32वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड षिल्प मेले में आज हरियाणा के मुख्य सचिव डीएस ढेसी पहुंचे

सूरजकुण्ड, (विनोद वैष्णव) 4 फरवरी-हरियाणा के जिला फरीदाबाद में चल रहे 32वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड षिल्प मेले में आज हरियाणा के मुख्य सचिव डीएस ढेसी पहुंचे। उनके साथ उनकी धर्मपत्नी भी मौजूद थीं। मुख्य सचिव का स्वागत हरियाणा पर्यटन निगम के प्रबंध निदेषक व सूरजकुंड मेला प्राधिकरण के मुख्य प्रषासक समीर पाल सरो ने किया।
इस मौके पर मुख्य सचिव के साथ आई उनकी धर्मपत्नी व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने मेला में स्थित विभिन्न स्टाॅलों का भ्रमण किया। इस दौरान मुख्य सचिव कई देषों के स्थापित स्टाॅलों पर भी गए और स्टाॅल संचालक के साथ बातचीत की तथा उनके द्वारा हाथों से तैयार किए गए उत्पादों की जानकारी भी ली। मुख्य सचिव थीम राज्य उत्तर प्रदेष के स्टाॅल पर भी गए और उन्होंने वहां की जानकारी भी ली।
इसके पष्चात मुख्य सचिव तथा अन्य अधिकारी मुख्य चैपाल पर पहुंचे और वहां उन्होंने विभिन्न कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक नृत्यों का आनंद उठाया। इन सांस्कृतिक नृत्यों में न्यूजीलैंड का एक नृत्य और मध्यप्रदेष के सागर का बधाई नृत्य था। सांस्कृति कार्यक्रम के पष्चात मुख्य सचिव का हरियाणा पर्यटन निगम के प्रबंध निदेषक व सूरजकुंड मेला प्राधिकरण के मुख्य प्रषासक श्री समीर पाल सरो ने स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया। वहीं दूसरी ओर मुख्य सचिव की धर्मपत्नी का स्वागत फरीदाबाद की आयुक्त जी अनुपमा ने शाॅल पहनाकर किया।
क्रमांक-2018
सूरजकुण्ड, (विनोद वैष्णव) 4 फरवरी-सूरजकुंड में चल रहे 32वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड षिल्प मेले में देश-विदेश से आए हस्तशिल्पियों ने तो विभिन्न प्रकार के उत्पादों व हाथ की कारीगरी से मेले को चार चांद लगाए ही हैं। इस बार मेले का दीदार करने आ रहे दर्षकों को एक और खास चीज देखने को मिल रही है, और वो हैं सीमा पर दुश्मनों के छक्के छुड़ाने वाले हथियारों की प्रदर्षनी। मेले में पहली बार सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने अपना स्टॉल लगाया है।
 जोन चार में स्थित इस स्टॉल में बीएसएफ ने उन हथियारों को प्रदर्शित किया है, जो सीमा पर तैनाती के दौरान दुश्मन की नापाक गतिविधियों को नियंत्रित करने में काम आते हैं। इनमें एलएमजी 5.56 एमएम इनसास, राइफल 5.56 एम इनसास 1बी1, गन मशीन एमएजी 7.62एमएम 2ए1, 51एमएम मोटार्र, ई-1, रूस में निर्मित एके-47 राइफल 7.62 एमएम, राइफल 7.62 एमएम 1ए1, रूस निर्मित 30एमएम ऑटोमेटिक ग्रेनेड लांचर सिस्टम, इजराइल निर्मित राइफल 5.56एमएम एक्स-95, 81एमएम मोटार्र, आंसू गैस के गोले छोड़ने वाली गन, इटली निर्मित एसएमजी 9-एमएम बेरेटा आदि शामिल हैं। दर्शक इन हथियारों को देख कर और छू कर स्वयं को बेहद रोमांचित महसूस कर रहे हैं और इन हथियारों के बारे में जानकारी लेने के साथ-साथ इनके साथ सेल्फी भी ले रहे हैं।
