फरीदाबाद(विनोद वैष्णव )| लिंग्याज विद्यापीठ (डीम्ड-टु-बी) यूनिवर्सिटी में सोमवार को “लिंगग्विस्टिक्स डाइवर्सिटी” विषय पर ऑनलाइन अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया गया। जिसमें छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस दिवस को मनाने के पीछे का मकसद है कि दुनियाभर की हमारी भाषाओं और सांस्कृतिक का सम्मान हो। इस अवसर पर हिन्दी व संस्कृत भाषा के विशेषज्ञ डीपीएस के एचओडी डॉ. दिलीप कुमार शर्मा, ओड़िया साहित्य अकादमिक से संगीत सम्मान से नवाजे गए पीयूष प्रकाश बहेरा जोकि एक सिंगर, म्यूजिशन और कम्पोजर है। साथ ही रूपम एहलावत दूरदर्शन की सीनियर न्यूज रिपोर्टर ने उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं को हमारी मातृभाषा के महत्व के बारे में बताया। छात्र-छात्राओं के अलावा इस खास मौके पर लिंग्याज परिवार के सभी सदस्य मौजूद थे। इस महत्पूर्ण दिवस का कार्यभार कल्चरल कोऑडिनेटर निशि कालरा ने संभाला। प्रो वाइस चांसलर प्रो. जसकिरण कौर ने सभी को संबोधित करते हुए कहां कि हमारा भारत विविध संस्कृति और भाषा का देश रहा है। जहां हर देश की भाषा व बोली की अपनी एक अलग पहचान है। हमारी मातृभाषा हिन्दी बेहद ही मीठी भाषा है। जिसपर हमें गर्व है।
क्यों मनाया जाता है दिवस
विश्व भर में 21 फरवरी को “अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस” मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य दुनिया भर में अपनी मातृ भाषा और संस्कृति के प्रति लोगों में रुझान पैदा करना व जागरुकता फैलाना है। अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने का विचार सबसे पहले बांग्लादेश से आया। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के सामान्य सम्मेलन ने 17 नवंबर 1999 में मातृभाषा दिवस मनाने की घोषणा की। जिसमें फैसला लिया गया कि 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया जाएगा।