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March, 2023

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Posted by: | Posted on: March 30, 2023

पद्म विभूषण डॉ. करण सिंह ने मानव रचना सेंटर फॉर पीस एंड सस्टेनेबिलिटी के एडवाइजरी बोर्ड की चौथी बैठक की अध्यक्षता की

फरीदाबाद ( विनोद वैष्णव ) :  मानव रचना यूनिवर्सिटी ने हाल ही में मानव रचना परिसर में मानव रचना सेंटर फॉर पीस एंड सस्टेनेबिलिटी (MRCPS) के लिए अपनी चौथी एडवाइजरी बोर्ड बैठक आयोजित की। एडवाइजरी बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. करण सिंह जी ने बैठक की अध्यक्षता की।

मीटिंग में डॉ. प्रशांत भल्ला, अध्यक्ष, मानव रचना शिक्षण संस्थान; डॉ. एनसी वाधवा, महानिदेशक, एमआरईआई; डॉ. संजय श्रीवास्तव, वीसी, एमआरआईआईआरएस; डॉ. आई.के. भट, वीसी, एमआरयू; डॉ. मार्कंडेय राय, वरिष्ठ सलाहकार, यूएन हैबिटेट; लेफ्टिनेंट जनरल आनंद, डीजी, एमआरआईआईआरएस; भारत सोका गक्कई (बीएसजी) के अध्यक्ष और निदेशक मंडल श्री विशेष गुप्ता; डॉ. मुजफ्फर अहमद, पूर्व सदस्य एनडीएमए; लेफ्टिनेंट जनरल एस.पी. कोचर, सेवानिवृत्त सिग्नल ऑफिसर इन चीफ-इंडियन आर्मी; डॉ. कामेश्वर सिंह, रजिस्ट्रार, एमआरयू; और परिसर से अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

एमआरसीपीएस कई अनूठे  कार्यक्रमों के माध्यम से शांतिपूर्ण नए भारत का निर्माण करने के लिए युवाओं को विकसित करके शांति और स्थिरता के बारे में जागरूकता और ज्ञान फैलाने में गर्व महसूस करता है।

डॉ. करण सिंह और अन्य प्रसिद्ध बोर्ड सदस्यों की गरिमामयी उपस्थिति में, और संकाय सदस्यों के मार्गदर्शन में मानव रचना विश्वविद्यालय द्वारा किए गए कार्यों की चर्चा के साथ बैठक आगे बढ़ी।

डॉ प्रशांत भल्ला ने साझा किया कि शिक्षा परिवर्तन के उद्देश्य का नेतृत्व करती है और इसके उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए मानव रचना ऐसे केंद्रों का निर्माण कर रही है जो पर्यावरण में स्थिरता को समझते हैं।

डॉ करण सिंह जी ने 3 बिंदुओं पर जोर दिया: मजबूत अंतर-विश्वास, जलवायु परिवर्तन के लिए पर्यावरण आंदोलन और समाज की बेहतरी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग और एक ऐसी दुनिया का निर्माण करना जहां शांति बनी रहे।

केंद्र का उद्देश्य बोर्ड द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए शिक्षा, प्रशिक्षण, मूल्य निर्माण, दृष्टिकोण निर्माण, अनुसंधान, नीति निर्माण, सहयोग और नेटवर्किंग पर केंद्रित है।

उपस्थित सभी सदस्यों ने इस विषय पर विचार-विमर्श किया और शांति और स्थिरता प्राप्त करने के लिए कमियों को दूर करने के उपाय सुझाए। पहल, ईएसडीपी (सस्टेनेबल प्रोग्राम के लिए शिक्षा), कुछ कहना है, एएनजी जैसी परियोजनाओं पर चर्चा की गई।

पद्म विभूषण डॉ. करण सिंह ने मानव रचना के छात्रों और संकाय सदस्यों के साथ एक रोमांचक बातचीत भी की।उन्होनें स्वस्थ शरीर, मन और आध्यात्मिक केंद्रों के महत्व को समझाया। उन्होंने अपने दिमाग और शरीर को सही तरीके से इलाज करने के अनुष्ठान पर जोर दिया तथा यह बताया कि कैसे सरल तरीकों से एक स्वस्थ जीवन शैली का नेतृत्व किया जा सकता है। उनकी 92 साल की यात्रा और 40 साल की राजनीतिक अभियान उन छात्रों के लिए एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला अनुभव था।

Posted by: | Posted on: March 30, 2023

भूपानी गांव फरीदाबाद स्थित, सतयुग दर्शन वसुन्धरा में, रामनवमी के शुभ अवसर पर बड़ी ही धूमधाम से मनाया जा रहा है ट्रस्ट का वार्षिक उत्सव

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव ) | भूपानी गांव फरीदाबाद स्थित, सतयुग दर्शन वसुन्धरा में, रामनवमी के शुभ अवसर पर बड़ी ही धूमधाम से मनाया जा रहा है ट्रस्ट का वार्षिक उत्सव। इस उत्सव के द्वितीय दिवस सजनों ट्रस्ट के मार्गदर्शन श्री सजन जी ने कहा कि शब्द ब्रह्म अर्थात् प्रणव मंत्र ओ३म् ही वह सबसे बड़ी परम तथा नित्य चेतन सत्ता है जो सत्, चित्त्, आनंद स्वरूप मानी जाती है तथा यह ही सृष्टि का मौलिक, प्रथम, प्रधान व मूल कारण है। इस संदर्भ में उन्होंने सतवस्तु के कुदरती ग्रन्थ अनुसार कहा कि यही शब्द ब्रह्म ही हमारा गुरु भी है क्योंकि शास्त्र कह रहा है :-

