December, 2024
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डॉ नीलम पत्नी गौरव देशवाल ने पीएचडी की उपाधि प्राप्त की

पलवल।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय इंदौर मध्य प्रदेश से डॉ नीलम पत्नी गौरव देशवाल ग्राम घोड़ी पलवल व पुत्री श्री धर्मपाल सिंह गढीपट्टी होडल ने गणित विषय के अंतर्गत शोध कार्य पूर्ण कर लिया है परिवार व ग्रामीण रिश्तेदारों में खुशी का माहौल है
इस विषय में डॉ नीलम के पिता धर्मपाल जी से संवाददाता ने बात की तो उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हमारी बेटी ने

बड़ी कड़ी मेहनत के साथ अपने शोध कार्य को पूरा किया है हमारे पूरे परिवार में बहुत खुशी है साथ ही परिवार रिश्तेदारों मित्रों एवं महाविद्यालय के समस्त स्टाफ द्वारा डॉक्टर नीलम को बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित की गई
बढ़ते ऑनलाइन फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट के मामलों को लेकर फरीदाबाद पुलिस की एडवाइजरी

डिजिटल अरेस्ट का किसी भी कानून में नहीं है कोई प्रावधान, जागरूक बने, सुरक्षित रहें- राजेश दुग्गल संयुक्त पुलिस आयुक्त
फरीदाबाद | आज के आधुनिक दौर में डिजिटल लेनदेन और ऑनलाइन गतिविधियों में तेजी से बढ़ोतरी के साथ, साइबर धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ रहे हैं। साइबर अपराधों को रोकने के लिए पुलिस द्वारा कार्रवाई तो की ही जा रही है इसके साथ-साथ आमजन को भी जागरूक होने की आवश्यकता है। साइबर अपराध का मुख्य व कारगर समाधान जागरूकता है।
राजेश दुग्गल, संयुक्त पुलिस आयुक्त फरीदाबाद ने कहा कि आज के दौर में आमजन द्वारा अपने कार्य को सरल बनाने के लिए तकनीकी सुविधाओं का उपयोग किया जा रहा है, साइबर अपराधियों द्वारा भी इन तकनीकी सुविधाओं को ठगी का मध्यम बनाया हुआ है और आमजन अज्ञानता के कारण इनका शिकार हो रहे हैं। साइबर अपराध को रोकने के लिए आमजन को जागरूक होने की आवश्यकता है।
उन्होंने आगे कहा कि आजकल डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाकर ठगो द्वारा आमजन के साथ धोखाधड़ी की जा रही है, साइबर ठगों द्वारा पीड़ित को पुलिस या अन्य जांच एजेंसी का भय दिखाकर इस तरह डराया जाता है कि पीड़ित ना तो किसी से संपर्क करता हैं और ना ही घटना के बारे में बताता हैं और ठगी का शिकार हो जाता हैं जबकि किसी भी कानून में डिजिटल अरेस्ट का कोई प्रावधान नहीं है
क्या डिजिटल अरेस्ट है?-
डिजिटल अरेस्ट एक नया साइबर स्कैम है, जिसमें स्कैमर्स खुद को पुलिस अधिकारी/कस्टम अधिकारी व अन्य जांच एजेंसी के अधिकारी बनकर तथा बैकग्राउंड में पुलिस स्टेशन या अन्य किसी ऑफिस को क्रिएट कर ठगी की वारदात को अंजाम देते है। वे लोगों को डराते-धमकाते हैं और कहते हैं कि उन्होंने या उनके परिवार ने कोई बड़ा अपराध किया है। तरह-तरह के अपराध करने का आरोप लगाते हैं, इसके बाद पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर कर देते हैं।
कैसे पहचानें डिजिटल अरेस्ट स्कैम?
सरकारी अधिकारियों के नाम से कॉल: यदि कोई व्यक्ति खुद को पुलिस, CBI, इनकम टैक्स या अन्य जाट एजेंसी का अधिकारी बताता है, तो सतर्क रहें।
धमकियां और जल्दबाजी: फ्रॉड करने वाले व्यक्ति आपको वीडियो कॉल करते हैं, जिसमें वे पुलिस की वर्दी में होते हैं और आपको गिरफ्तारी की धमकी देते हैं । किसी से संपर्क न करने के लिए कहते हैं साथ ही फोन पर बने रहने के लिए बोलते हैं
पैसों की मांग: वे आपसे व्यक्तिगत जानकारी या पैसे मांग सकते हैं, और आपको तुरंत पैसे ट्रांसफर करने के लिए दबाव डाल सकते हैं।
डिजिटल अरेस्ट से कैसे बचें?
सोशल मीडिया पर आने वाली संदिग्ध कॉल को न उठाएं।
घबराये नहीं और अपनी निजी जानकारी किसी से भी साझा न करें।
संदेह होने पर तुरंत कॉल काटें और अनजान नंबर की जांच करें।
जब आपने कोई अपराध ही नहीं किया है तो घबराने की कोई आवश्यकता नहीं। जागरूक बने।
आप धोखाधड़ी की शिकायतों की रिपोर्ट तुरंत निकटतम साइबर अपराध थाना में करे या https://www.cybercrime.gov.in/ पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं या साइबर अपराध सेल की हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क कर सकते हैं।
सावधानियां-
- पुलिस किसी को भी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है। अगर किसी का वास्तविक अपराध है तो फिजिकल गिरफ्तार किया जाएगा।
- पुलिस किसी से किसी की गोपनीय जानकारी नहीं मांगती।
A Celebration of Childhood : Nursery Stars of DAV Public School Dazzle on Stage