बीएसएफ के इंस्पेक्टर डीके पुंडेर ने बताया कि इस बार सूरजकुंड मेले में आम लोगों को जागृत करने के मकसद से स्टॉल लगाया गया है। इसमें वो हथियार शामिल हैं, जो 1500 मीटर, 5200 मीटर तक दुश्मन की गतिविधियों को देख कर उन पर निशाना साध सकते हैं। उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बल का मुख्य काम तो सीमा पर नापाक गतिविधियों को रोकना है और अपने देश की सीमाओं की रक्षा करना है, पर अगर कहीं दुश्मन लड़ाई पर ही उतारू हो जाए, तो फिर हमारे जवान सेना के साथ कंधे से कंधा मिला कर सहयोग करने में भी पीछे नहीं रहते।
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सूरजकुण्ड, (फरीदाबाद) 4 फरवरी-हरवर्ष की भांति इस वर्ष भी हरियाणा ने 32वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड षिल्प मेले में अपना घर स्थापित किया है और इस अपना घर में युवाओं को अपनी संस्कृति से जोडे रखने के लिए विभिन्न औजार और रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोग होने वाले बर्तनों को दर्षाया गया है।
32वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्त षिल्प मेला का आज पहला रविवार है और मेले में आने वाले लोगों की भीड देखते ही बनती है। सडकों पर गाडियों का हुजूम था और पुलिस कर्मचारी इन गाडियों को पार्किंग में व्यवस्थित करने में लगे हुए थे। इसी कडी में हरियाणा के अपना घर में भी आज अच्छी खासी भीड दिखाई दे रही थी और यहां आने वाले लोग अपनी संस्कृति से रूबरू हो रहे थे।
हरियाणा के अपना घर में पहले के समय में प्रयोग होने वाले उपकरणों व बर्तनों की बात की जाए तो उनमें मुदान, टोकनी और जेवरों को रखने के लिए प्रयोग होने वाले विषेष प्रकार के बर्तन रखे गए थे, जिन्हे यहां आने वाले लोग काफी उत्सुकता के साथ देख रहे थे। इसी प्रकार अपना घर में गोडी, हल, ओरनी, ओरना, जुए, कसौले, जैली, फावडा, धामनी, जग, बटेउ ग्लास, कांसे के बेले, दामनी, बाल्टी, कोल्हू, उंट को रोकने वाले औजार, उंट की घोडी, छाती, पालना, तिनफाला और गंडासे देखने को मिल रहे हैं। यह वह औजार हैं जो कभी हरियाणा के लोगों द्वारा उपयोग किए जाते थे, जिनमें से कुछ अभी भी प्रचलन में हैं।
गुरूग्राम से आए हुए मनन ने बताया कि वे 9वीं कक्षा में पढते हैं और इस मेले में तीसरी बार आ रहे हैं तथा हर साल की तरह हरियाणा के अपना घर में वे जरूर आत हैं और यहां रखी हुई सभी चीजों के बारे में जानकारी लेते हैं। जब उनसे पूछा गया कि आपको यह जानकारी पाकर कैसा लगा तो उन्होंने बताया कि जो वस्तुएं यहां रखी गई हैं उनके बारे में वे अपने बुजुर्गों से सुनते हैं परन्तु उन्होंने वास्तव रूप में इन्हें कभी नहीं देखा। लेकिन इस मेले ने यह एक अच्छा मंच प्रदान किया है जहां इस प्रकार की वस्तुओं का प्रदर्षन किया गया है और हम जैसे युवाओं को जानकारी लेने की सहुलियत प्रदान हो रही है ताकि हम अपनी संस्कृति से जुडे रहें।
क्रमांक-2018
सूरजकुण्ड, (फरीदाबाद) 4 फरवरी-क्या आपने किसी हरियाणवी ताउ को यातायात के नियमों के बारे में जानकारी देते हुए देखा है। यदि नहीं देखा है तो आपको इस बार हरियाणा पुलिस के एएसआई श्री विरेन्द्र सिंह ताउ की पोषाक में बच्चों, युवाओं, बुजुर्गों, महिलाओं को यातायात के नियमों के बारे में जानकारी देते हुए 32वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्त षिल्प मेले में दिखाई देंगे।
