सतयुग दर्शन में रही बैसाखी की धूम।

दर्शन विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा वर्चुअल ढंग से बैसाखी का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। जैसा कि सभी जानते हैं कि यह पर्व भारतवर्ष के पंजाब प्रांत से आरंभ होकर पूरे देश छा गया था, सिक्ख धर्म के दसवें गुरु गुरुगोविंद सिंह ने इस दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी, तब से लेकर आज तक यह पर्व पूरे भारत में प्रत्येक वर्ष अप्रैल महीने में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

इसी उपलक्ष में सतयुग दर्शन विद्यालय के विद्यार्थियों ने पूरे पारंपरिक तरीके से बैसाखी को धूमधाम के साथ मनाया।

विद्यार्थियों ने रंग-बिरंगी वेशभूषा धारण करके अनेक ऐसी प्रस्तुति प्रस्तुत की कि सभी देखने वाले सम्मोहित होकर रह गए। विद्यार्थियों द्वारा
कहीं एकल नृत्य तो कहीं समूह नृत्य, कहीं एकल गान तो कहीं समूह गान, कहीं रंगोली तो कहीं अपनी लहलाती रबी की फसल को देखकर झूमते हुए किसानों की झाँकी प्रस्तुत की।

कुछ पल के लिए पूरा कार्यक्रम बैसाखीमय हो गया था।

सचमुच यह कार्यक्रम अपने आप में एक शानदार यादगार बन कर रह गया।

इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री नीरज मोहन पुरी जी व हैड एकेडेमिक एक्सीलेंस मैम नसरीन खान जी विशेष एवं मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

कार्यक्रम के अंत में प्रधानाचार्य श्री नीरज मोहन पुरी जी ने अपने संबोधन में बैसाखी के पर्व के महत्व पर विस्तार से बताते हुए छात्रों द्वारा प्रस्तुत किए गए कार्यक्रम की प्रशंसा की और सभी उपस्थित छात्रों, अध्यापकों व अन्य कर्मचारियों को बैसाखी की शुभकामनाएं दी।
सम्पूर्ण कार्यक्रम ऑनलाइन/वर्चुअल आधारित था।

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