ऑनलाइन क्लासिस से भी छात्रों का भविष्य है उज्वल:
लिंग्याजविद्यापीठ
- छात्रों को ऑनलाइन क्लासिस के लिए 3हजार रूपय प्रति समेंस्टर देती है यूनिवर्सिटी
- पढ़ाई के साथ-साथ प्रैक्टिकल नॉलेज पर भी खासतौर पर ध्यान दिया जा रहा है।
- डेमोन्सट्रेटमॉडलस, वर्किंग मॉडल, वीडियोंज, डायग्राम, हैन्डऑउट नोट्स से कराई जा रही है प्रैक्टिस।
- र्वचुअलकराई जाती है ऑनलाइन इन्डस्ट्रीअल विजिट
देश में कोरोना का कहर अपने पंख फैला रहा है और समय के साथ-साथ इससे लड़ने के लिए भी उपाय किए जा रहें हैं। वहीं इससे निपटने कि लिए देश के चिकित्सा विभाग के साथ-साथ शिक्षा विभाग भी इस महामारी से निपटने में पूरी तराह से जुटा हुआ है। सभी इस कोरोना से निपटने की मुहिम में अपनी बेहतर से बेहतर कोशिश में जुटे हुए हैं।
इसी कोशिश मेंफरीदाबाद में स्थित लिंग्याजविद्यापीठ(डीम्ड–टू–बी– यूनिवर्सिटी)भी अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। आज के समय में ऑनलाइन क्लासिस का बड़ा महत्व हो गया है। ऐसे में छात्रों की पढ़ाई पर असर ना पढ़े इसके लिए यूनिवर्सिटीऑनलाइन क्लासिस का खास ख्याल रख रही है। यूनिवर्सिटी अपने छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए छात्रों को ऑनलाइन क्लासिस के लिए प्रति समेस्टर 3हजार रूपय देती है। ताकि उनकी पढ़ाई में कोई रूकावट ना आए। इतना ही नहीं यूनिवर्सिटी ने अपने प्रोफेसरों को खास हिदायत भी दी है कि कोरोना के कारण बच्चों की पढ़ाई में कोई कोतहाई ना बरती जाए। छोत्रों को हर क्षेत्र में निपूर्ण बनाने के लिए यूनिवर्सिटी ने अच्छी खासी तैयारी की हुई है। थ्योरी क्लासिज के साथ-साथ प्रैक्टिकल नॉलेज पर भी खासतौर पर ध्यान दिया जा रहा है। ताकि बच्चें अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद इंडस्ट्री में कदम रखे तो उनके पास काबिलियटत की कोई कमी ना हो।
किस तरह से दी जा रही है ऑन लाइन प्रैक्टिकल ट्रेनिंग-
डेमोन्सट्रेटमॉडलस, वर्किंग मॉडलस, अपनी खुद की बनाई वीडियोंज के जरिए, डायग्राम के जरिए, हैन्डऑउट नोट्स और भी कई तरह की शिक्षा पदद्ती को अपनाकर बच्चों को पूर्ण शिक्षा दी जा रही है। ताकि आने वाले समय में बच्चों को 100 प्रतिशत सफलता मिले। मैकेनिकल इंजीनियरिंगडिपार्टमेंट के प्रोफेसर इकबाल अहमद खान का कहना है कि हम बच्चों की पढ़ाई कापूरा ख्याल रख रहें है। ताकि कोराना का असर उनके करियर पर ना पड़े। हमारी पूरी कोशिश है की लिंग्याज यूनिवर्सिटी में जो भी बच्चें दाखिला लें उन्हें थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल नॉलेज भी मिले। इतना ही नहीं हम बच्चों के लिए वेबिनार, सेमिनार, वर्कशॉप, गेस्ट लेक्चर के जरिए भी बच्चों का मार्गदर्शन किया जाता है। प्रोफेसर इकबाल ने बताया कि हम र्वचुअल के जरिए ऑनलाइन इन्डस्ट्रीअलविजिट भी कराते हैं। इतना ही नहीं बल्कि बच्चों के लिए ऑनलाइन इन्डस्ट्रीअल लाइव प्रोजेक्टस भी लाते हैं। यदि उस बच्चों का ये प्रोजेक्ट कंपनी अपरूव कर देती है तो उसे कंपनी जॉब भी ऑफर करती है। हम अपनी तरफ से बच्चों को पूरी नॉलेज देने की कोशिश करते है। ताकि बच्चें का भविष्य उज्वल हो सके।
कौन-कौन सेकोर्सेज कराती हैं लिंग्याजयूनिवर्सिटीऔर कितनी सिटे हैं
कोर्स नाम सिटे कितने साल है कोर्सबी.टेक (कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग) 240 4 साल
बी.टेक इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग/ EEE 90 4 साल
बी.टेक इन सिविल इंजीनियरिंग 120 4 साल
बी.टेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग 180 4 साल
बीसीए 30 3 साल
एमसीए 30 3 साल
बैचलर ऑफ़ आर्किटेक्चर 20 5 साल
बैचलर ऑफ़ डिजाइन (आर्किटेक्चर) 4 साल
डिप्लोमा इंन फार्मेसी 60 2 साल
बैचलर इंन फार्मेसी 60 4 साल
स्कूल ऑफ कॉमर्स मैनेजमेंट 300
स्कूल ऑफ बेसिक एंड एपलाइड साइंस 90
स्कूल ऑफ लॉ 180