विजय वर्धन ने आज 32वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुण्ड षिल्प मेला में सांयकालीन सांस्कृति संध्या के अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहे

सूरजकुण्ड(विनोद वैष्णव )-कुदरत ने हर व्यक्ति को कोई न कोई हुनर जरूर दिया है। बषर्ते कोई उस हुनर को समझ सके या कोई उसके हुनर की पहचान समय रहते सही मंच उसके सही कद्रदानों तक पहुंचा सके। यह विचार पर्यटन विभाग के सचिव विजय वर्धन ने आज 32वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुण्ड षिल्प मेला में आयोजित सांयकालीन सांस्कृति संध्या के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि व्यक्ति अपने जीवन में अपने आस-पास के वातावरण और स्वयं में निहित गुणों से बहुत कुछ सीखता-समझता है। ऐसे में उसके भीतर के सर्वश्रेष्ठ गुण और उसकी प्रतिभा को जांच-परख कर यदि कोई व्यक्ति या मंच प्रोत्साहित कर दे तो वह व्यक्ति समाज में एक साधारण व्यक्ति न रह कर एक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व हो जाया करता है। अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुण्ड षिल्प मेला भी ऐसे ही लोगों के लिए बनाया गया एक मंच है जहां उन्हें अपने अंदर छिपी विधा के अनुरूप राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिलती है।
श्री वर्धन ने कहा कि सांयकालीन सत्र में सुजात हुसैन खान द्वारा दी गई शास्त्रीय गीत-संगीत की नायाब प्रस्तुति इस संबंध में स्टीक बैठती है, जिन्होंने अपने शास्त्रीय संगीत से न केवल अपने प्रदेष का अपितु देष का भी नाम इस क्षेत्र में दूर-दूर तक पहुंचाया है।
श्री विजय वर्धन ने बतौर मुख्य अतिथि सभी गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में दीप प्रज्जवलन के साथ सांयकालीन सांस्कृतिक संध्या की विधिवत शुरूआत की। इस अवसर पर मेला प्रषासक श्री सुधांषु गौतम ने सांस्कृतिक संध्या में आए अतिथियों का अभिवादन करते हुए उनका आभार जताया।

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