यह टैªफिक ताउ मेले में सबसे धनत्व वाले स्थानों पर दिखाई देगा और आने जाने वाले लोगों को यातायात नियमों के बारे में जानकारी देते हुए मिल जाएगा। टैªफिक ताउ का कहना है  िक वे हरियाणा पुलिस में वर्ष 1992 में आए थे और उसके पष्चात उन्हें कुछ अलग करने की सूझी तो उन्होंने यातायात नियमों का लोगों से पालन करवाने के लिए टैªफिक ताउ की छवि बनाई और आज उन्हें कई ऐसे महोत्सवों, आयोजनों और उत्सवों के साथ-साथ समारोह में बुलाया जाता है और वहां उपस्थित लोगों को यातायात नियमों के बारे में जानकारी देने का एक अलग और अनूठा तरीका अपनाने के तहत उनसे कहा जाता है।
टैªफिक ताउ का कहना है कि वे अब इस छवि और कार्य के कारण काफी प्रसिद्ध हो रहे हैं और लोगों में यातायात नियमों के पालन की इच्छा भी जागृत हो रही है। उन्होंने कहा कि वे अब इस कार्य से काफी खुष है कि लोगों को वे एक प्रकार से षिक्षित करते हैं और उन्हें देष का एक अच्छा नागरिक बनने के लिए प्रेरित करते हैं। वे महसूस करते हैं कि एक दिन अवष्य ही हिन्दुस्तान दुनिया में नंबर एक पर होगा क्योंकि यहां के युवाओं की बुद्धि काफी तीव्र है और वे कुषाग्र बुद्धि के धनी हैं। उन्होंने कहा कि यह जगजाहिर है कि भारत के युवा दुनिया में अपनी बुद्धि का डंका बजा रहे हैं और बडे-बडे पदों पर आसिन है।
क्रमांक-2018
32वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में दर्षकों पर चढा हरियाणवी संस्कृति का रंग
सूरजकुण्ड, (विनोद वैष्णव) 4 फरवरी-हरियाणा के फरीदाबाद में चल रहा 32वां अंर्तराष्ट्रीय सूरजकुण्ड षिल्प मेला में दर्षकों के सिर चढकर बोल रहा है और लोग मेले का भरपूर आनंद उठा रहे हैं। रविवार को मेले में उमडे आपार जनसमूह ने मेले की रौनक और लोकप्रियता में चार चांद लगा दिए।
इस बात में कोई संदेह नहीं है कि हरियाणवी संस्कृति की महक विश्व के कोने-कोने तक फैल चुकी है। सूरजकुंड में अपना घर में हरियाणवी संस्कृति की महक का आनंद उठाने के लिए देष-विदेष के विभिन्न कोनों से लोग पधार रहे हैं और हरियाणवी संस्कृति से रूबरू हो रहे हैं और स्वयं को हरियाणवी संस्कृति के रंग में रंगने की कोषिष कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सूरजकुंड शिल्प मेले में युवा पीढ़ी जमकर मस्ती कर रही है। मेले के हर हिस्से में ढोल-नगाड़ो के कलाकार मेला दर्शकों को नाचने को मजबूर कर रहे है। वहीं मेले में आने वाली युवा पीढ़ी इस मौके का भरपूर फायदा उठा रही है और ढोल-नगाडो की ताल पर जमकर ठुमके लगा रही है।
सूरजकुंड मेले में आयोजित हस्तशिल्प प्रदर्शनी लोगों को काफी आकर्षित कर रही है। लोगों ने हाथ से बने सामानों की काफी सराहना की और साथ ही जमकर खरीदारी का भी आनंद लिया, जिसकी खुषी कारीगरों के चेहरों पर साफ-साफ झलक रही थी। उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे मेला देखने वाले लोगों की भीड बढ रही हैै। लोगों का रुझान पुरानी व हाथ से बनी चीजों की तरफ है और ये लोगों को सहज ही अपनी ओर आकर्षित कर रहीं दुकानदारों ने बताया कि अभी तो प्रदर्शनी की शुरुआत हुई है, आने वाले दिनों में काफी लोगों के आने की संभावना है। रविवार को छुट्टी होने के कारण भारी तादाद में लोग सूरजकुंड पहुंचे और यहां मेले व प्रदर्शनी का आनंद लिया।

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