हो हो हो गुरु ग्रन्थ, गुरु वाणी, गुरु शब्द, हो हो हो विचार करो सजनों प्रबल

अर्थात् अविनाशी शब्द गुरु ही, धुर की अमृत वाणी का वास्तविक स्त्रोत है। अत: जिन कुदरती ग्रन्थों में, इस दिव्य शाश्वत शब्द गुरु के माध्यम से प्राप्त, गुरुवाणी का वर्णन है, उन सद्ग्रन्थों का अध्ययन करते हुए, उनमें वर्णित विचारों का अपने मन में प्रबल मनन व चिंतन करो। इस प्रकार उस धुर की वाणी को धारण कर, प्रबल विचार के साथ उस पर सत्यनिष्ठा से हर पल स्थिर बने रहो और ए विध् अपना हृदय एकरस प्रकाशित रख आत्मज्ञानी बनो व परमात्मा के धर्म परायण सपुत्र यानि उत्तम पुरूष कहला अपने जीवन का कल्याण करने के साथ-साथ जगत के भी उद्धारक बनने का परोपकार कमाओ। आशय यह है कि शब्द ब्रह्म यानि सूक्ष्म परम नाद/वाणी ही, ब्रह्माण्ड का अव्यक्त नाद है तथा अर्थयुक्त सार्थक ध्वनि के रूप में सच्चा आत्मिक ज्ञान प्रदान करने वाला एकमात्र गुरु अथवा उस्ताद है। इसलिए तो कहा गया है:-

वेद पुराण कुरान सजनों, सब कोई अलफ़ दा मन्त्र बतांदा है।

यानि वेद-पुराण-कुरान, समस्त ग्रन्थ व वेद-शास्त्र इसी शब्द ब्रह्म यानि अलफ आद् अक्षर की व्याख्या करते हैं तथा इसी शब्द रूप गुरु का युक्ति अनुसार एकाग्रचित्तता से सिमरन करने पर ही इंसान, प्रभु नाल प्रभु हो आत्मपद की सार पा जाता है। श्री सजन जी ने कहा कि इसी महत्ता के दृष्टिगत ही ब्रह्मप्राप्ति के लिए निर्दिष्ट विभिन्न साधनों में इस की उपासना मुख्य व सर्वोत्तम मानी जाती है व इस अनादि, अनंत, शाश्वत, चिरंतन और दिव्यविभूति को जान लेने के बाद आत्मसंतोष यानि सब कुछ प्राप्त हो जाता है। इन अर्थों से सजनों यही शब्द ब्रह्म ही हमें सत्यनिष्ठा व धर्मपरायणता का पाठ पढ़ा, अंधकार से प्रकाश की ओर, अज्ञान से ज्ञान की ओर व मृत्यु से अमरता की ओर ले जाने वाला है। अत: यदि प्रकाशमय अथवा ज्ञानमय अवस्था में आ, मन का अंधकार दूर भगा जीवन की सार पाना चाहते हो तो किसी भी नश्वर शरीर या तस्वीर को अपना गुरु मानने के स्थान पर इस शाश्वत, अजर-अमर, अविनाशी शब्द ब्रह्म को अपना आध्यात्मिक पथ प्रदर्शक मान, इसी के साथ अपने ख़्याल का नाता अखंडता से जोड़ लो और आत्मिक ज्ञान प्राप्त कर “आत्मा में जो है परमात्मा”, अपने उस असलियत ब्रह्म स्वरूप की पहचान कर लो और “ईश्वर है अपना आप के विचार” पर खड़े हो जाओ। अपने इसी असलियत ब्रह्म स्वरूप की स्मृति दिलाने हेतु सतवस्तु के कुदरती ग्रन्थ के अंतर्गत कहा भी गया है “असलियत स्वरूप है जे ब्रह्म जैंदा रूप रेखा नहीं रंग, ऊँ, ओ३म् विच विशेष हूँ ओ३म् तूं निर्लेप हूँ”। उन्होंने फिर कहा कि इस प्रकार युक्तिसंगत ब्रह्म भाव अपना कर अपने असलियत ब्रह्म स्वरूप की पहचान करने वाला ही, शारीरिक, मानसिक व आत्मिक रूप से सशक्त हो, स्वतन्त्रतापूर्वक निर्विकारिता से जीवन जीने की कला सीख पाता है और आत्मपद की सार को पा, ब्रह्म नाल ब्रह्म हो जाता है।

इस संदर्भ में उन्होंने सजनों से आगे कहा कि जानो प्रत्येक प्राणी को अपने इसी मूलाधार शब्द ब्रह्म से जोड़ने हेतु ही न केवल सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में अपितु हमारी-आपकी, हर श्वास से सदा ओ३म् की ध्वनि गुंजायमान होती रहती है और प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से यही ब्रह्माण्ड व हमारे श्वास की प्रत्येक गतिविधि को नियंत्रित करती है। अत: उससे सीधा सम्पर्क साधने हेतु मूलमंत्र आद् अक्षर यानि शब्द ब्रह्म का घड़ी की टक-टक की तरह जाप करते हुए मन को प्रभु में लीन कर लो और ऐसा पुरुषार्थ दिखा ब्रह्म, जीव और जगत की यथार्थता से परिचित हो, पुन: आत्मस्मृति में आते जाओ। जानो ऐसा करने से शब्द ब्रह्म से उद्धृत हो रही ब्रह्म सत्ता की पावन अविरल सत्य ज्ञानरूप धारा बहती हुई धीरे-धीरे आपके मन में प्रवेश करना आरम्भ कर देगी और हृदय में छाई जन्म-जन्मांतरों की मैल शनै:- शनै: धुलने लगेगी। परिणामत: मन उपशम, चित्त एकाग्र व शांत, बुद्धि निर्मल, ख़्याल अफुर व संकल्प कुसंगी, सजन और संगी हो जाएगा और एक निगाह एक दृष्टि, एक दृष्टि एक दर्शन में स्थित होने पर मन का संतुलन व समता सध जाएगी। इस समता में समदर्शन निज ब्रह्म स्वरूप का एहसास होगा और आप समभाव-समदृष्टि हो कह उठोगे:-