Ballabhgarh (Vinod Vaishnav) : Childhood is the most beautiful of all life’s seasons and to celebrate it, the blooming buds of Nursery presented a delightful class show where the tiny tots showcased their talent in front of proud parents. The program began with an energetic Zumba session followed by a creative dance on body parts, blending fun with learning.
The highlight was the Nukkad Natak on healthy eating habits, where young actors conveyed the importance of nutritious food. The tiny superstars grove to the beats on an mirthful song ‘ koi kahe…’displaying their energy and talent. The audience was further moved by the heartwarming dance to the song ‘’Itni Si Hasi”, full of adorable expressions and graceful moves.
The event concluded with an inspiring speech by the school Principal Namita Sharma applauding the young stars, teachers and parents for their efforts in making the show a success. It was a memorable celebration of creativity and confidence.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का शिक्षा पर क्या प्रभाव पड़ेगा जानते हैं DAV public school की प्रिंसिपल से
डी.ए.वी.शताब्दी प्राचार्या डॉ. अर्चना भाटिया के शिक्षक सेवा में 36 वर्ष पूर्ण होने पर हवन का आयोजन

फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : डी.ए.वी.शताब्दी महाविद्यालय की कार्यवाहक प्राचार्या डॉ. अर्चना भाटिया को आज वाणिज्य विभाग में सेवा देने के 36 वर्ष पूरे हो गए हैं | इस अवसर पर महाविद्यालय प्रांगण में एक हवन का आयोजन किया गया जिसमे सभी शिक्षक व गैर शिक्षक कर्मचारियों ने भाग लिया | वर्ष 1986 में महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय से एम.कॉम में गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. भाटिया ने आज ही के दिन 14 दिसंबर 1988 में एक सहायक प्रोफेसर के रूप में अपने शिक्षण करियर की शुरुआत की |
एशिया व इंडिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में डॉ. भाटिया का नाम एक घंटे में 69 स्टेटिस्टिक्स विषय की परिभाषाएं व उनके लेखकों के सही नाम लिखने के लिए दर्ज है | इसके अलावा हरियाणा सरकार द्वारा भी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर वर्ष 2023 में उनको स्टेट अवार्ड से सम्मानित किया गया | उन्होंने 9 शैक्षणिक, 12 गैर शैक्षणिक किताबों का लेखन करने के साथ-साथ 51 शोधपत्रों का प्रकाशन भी विभिन्न राष्ट्रिय व अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में किया है |
वहीं 5 पेटेंट्स भी प्राचार्या के नाम पर दर्ज हैं | 5 रिसर्च स्कॉलर्स उनके मार्गदर्शन में अपनी पीएचडी की डिग्री हासिल कर चुके हैं और कुछ अभी भी अध्ययनरत हैं | इसके अलावा अलग-अलग शिक्षण संस्थानों में उन्होंने परीक्षक, शोध विशेषज्ञ, संपादकीय बोर्ड सदस्य, आदि के रूप में भी अपनी सेवाएं दी हैं | गुणवत्तापूर्ण शिक्षण देने के साथ-साथ छात्रों के सर्वांगीण विकास से संबंधित विभिन्न गतिविधियों में भी डॉ. भाटिया की भूमिका अतुलनीय रही है |
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डीएवी शताब्दी एनईपी ओरिएंटेशन और सेंसिटाइजेशन आयोजन करने पर सम्मानित

फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : डीएवी शताब्दी महाविद्यालय को यूजीसी-एमएमटीटीसी के साथ मिलकर एनईपी ओरिएंटेशन और सेंसिटाइजेशन कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन करने के लिए प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया गया । यह उपलब्धि प्रिंसिपल डॉ. अर्चना भाटिया के दूरदर्शी नेतृत्व, अथक प्रयासों और शिक्षा में उत्कृष्टता के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उनकी प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे यूजीसी के साथ सहयोग को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता ने कॉलेज की प्रतिष्ठा को बढ़ाया है और विकास के नए अवसर खोले हैं।
लगभग 42 संकाय सदस्यों को 8 दिनों के लाइव ऑनलाइन एनईपी सत्र में भाग लेने के बाद प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया। रचना कसाना और डॉ. अंकिता मोहिंद्रा यूजीसी-एमएमटीटीसी की आयोजन समिति की सदस्य बनी और उन्हें भी ऑर्गनाइजिंग टीम मेम्बर के सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया । डॉ अर्चना भाटिया ने दोनों को बधाई देते हुए कहा कि इनकी पहल से कॉलेज को और फैकल्टी मेंबर्स को अपना ज्ञान बढ़ाने का मौका मिला।
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डीएवी शताब्दी महाविद्यालय के छात्रों ने निकाली एंटी ड्रग्स जागरूकता रैली

फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : डीएवी शताब्दी महाविद्यालय में डायरेक्टर हायर एजुकेशन हरियाणा के निर्देशानुसार एंटी ड्रग्स जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। विद्यार्थियों ने नशा जागरूकता पोस्टर बना कर नशा के दुष्परिणामों को दर्शाया तथा नशा भगाओ देश बचाओ के नारे लगा कर आस-पास के लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
इस रैली आयोजन का मुख्य उद्देश्य राज्य में बढ़ते नशे और उसके दुष्प्रभावों के प्रति सजग करना रहा। महाविद्यालय की कार्यकारी प्राचार्या डॉक्टर अर्चना भाटिया ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए देश को नशा मुक्त करने का संदेश दिया। यह रैली संयोजक डॉ योगेश, सहसंयोजक डॉ सारिका सैनी व रेणुका मैडम की देखरेख में संपन्न हुई। इस रैली में लगभग 100 विद्यार्थियों ने भाग लिया ।
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शिक्षा में कृत्रिम बौद्धिकता का सदुपयोग और दुरुपयोग : प्रधानाचार्य डॉ. सी.वी. सिंह (रावल इंटरनेशनल स्कूल)

