर के कारण अब श्रीकृष्ण जन्मभूमि में नहीं बंटेगा बालभोग-भंडारा
