बल्लभगढ़, फरीदाबाद, पलवल,होडल,नूंह, गुरुग्राम और रेवाड़ी की निजी स्कूल association की एक संयुक्त बैठक बल्लभगढ़ में हुई जिसमें एकमत से सरकार से स्कूलों को सभी classes को तत्काल शुरू करने की मांग की गई

फरीदाबाद( विनोद वैष्णव)। बल्लभगढ़, फरीदाबाद, पलवल,होडल,नूंह, गुरुग्राम और रेवाड़ी की निजी स्कूल association की एक संयुक्त बैठक बल्लभगढ़ में हुई जिसमें एकमत से सरकार से स्कूलों को सभी classes को तत्काल शुरू करने की मांग की गई ।

सभी प्रतिनिधियों ने चिंता व्यक्त की कि 9 महीनों से स्कूल बंद रखने से बच्चों को न सिर्फ शिक्षा से वंचित कर दिया गया है बल्कि वे शारिरिक व मॉनसिक रूप से भी कमजोर हो रहे हैं .

सभी शिक्षाविदों ने इस स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की स्कूल बंद होने और फीस न आने की वजह से लाखों शिक्षक भुखमरी की कगार पर हैं ।

सर्वसम्मति से प्रस्ताव किया गया कि 30 तारीख को सभी जिलाधिकारियों को स्कूल खोलने सम्बन्धी ज्ञापन दिया जाएगा जिसमे तत्काल सभी स्कूलों को खोलने की मांग की जाएगी ।

इस अवसर पर बल्लबगढ़ Association के प्रधान चंद्रेशेन शर्मा , रेवाड़ी संघ के प्रधान चन्द्रभान, CBSE स्कूल, फरीदाबाद के प्रितिनिधि के तौर पर नारायण डागर, Private स्कूल एसोसिएशन पलवल के प्रधान सतवीर पटेल, Private स्कूल Promote Association के प्रधान हरद्वारी लाल सौरत, उप प्रधान बिशन सिंह चौहान , CBSE पलवल होडल के प्रतिनिधि के तौर पर कुसुम चौधरी सहित सभी पदाधिकारियों ने अपने विचार व्यतक किये ।

जब सभी Sectors पूरी तरह महीनों पहले ही खोल दिये गयें हैं तो बिना वैज्ञानिक आधार के स्कूलों को बंद रखने की सरकारी नीति से ऐसा सन्देह होता है कि जानबूझकर छोटे निजी स्कूलों को बंद कर बड़े कॉर्पोरेट घरानों को शिक्षा Sector में एकाधिकार जमाने के लिये इस समय चल रहे निजी स्कूलों को आर्थिक रूप से कमजोर करने की कोशिश चल रही है ।

यह भी विचार किया गया कि स्कूल खोलकर ही बच्चों की पढ़ाई के इस Gap को पूरा किया जा सकता है नहीं तो बच्चे का एक साल खराब हो जाएगा। सभी स्कूलों ने यह भी स्पस्ट किया कि No School , No Fees की सूरत में स्कूलों को भी No Exams व No प्रमोशन पर मजबूर होना पड़ेगा जिसके शिक्षा पर दूरगामी बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा और इस स्थिति से बचने का एक ही उपाय है कि सभी classes की पढ़ाई फौरन शुरू हो जाये ।

इस अवसर पर उपाध्यक्ष कुसुम चौधरी ने ग्रामीण अंचल के छात्रों की शिक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की । उन्होंने कहा कि इस Area के अधिकाश बच्चों के पास Online Education के लिए साधन नहीं हैं । स्कूल न खुलने की वजह से देश भर के लगभग 21 करोड़ बच्चे शिक्षा से वंचित हैं । उनहें शिक्षा के अधिकार से वंचित कर दिया गया है ।

जब सब कुछ खोल दिया गया है तो स्कूलों को बंद करने का औचित्य नहीं है । अभि तक ऐसा कोई वैज्ञानिक आंकड़ा या आधार नहीं है कि Corona 15 वर्ष से कम के बच्चों पर कोई असर कर रहा है । अगर थोड़े बहुत बच्चे Positive भी आये हैं तो वो सब जल्द ही ठीक हो गए हैं ।
लेकिन बच्चों को स्कूलों से दूर रखकर उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है ।

इसलिए निजी स्कूल asoociations की मांग है कि निजी स्कूलों को आर्थिक राहत दी जाए और बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूल तत्काल खोल दिये जायें

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