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) : तकनीक का प्रयोग किसी भी कार्य के गुणवत्ता को बढ़ाने में सहायक होता है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता। यही बात शिक्षा के संदर्भ में भी सही है। गुरुकुल को मौखिक शिक्षा पद्धति से लेकर चॉक और बोर्ड प्रणाली से होते हुए हम डिजिटल क्लासरूम की स्थिति में आए हैं। हर स्तर पर तकनीक ने शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारा है। इसकी सुलभता बढा़ई है और इसे अधिक वस्तुनिष्ठ बनाया है।
अब हम कृत्रिम बौद्धिकता (ए॰आई॰) के युग में प्रवेश कर रहे हैं। शिक्षा में इसका क्या सदुपयोग और दुरुपयोग हो सकता है, गंभीर मंथन का विषय है। मेरे अनुसार कृत्रिम बौद्धिकता का अगर शिक्षा के क्षेत्र में प्रयोग किया जाए तो क्लासरूम पढ़ाई को व्यक्तिनिष्ठ बनाने में मदद मिलेगी। वर्तमान शिक्षा पद्धति की सबसे बड़ी कमी यही है कि यह सामूहिक है। क्लासरूम में शिक्षक सभी बच्चों को सामूहिक रूप से पढा़ता है। अपने सीमित समय में उसे विषय को पढ़ाना भी होता है और बच्चों की समस्याएं भी हल करनी होती है। अतः वह एक-एक बच्चे की व्यक्तिगत कठिनाइयों का पुरी तरह समाधान नहीं कर पाता। ए॰आई॰ इस समस्या का कारागर निदान हो सकता है। पाठ्यक्रम निर्धारण, प्रश्न पत्र बनाने में, साथ ही साथ परीक्षाओं के कदाचार रहित, एवं निष्पक्ष निस्पादन में भी अत्यंत सहायक सिद्ध होगी।
बच्चों की रोज-रोज की प्रगति पर नजर रखने में ए॰आई॰ का उपयोग उचित होगा। नई शिक्षा नीति 2020 भी व्यक्ति निष्ठ है। इसे छात्रों की जरूरत के अनुसार तैयार किया गया है। विषयों की बहुलता और उसमें से छात्रों को विषय चुनने में स्वतंत्रता, इस शिक्षा नीति की विशेषता है। कृत्रिम बौद्धिकता शिक्षकों की कमी को पुरी कर सकती है। परंतु कृत्रिम बौद्धिकता का सबसे बड़ा दोष यह है कि यह मौलिकता को नष्ट कर देगा। छात्र पढ़ना, लिखना तथा मनन करना तीनों ही गुणों से धीरे-धीरे दूर हो जाएंगे। उनकी अपनी बौद्धिक क्षमता का हा्स होगा। कृत्रिम बौद्धिकता छात्रों में भटकाव भी ला सकती है। तथा उनकी निजता का उल्लघंन भी कर सकती है। यह शिक्षकों को विस्थापित कर देगी और नौकरियों की समस्या भी उत्पन्न होगी।
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NVN School में रक्तदान शिविर का आयोजन : एक जीवनदायिनी पहल

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) : NVN School में आयोजित रक्तदान शिविर का उद्घाटन सम्माननीय अतिथियों, गणमान्य व्यक्तियों, स्वयंसेवकों और नागरिकों की उपस्थिति में किया गया। इस अवसर पर उपस्थित सभी को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्या मति कुसुम चौधरी जी ने कहा कि रक्तदान एक ऐसा निस्वार्थ कार्य है, जिससे अनगिनत लोगों की जान बचाई जा सकती है। यह एक करुणा, दया और उदारता का परिचायक है, जो किसी के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।
उन्होंने कहा कि रक्त की माँग लगातार बनी रहती है, लेकिन दुर्भाग्यवश इसकी आपूर्ति माँग के अनुरूप नहीं हो पाती। ऐसे में इस प्रकार के रक्तदान शिविरों का आयोजन अत्यंत आवश्यक है, ताकि जरूरतमंदों को समय पर रक्त उपलब्ध हो सके।
इस आयोजन को सफल बनाने के लिए चिकित्सा दल, स्वयंसेवकों और आयोजकों के प्रयासों की सराहना की गई। उनकी समर्पित भावना और प्रतिबद्धता इस पुण्य कार्य को संभव बनाती है।
प्रधानाचार्या जी ने रक्तदाताओं की निःस्वार्थ सेवा की भी प्रशंसा की और कहा कि वे समाज के असली नायक हैं। उनका यह कार्य कई लोगों के जीवन में आशा और खुशी का संचार करेगा।
उन्होंने सभी उपस्थित लोगों से इस अभियान को सफल बनाने और दूसरों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित करने की अपील की। अंत में, उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन न केवल जीवन बचाते हैं, बल्कि समाज में एकजुटता और परोपकार की भावना को भी मजबूत करते हैं।
इस उद्घाटन कार्यक्रम ने सभी को मानवता की सेवा के लिए समर्पित होने का संदेश दिया और रक्तदान शिविर को एक साझा संकल्प के साथ शुरू किया गया।
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श्री कृष्ण कृपा सेवा समिति, जिओं गीता परिवार, जीन्द के सहयोग से जिला जेल जीन्द में बन्द सभी बन्दी भी बनें “एक मिनट एक साथ गीता पाठ” के ऐतिहासिक पल का हिस्सा