ओ३म् तत् सत् ब्रह्म, ओ३म् तत् सत् ब्रह्म

सत चित्त आनन्द स्वरूप, जैंदा रूप, रेखा न रंग

अन्य शब्दों में डनहोंने कहा कि यही ज्योतिर्मय शब्द ब्रह्म ही अंतर्घट में छाए अंधकार का विनाशक, सत्य ज्ञानस्वरूप का प्रकाशक, अज्ञानियों एवं पापचारियों का विनाशक तथा जीवन के परम पुरूषार्थों यथा धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष का दाता-दातार है। अत: तमोघ्न यानि भ्रम/अज्ञान/मोह आदि दोषों को दूर करने वाले इस शब्द ब्रह्म की पहचान करो और फिर उस द्वारा प्रदत्त आत्मिक ज्ञान यानि कुदरती वेद-विदित गुरुमत प्रवान कर, समस्त अवरोधो का नाश करो और आत्मविजय प्राप्त कर लो।

Posted by: | Posted on: March 28, 2023

रामनवमी यज्ञ महोत्सव की पूर्व संध्या पर विशाल शोभा-यात्रा का आयोजन

फरीदाबाद(विनोद वैष्णव ) । सतयुग दर्शन वसुन्धरा, गाँव भूपानी, फरीदाबाद, के प्रांगण में, रामनवमी-यज्ञ, वार्षिक-महोत्सव के अवसर पर पूर्ण हर्षोल्लास के साथ दिनांक 27/03/2023 को सायंकाल 5.30 बजे विशाल शोभायात्रा निकाली गई। आनंदमय वातावरण में शोभा-यात्रा जब समभाव-समदृष्टि के स्कूल “ध्यान-कक्ष”में पहुँची तब वहाँ उपस्थित सभी सजनों को संबोधित करते हुए श्री सजन जी ने कहा कि समय की गति को देखते हुए, इस बार इस यज्ञ-उत्सव के दौरान ब्रह्मांडकहो या विश्व की मायावी रचना का वास्तविक आधार ब्रह्म (जिसकी महिमा अवर्णनीय है), सतवस्तु के कुदरती ग्रन्थ अनुसार उसके प्रति मुक्कमल बातचीत का सिलसिला चलेगा। इस प्रयास द्वारा हर जन को ब्रह्म विद्या ग्रहण करने की विधिवत् युक्ति से भी, परिपूर्णत: परिचित कराया जाएगा ताकि वह अपने यथार्थ आत्मस्वरूप को पहचान, जगत में निर्लिप्तता से विचरने के योग्य बनने हेतु, अपने ख़्याल यानि सुरत का नाता ध्यानपूर्वक शब्द ब्रह्म के साथ अखंडता से जोड़े रख, स्वयंमेव आत्मिक ज्ञान प्राप्त करने में सक्षम बनें और जीवन में जो भी करे वे सब वेद-विहित् कर्म ही करे। उन्होने कहा कि मानो हम में से जो भी सजन सहर्ष ऐसा पुरुषार्थ दिखाएगा, केवल उसी के मन में सत्यता का प्रतीक आत्मभाव स्थापित हो पाएगा और वह हिम्मतवान निष्पाप जीवन जीते हुए अंत अपने जन्म की बाज़ी जीत अक्षय यश कीर्ति को प्राप्त हो पाएगा।

फिर श्री सजन जी ने ब्रह्मऔर ब्रह्मसत्ता के अर्थ से परिचित कराते हुए कहा कि जानो ब्रह्म वह सब में बड़ी, उत्कृष्ठ, सर्वश्रेष्ठ, प्रधान, आद् परम तथा नित्य चेतनसत्ता है जो जगत का मूल कारण और सत-चित्त-आनंदस्वरूप मानी गई है तथा जिससे बढ़कर व जिसके ऊपर, आगे या अधिक कोई अन्य सत्ता अथवा शक्ति नही। इसे ईश्वरयानि क्लेश, कर्म, विपाक तथा आश्य से पृथक परमेश्वर/परमात्मा या सबका स्वामी व मालिक भी कहते हैं। इस संदर्भ में ज्ञात हो कि जहाँ जगत के कर्ता तथा परिचालक सगुण ब्रह्म को परमेश्वर के नाम से जाना जाता है, वही जगत से परे निर्गुण और निरूपाधि परब्रह्म को परमात्मा कहा जाता है। वेदशास्त्रों के अनुसार ब्रह्म ही इस दृश्यमान संसार का निमित्त और उपादान कारण है व इसके अतिरिक्त और जो कुछ प्रतीत होता है वह सब असत्य और मिथ्या है। इस से सजनों स्पष्ट होता है कि ब्रह्म ही सर्वव्यापक आत्मा और विश्व की जीव शक्ति है तथा यही वह मूल तत्व है जिससे संसार की सब वस्तुएं पैदा होती है तथा जिसमें फिर वे लीन हो जाती हैं। आगे श्री सजन जी ने बताया कि ब्रह्म जगत का कारण है, यह ब्रह्म का तटस्थ यानि निरपेक्ष लक्षण है तथा ब्रह्म सच्चिदानन्द अखण्ड, नित्य, निर्गुण, अद्वितीय इत्यादि है, यह उसका स्वरूप लक्षण है। इस आधार पर यह जगत वास्तव में ब्रह्मका परिणाम या विकार नहीं अपितु विवर्त है यानि मिथ्या या भ्रम रूप है। अत: मान लो कि ब्रह्म के अतिरिक्त और कुछ सत्य नहीं है तथा जो कुछ दिखाई पड़ता है, उसकी पारमार्थिक सत्ता नहीं है। इसी तरह ब्रह्म परिणामी या आरंभक नहीं अपितु आदि-अंत से रहित है।