जींद (विनोद वैष्णव) : संजीव कुमार, अधीक्षक जेल द्वारा जिला जेल जीन्द में बन्द बन्दियो हेतू “एक मिनट एक साथ गीता पाठ ” के आयोजन हेतू श्री कृष्ण कृपा सेवा समिति, जिओं गीता परिवार, जीन्द के महासचिव अरविन्द खुराना, सदस्य सुरेन्द्र यादव, विकास ग्रोवर, राज, इन्दू, रंजू एंव सुनीता का जिला जेल जीन्द पर पहुँचनें पर आभार व्यक्त किया गया तथा बन्दियों को अपने सम्बोधन में बताया कि महाभारत काल में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को सुबह 11 बजे के आस पास उपदेश दिया था, जिस कारण गीता जयंती पर प्रातः 11:00 बजे पूरे विश्व में एक मिनट एक साथ गीता पाठ का आयोजन हो रहा है, श्री कृष्ण कृपा सेवा समिति, जिओं गीता परिवार, जीन्द के माध्यम से आज हम सभी एक समय एक साथ गीता के पहले अध्याय का पहला श्लोक, नवें अध्याय का 22 वां श्लोक और 18 वें अध्याय का 78वां श्लोक को एक साथ पढ़ें तथा इस एतिहासिक पल का हिस्सा बनें तथा उन्होने यह भी बताया कि श्री कृष्ण कृपा सेवा समिति, जिओं गीता परिवार, जीन्द के माध्यम से जेल में बन्द सभी बन्दियों को तीन श्लोंक की पुस्तके भी वितरित की गई थी तथा जेल मे बन्द सभी बन्दियों एंव पूर्ण स्टॉफ के सदस्यों द्वारा इस ऐतिहासिक पल में बढ़-चढकर तथा हर्षोल्लास के साथ भाग लिया गया।
इस अवसर पर बिरेन्द्र सिंह उप अधीक्षक जेल, धर्मचन्द सहायक अधीक्षक जेल, रमेश कुमार उप सहायक अधीक्षक जेल व अन्य जेल स्टॉफ के सदस्य मौजूद रहे ।
जेल जीन्द में बन्द सभी बन्दी भी बनें “एक मिनट एक साथ गीता पाठ” के ऐतिहासिक पल का हिस्सा
अंतर महाविद्यालय कुश्ती में डीएवी शताब्दी के छात्र को कांस्य

फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक में आयोजित अंतर महाविद्यालय कुश्ती प्रतियोगिता 2024-25 में डीएवी शताब्दी के छात्र तुषार श्रीवास्तव ने कांस्य पदक प्राप्त कर महाविद्यालय का नाम रोशन किया | तुषार ने 92 किलो वर्ग कुश्ती के मुकाबले में तृतीय स्थान हासिल किया | महाविद्यालय पहुँचने पर छात्र का जोरदार स्वागत किया गया | महाविद्यालय की कार्यवाहक प्राचार्या डाॅ. अर्चना भाटिया ने तुषार को कांस्य पदक हासिल करने पर बधाई दी |
खेल एवं शारीरिक शिक्षा विभागाध्यक्ष डॉ. नरेन्द्र दुग्गल ने बताया कि रोहतक में अंतर महाविद्यालय स्तर पर हो रही विभिन्न प्रतियोगिताओं में महाविद्यालय के छात्रों ने पहले दिन से ही अभूतपूर्व प्रदर्शन किया है, जो आगे भी जारी रहेगा | महाविद्यालय के कई छात्र-छात्राओं का चयन नेशनल गेम्स के लिए भी पिछले कुछ दिनों में हुआ है | सभी छात्रों और शिक्षकों को इस उपलब्धि के लिए बधाई |
घई हॉस्पिटल सेक्टर 9 की प्रमुख सुविधाएं: जानिए क्या-क्या सेवाएं उपलब्ध हैं