फिर श्री सजन जी ने ब्रह्मसत्ता का अर्थ स्पष्ट करते हुए कहा कि विभिन्न रूप, रंग, रेखा वाले अस्तित्वों में जो ब्रह्म के होने का यानि विद्यमानता का भाव है, वह ब्रह्म की सत्ता है। यह ब्रह्म सत्ता वह शक्ति है जो अपने अधिकार/प्रभुत्व, बल या सामर्थ्य/योग्यता का उपयोग करके कोई काम करती, व कराती है तथा क्रियात्मक रूप में अपना प्रभाव दिखाती है। इस तरह यह ही वह साधन या तत्त्व है यानि चेतन एनर्जी है जिससे कोई काम अथवा अभीष्ट सिद्ध होता है। इसे अन्य शब्दों में प्रभुत्व व हुकूमत भी कहते हैं क्योंकि सारे ब्रह्मांडमें केवल इस ब्रह्म यानि मूलमंत्र आद् अक्षरॐ/आत्मा की सत्ता का ही वैभव व शासनाधिकार है। इसलिए तो सतवस्तु के कुदरती ग्रन्थ में सजनों सजन श्री शहनशाह हनुमान जी ने मूल मंत्र शब्द को गुरू बताया और कहा कि हे इन्सान! यह तेरी ही ब्रह्म सत्ता हैं, अगर तू इस महान सत्ता को ग्रहण कर ले तो तू खुद ही भगवान है।अत: सजनों प्रणव मंत्र ॐ को गुरू मानकर, सर्वव्याप्त अपनी ब्रह्म सत्ता को युक्तिसंगत ग्रहण करो और उस द्वारा प्रदत्त आत्मज्ञान को आचरण में ला निष्कामता से सत्य धर्म के रास्ते पर चल पड़ो। यह आत्मसाक्षात्कार यानि अपने असलीयत स्वरूप की पहचान कर परमपद प्राप्त करने का सबसे सरल व सहज तरीका है। इससे स्वत: ही तीनों तापों का घटता-बढ़ता टेम्प्रेचर सम हो जाएगा और फिर समभाव-समदृष्टि जो एक निगाह एक दृष्टि देखनी होती है बिना यत्न के उसकी प्राप्ति हो जाएगी। यह होगा जन्म की बाज़ी को जीत इस जगत में अपना नाम रौशन करना।

Posted by: | Posted on: March 28, 2023

लिंग्याज विद्यापीठ ने दिया तोहफा… कई नए कोर्सिस किए लॉन्च

फरीदाबाद(विनोद वैष्णव ) । 2023-24 के सभी ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन पाठ्यक्रमों के लिए रजिस्ट्रेशन फ्रार्म जारी
| ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन पत्र आमंत्रित
अगर आप कोई ऐसा कोर्स करना चाहते हैं, जो आपको नौकरी के लिये तैयार करे, तो फरीदाबाद स्थित लिंग्याज विद्यापीठ (डीम्ड-टु-बी यूनिवर्सिटी) आपकी मंजिल हो सकती है। इस बार विद्यापीठ ने कई नए कोर्सिस लॉन्च किए है। जिसके तहत दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके लिए विश्वविद्यालय ने दाखिला ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन पत्र आमंत्रित किए हैं।
यूजी स्तर पर इंजीनियरिंग में- B-Tech पाठ्यक्रमों को अपग्रेट किया गया है AI, ML, क्लाउड टेक्नोलॉजी एंड इंफोर्मेशन सिक्टोरिटी, इंफोर्मेशन सिक्योरिटी एंड साइबर फोरिंसिक, फुल स्टैक वैब डवलप्मेंट, डेटा साइंस, जैसी विशेषज्ञताओं को शामिल किया गया है। M-Tech में 4 पाठ्यक्रम है। मैनेजमेंट में B.Com. Hons., BBA, MBA, BBA+ MBA व MBA एग्जुकेटिव है। MBA में 10 विशेषज्ञता है वहीं MBA एग्जुकेटिव 1 साल की अवधी में कराया जाएगा। फार्मेसी में M.Pharm में डिप्लोमा, बैचलर डिग्री व पीएचडी है। Law में LLB, BA+LLB, BBA+LLB, LLM है। LLM में 3 विशेषज्ञता है। साथ ही B.Des. (इंटीरियर, फैशन, ग्रफिक, एनिमेशन और मल्टीमीडिया) MS इन डिजाइन (इंटीरियर, फैशन, ग्राफिक, एनिमेशन व मल्टीमीडिया है।) हयूमैनिटिज़ में B. Hons. में 2 विशेषज्ञता है साइकोलॉजी और इंगलिश है। साथ ही इस बार पीजी डिप्लोमा कोर्स इन गाइडेंस एंड काउंसिलिंग को शामिल किया गया है। इसके अलावा चाइल्ड डवलप्मेंट एंड काउंसिलिंग, MA इंग्लिश, MA साइकोलोजी, BJMC, MJMC भी है। एजुकेशन में B.Ed व M.Ed है। वही BSC Hons. व MSC Hons. में 3 विशेषज्ञता है। B.S.C. Hons. इन ऐग्रिकल्चर को विद्यापीठ ने अपने पाठ्यक्रमों में शामिल किया है। इतना ही नहीं B.Ed में CTET, DSSSB परीक्षा की तैयारी भी कराई जाती है। कंप्यूटर साइंस में 2 पाठ्यक्रम है- BCA और MCA है। इसके अतिरिक्त आर्किटेक्चर में बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर (B.ARCH)- में दाखिला लेने के लिए छात्र का NATA की परिक्षा में पास होना अनिवार्य है। वही इस बार B-Plan को भी शामिल किया गया है इसके अलावा M-Plan भी है। बीए ऑनर्स में 2 विशेषज्ञता है वहीं बीएससी में 3 विशेषज्ञता है। वाइस चांसलर डॉ. एम.पी.गुप्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। विद्यापीठ का लक्ष्य है कि हर कोर्स में स्टूडेंट्स को इंडस्ट्री की मांग के अनुसार पढ़ाई कराई जाए और उन्हें ट्रेनिंग दी जाए।

Posted by: | Posted on: March 28, 2023

सतयुग दर्शन ट्रस्ट का वार्षिक रामनवमी यज्ञ महोत्सव, आज भूपानी स्थित सतयुग दर्शन वसुंधरा पर प्रात: 8.00 बजे सतवस्तु के कुदरती ग्रन्थ व रामायण के अखंड पाठ के साथ आरंभ हुआ

फरीदाबाद(विनोद वैष्णव ) ।सतयुग दर्शन ट्रस्ट का वार्षिक रामनवमी यज्ञ महोत्सव, आज भूपानी स्थित सतयुग दर्शन वसुंधरा पर प्रात: 8.00 बजे सतवस्तु के कुदरती ग्रन्थ व रामायण के अखंड पाठ के साथ आरंभ हुआ। आरम्भिक विधि के उपरांत सजनों को सत्संग के दौरान ट्रस्ट के मार्गदर्शक श्री सजन जी ने बड़े ही उत्कृष्ट व सुन्दर ढंग से कहा कि सम्पूर्ण विश्वब्रह्ममय है अथवा ब्रह्म-निर्मित है और उसी की शक्ति से चल रहा है। इस आशय से प्रणव ही अपने आप में वह ब्रह्म बीज है जिससे यह सारा ब्रह्माण्डउत्पन्न होता है व जिसमें अंत उसका विलय हो जाता है। अत: इस अनादि सत्य को दृष्टिगत रखते हुए शब्द ब्रह्म यानि मूलमंत्र आद् अक्षर ॐ के अजपा जाप द्वारा, ख़्याल ध्यान वल व ध्यान प्रकाश वल जोड़, मन-मंदिर प्रकाश रही, ज्योतिमर्य ब्रह्म सत्ता को तन्मयता से ग्रहण करो क्योंकि सतवस्तु का कुदरती ग्रन्थ कह रहा है:-

एक दा करो अजपा जाप, फिर ब्रह्म शब्द दा पाओ प्रकाश, एहो सजनों पकड़ो इतिहास, फिर ब्रह्म स्वरूप है अपना आप

आशय यह है कि उठते-बैठते, सोते-जागते, हर वस्तु में उसी आत्मप्रकाश के होने का एहसास करो। इस तरह अन्दर विचरो, बाहर विचरो, घर में हों या बाज़ार में, मन-मन्दिर देखो या जग अन्दर, परिवार वाले देखो या रेहड़ी वाले, बाल-वृद्ध, गरीब-अमीर जो सजन भी आगे आवे, उसको ब्रह्म यानि भगवान का रूप ही समझो और प्रसन्न होवो अर्थात् मन ही मन यह विचार कर हर्षाओ कि हे प्रभु ! तेरे खेल कितने निराले हैं। कितने रूपों में कितनी तरह का खेल, खेल रहे हो और खेल खेलते हुए भी उससे निर्लेप हो। इस तरह जगत के सब दृश्य देखते हुए अपने मन में किसी अन्य प्रकार का भाव पैदा करने के स्थान पर, ब्रह्म भाव का विकास कर हर्षाओ व समभाव-समदृष्टि हो जाओ। ऐसा पुरूषार्थ करने पर स्वयंमेव “जो प्रकाश मन-मन्दिर में देखा है, वही प्रकाश सारे जग में दिखाई देगा” और आप सर्व-सर्व अपने ही प्रकाश का अनुभव कर जान जाओगे कि चाहे वस्तुओं के नाम व रूप अनेक हैं, पर उनमें एक ही शक्ति/ब्रह्म सत्ता व्याप्त है और वही मेरा असलियत ब्रह्म स्वरूप यानि अपना आप है। अन्य शब्दों में परब्रह्मपरमेश्वरकी नित्य ब्रह्म शक्ति ने ही, हर अनित्य वस्तु को धारण किया हुआ है और चहुं ओर विभिन्न रूप, रंगों में वही ब्रह्म स्वरूप ही निगाह आ रहा है। सर्व-सर्व ऐसा भासित होने पर अपने ज्योतिर्मय आत्मस्वरूप का सहज ही बोध कर सतवस्तु के कुदरती के अनुसार कह उठोगे:-

ब्रह्म स्वरूप है जे प्रकाश जेहड़ा, ब्रह्म स्वरूप है जे नाम मेरा, हर जनों में ओ प्रकाशे, ज्योति स्वरूप अपना आप ही जापे

फिर उन्होने कहा कि सजनों जब यह आद् सत्य जान लिया कि सर्व-सर्व वही ब्रह्म ही ब्रह्म है तो फिर समभाव-समदृष्टि की युक्ति अनुसार हर हालत में एकरस बने रहते हुए, ब्रह्म भाव अनुसार निर्लिप्तता से स्वतन्त्र जीवन जीना व परस्पर सजन भाव का शास्त्रविहित् युक्ति अनुसार व्यवहार करना सहज हो जाएगा और आप कह उठोगे “ब्रह्म स्वरूप है अपना आप, हम तो हैं ओही प्रकाश”। उन्होने सजनों कि समझाया कि इस महत्ता के दृष्टिगत ही सतवस्तु का कुदरती ग्रन्थ कह रहा है:-

“जो प्रकाश या स्वरूप मैंने अपने मन मन्दिर में देखा है, जिस स्वरूप के साथ प्यार है (श्री राम, रहीम, श्री कृष्ण करीम या दस पातशाह जी के साथ) वही स्वरूप मेरा बाहर हर एक में है और वही मेरी असलियत है। यह सारा प्रतिबिम्ब मेरा ही है। इसी प्रतिबिम्ब को हर एक में देखना है क्योंकि जनचर बनचर में वही है, जड़ चेतन में उसी का प्रकाश है। यही असलियत मेरा ब्रह्म स्वरूप है। श्री सजन जी ने कहा कि हम मानते हैं कि आपने इस बात को यथा अपनी वृत्ति-स्मृति में उतार कर धारण कर लिया होगा। उन्होंने फिर कहा कि जानो ऐसा करना इसलिए भी आवश्यक हैं क्योंकि सतवस्तु का कुदरती ग्रन्थ कह रहा है:-“वृत्ति है जे एहो कमाल वृत्ति है जे एहो विशाल, एहो कोई मुश्किल फड़दा विरला कोई धारण करदा, जेहड़ा देखो सजनों मन मन्दिर प्रकाश ओही ब्रह्म स्वरूप है अपना आप।“

अत: सजनों इस ब्रह्म वृत्ति पर ठीक वैसे ही खड़े हो जाओ जैसे अर्जुन हुआ था। जानो तभी एक आत्मतुष्ट, धीर, जितेन्द्रिय समवृत्ति इंसान की तरह, अपने यथार्थ का बोध रखते हुए अर्थात् सदा चेतनता से अपने अविनाशी नित्य ब्रह्म स्वरूप में बने रहते हुए, इस ब्रह्ममय ब्रह्माण्डमें निष्काम भाव से निषंग विचर पाओगे और सत्यनिष्ठ व धर्मज्ञ इंसान कहलाओगे। ऐसे श्रेष्ठता के प्रतीक बनने पर सहज ही परोपकार कमाते हुए ब्रह्मज्ञानी नाम कहाओगे।

Posted by: | Posted on: March 28, 2023

SSB Hospital के सीएमडी डॉ. एस.एस. बंसल को मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित

फरीदाबाद(विनोद वैष्णव ) । पिछले 30 सालों से स्वास्थ्य सेवाओं में उत्कृष्ट कार्य करने पर एस.एस.बी. हार्ट एंड मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल, फरीदाबाद के सीएमडी एवं वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. श्याम सुंदर बंसल को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सम्मानित किया है। चंडीगढ़ में रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्हें यह सम्मान मिला। इस कार्यक्रम में उन्होंने विभिन्न स्वास्थ्य मुद्दों और भारत में युवा हार्ट अटैक रोगियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि हरियाणा में सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एक्स-रे, ई.सी.जी, अल्ट्रासाउंड और डिफि़ब्रिलेटर जैसी मूलभूत सुविधाएं होनी चाहिए। सभी पैरामेडिकल स्टाफ को कम से कम बेसिक-लाइफ-सपोर्ट के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को जिला अस्पताल में टेलीमेडिसिन विभाग से जोड़ा जाना चाहिए, जहाँ विशेषज्ञ उन्हें ई.सी.जी, एक्स रे और उल्ट्रासाउंड के अनुसरण के बारे में बता सकते हैं क्योंकि ऐसी जानकारियाँ आजकल मोबाइल फोन के माध्यम से आसानी से कहीं भी पहुंचाई जा सकती है। इससे पी.एच.सी के डॉक्टर को विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में सही ट्रीटमेंट देने में मदद मिलेगी साथ ही उन्हें उच्च श्रेणी के उपचार योजना बनाने में सहायता मिलेगी। प्रत्येक पी.एच.सी में एक एम्बुलेंस होनी चाहिए जो जरूरत पडऩे पर मरीज को जिला अस्पताल तक ले जा सके। डॉ. बंसल को यह सम्मान मिलने से एस.एस.बी अस्पताल के स्टाफ व कर्मचारी भी उत्साहित है और उन्होंने भी मुख्यमंत्री हरियाणा का आभार जताया है।

Posted by: | Posted on: March 28, 2023

विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए विद्यासागर ने वितरित की 7 लाख की स्कॉलरशिप : धर्मपाल यादव

फरीदाबाद(विनोद वैष्णव )। ग्रेटर फरीदाबाद घरौड़ा स्थित विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल में मंगलवार को स्कॉलरशिप प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सभी नर्सरी से लेकर 11 वीं कक्षाओं में वर्ष भर मेें बेहतर प्रदर्शन कराने वाले विद्यार्थियों को सम्मान से नवाजा गया। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं के अलावा उनके अभिभावक भी मौजूद रहें। वहीं विद्यालय में आईआईटी एमबीबीएस,मैनेजमेंट आदि कोर्स की तैयारी कराने वाले नामचीन शिक्षा के इंस्टिट्यट जैसे राजस्थान कोटा का एएलएलईएन व रोबोंटिक लैब के सेमिनार का आयोजन किया गया। इसी के साथ अभिभावकों के लिए युवराज सिहं किक्रेट एकडमी की बारिक जानकारी व सैल्फी इस्टंैड,बेहतर सुविधाएं स्कूल प्रांणय में मौजूद रहीं।
इस क्रम में विद्यालय के चैयरमैन धर्मपाल यादव ने विद्यार्थियों, स्कूल स्टॉफ और अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यालय की तरफ से विद्यार्थियों के बेहतर प्रदर्शन को प्रोत्साहित करने के लिए हमने लगभग सात लाख रूपए की स्कॉलरशिप दी है। क्योंकि हमारे स्कूल में बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मान दिया जाता है, चाहे वे खेल में हो या फिर टॉपर हो पढ़ाई में। वहीं श्री यादव ने कहा कि स्कूल के शुभारंभ से लेकर आज तक बेटियों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करने के लिए निशुल्क दाखिला रखा हुआ है और यह भी एक आश्र्चय और खुशी देने वाली बात यह है कि इस स्कॉलरशिप में 70 प्रतिशत छात्राओं ने कक्षाओं में अपना वर्चस्व रखा है।
इस क्रम में विद्यालय के निदेशक दीपक यादव ने कहा कि हमारा स्कूल विद्यार्थियों की प्रतिभा को सबसे अधिक महत्व देता है। जहां बच्चें की रूचिनुसार उसको ढाल कर योज्य और बेहतर बनाने का प्रयास किया जाता है। इसके उपरांत बेहतर प्रदर्शन करने पर उनको विद्यालय की तरफ से सुविधाएं देते हुए प्रोत्साहित किया जाता है। इसी क्रम में स्कूल की तरफ से समय-समय पर कार्यक्रम आयोजित कर बच्चों व स्टॉफ को सम्मानित किया जाता रहा है। इसके अलावा खेल व पढ़ाई में बेहतर रहने वाले जरूरतमंद विद्याॢथयों की मदद करते है। इतना ही नहीं विभिन्न कक्षाओं में पढऩे वाले बच्चों के जन्मदिवस पर हवन-यज्ञ कर प्रसाद वितरण करके मनाने का चलन है।
दीपक यादव ने बताया कि इस क्रम में नर्सरी से प्रथम स्थान कविश एलकेजी प्रथम केतकी, यूकेजी से प्रथम दिशा, कक्षा फस्र्ट में प्रथम आरव, सैकेंड क्लास में शानवी यादव, थर्ड में त्रिशा, फोर्थ ए में योगिता, फार्थ-बी में सौर्या, पांचवीं कक्षा ए में सुशांत प्रथम रहे तो पांचवीं-बी धैर्यवी, वहीं कक्षा-6 ए में शिवांक, तो इसी के सैक्शन बी में आर्शिया प्रथम रहीं। इसी प्रकार कक्षा 7 वीं-ए में रूद्धांश जबकि इसीके के बी सैक्शन में अक्षित गुप्ता को प्रथम स्थान मिला। इसी क्रम में कक्षा 8 ए मेें परी अग्रवाल, वहीं बी में हर्षिता,कक्षा 8 सी में लक्की ने प्रथम स्थान प्राप्त किया इसी तरफ कक्षा 9 वीं-ए मेंं गौरी, 9 वीं के सैक्शन बी में जिया प्रथम रही इसी तरह सीनियर कक्षा 11 वीं ए रूचिता,11वीं में नेहा नागर,तो इसी कक्षा के सी सैक्शन में पायन को प्रथम स्थान पर रहीं। जिसको विद्यालय की तरफ से स्कॉलशिप दी गई हैं।
इस कार्यक्रम में छात्रा गरीमा द्वारा ‘बहको मतना बेटियों कुल को समझो खास
35 टूकड़ों में बटा श्रद्धा का विश्वास,’ लेकर सुनाई कविता ने स्कूल प्रांणय में पहुंची माता की आंखों को पानी से भर गया। कुछ समय के लिए तो मानों ऐसा लगा जैसे समय ठहर गया हो। बाद में पूरा प्रांगण तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।इस क्रम में योगेश चौहान वाइस प्रिंसिपल ने वार्षिक रिर्पोट पढ़ी, जिसमें विशेष तौर पर स्कूल के निदेशक शम्मी यादव को हरियाणा के महामहिम राज्यपाल बण्डारू दत्तात्रेय से शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए दिया गया सम्मान और अन्तरराष्ट्रीय सूरजकुंड में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम पुरस्कार की सभी अभिभावकों ने सराहना की।

Posted by: | Posted on: March 27, 2023

एमवीएन विश्विद्यालय में फार्मेसी के विधार्थियों के लिए मेडिकल साइंस लायसन एक नया कैरियर ऑप्शन

पलवल (विनोद वैष्णव) | एमवीएन विश्विद्यालय के स्कूल ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज में फार्मेसी के विधार्थियों के लिए एक विशेष गेस्ट लेक्चर का आयोजन किया गया जिसमें विभाग के सहायक अध्यापक आशीष भारद्वाज ने विधार्थियों को एक नए कैरियर स्कोप के बारे में बताया।

उन्होंने विधार्थियो को मेडिकल साइंस लायसन के बारे में बताते हुए कहा की यह एक स्वास्थ्य परामर्श संबंधित कार्य है जोकि विभिन्न फार्मास्यूटिकल, जैव प्रौद्योगिकी, मेडिकल कंपनियों के द्वारा प्रयोग किया जाता है। उन्होंने बताया की यह बहुत ही अच्छा स्कोप है जिसके बारे में विधार्थियों को ज्यादा नहीं पता होता जिसके कारण वे इस क्षेत्र में नही जा पाते। उन्होंने कहा की इससे भारत के साथ साथ विद्यार्थी विदेशों में भी जा सकते हैं जहा पर वे एक करोड़ प्रति वर्ष तक कमा सकते हैं।

विश्वविधालय की प्रबंधक संचालक कांता शर्मा, अध्यक्ष वरुण शर्मा, कुलाधिपति संतोष शर्मा, पूर्व कुलपति डॉक्टर जेवी देसाई, नवनियुक्त कुलपति डॉक्टर अरुण गर्ग, कुलसचिव डॉक्टर राजीव रतन और विभाग के डीन डॉक्टर तरुण विरमानी ने इसकी सराहना की और कहा की इस प्रकार के गेस्ट लेक्चर करते रहने चाहिए क्योंकि इससे विधार्थियों में अपने कोर्स में रुचि बढ़ती है और साथ ही साथ उन्हें नए स्कोप के बारे में भी पता लगता है। इस अवसर पर फार्मेसी के सभी विद्यार्थी अध्यापक गन सहित मौजूद रहे।

Posted by: | Posted on: March 24, 2023

रावल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में सुपर 30 बैच का आरंभ

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) : रावल इंस्टीट्यूशंस हमेशा से ही विद्यार्थियो की उन्नति के लिए अग्रसर रहा है। इसी परंपरा को कायम रखते हुए रावल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में सुपर 30 बैच का आरंभ किया गया। इस  अवसर पर डॉ ज्योति राणा,  डीन, एकेडमिक अफेयर्स, विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी, हरियाणा ने कॉलेज के 30 विद्यार्थियों को बैज द्वारा अलंकृत किया ।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से की गई। उसके बाद डॉ भावना सयाल, एसोसिएट डीन, रावल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, ने सुपर 30 बैच के विषय से अवगत कराया। सुपर 30 बैच का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को कॉरपोरेट वर्ल्ड के लिए तैयार करना है जिसके तहत विद्यार्थियों के विकास के लिए समय-समय पर विभिन्न गतिविधियों जैसे गेस्ट लेक्चर, इंडस्ट्रियल विजिट, केस स्टडी आदि का आयोजन किया जाएगा तथा  साथ ही विद्यार्थियों के विकास के लिए उनकी कम्युनिकेशन स्किल तथा इंटरपर्सनल स्किल आदि पर भी विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा।

डॉ ज्योति राणा ने छात्रों की इस उपलब्धि पर प्रसन्नता जाहिर की और विद्यार्थियों को उनके भावी भविष्य के लिए प्रेरित करते हुए कहा  कि अगर मनुष्य के अंदर किसी भी चीज को पाने की लालसा हो तो मंजिल खुद ब खुद उसके पास चली आती है। इस अवसर पर अनिल प्रताप सिंह, प्रशासक रावल इंस्टीट्यूशंस ने कहा कि कॉलेज में सुपर 30 बैच का आरंभ शिक्षा के क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित करेगा।

Posted by: | Posted on: March 24, 2023

लिंग्याज ने किया एलएंडटी एडुटेक के साथ समझौते पर हस्ताक्षर

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) : लिंग्याज विद्यापीठ डीम्ड-टु-बी-यूनिवर्सिटी ने एलएंडटी एडुटेक के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। जिसके साथ ही छात्रों के पास प्लेसमेंट की तैयारी और मूल्य वर्धित पाठ्यक्रमों तक पहुंच होगी। इतना ही नहीं अकादमिक साझेदारी, जो उनकी अकादमिक साख में सुधार करेगी और उनकी रोजगार वृद्धि करेगी।

फरीदाबाद! लिंग्याज विद्यापीठ डीम्ड-टु-बी-यूनिवर्सिटी ने एलएंडटी एडुटेक के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। जिसके साथ ही छात्रों के पास प्लेसमेंट की तैयारी और मूल्य वर्धित पाठ्यक्रमों तक पहुंच होगी। इतना ही नहीं अकादमिक साझेदारी, जो उनकी अकादमिक साख में सुधार करेगी और उनकी रोजगार वृद्धि करेगी।

फरीदाबाद! लिंग्याज विद्यापीठ डीम्ड-टु-बी-यूनिवर्सिटी ने एलएंडटी एडुटेक के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। जिसके साथ ही छात्रों के पास प्लेसमेंट की तैयारी और मूल्य वर्धित पाठ्यक्रमों तक पहुंच होगी। इतना ही नहीं अकादमिक साझेदारी, जो उनकी अकादमिक साख में सुधार करेगी और उनकी रोजगार वृद्धि करेगी।