नवरात्रि के पांचवें दिन क्यों है मां स्कंदमाता की पूजा का विधान जानिए

फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : हिंदू धर्म में आदिशक्ति मां दुर्गा के भक्तों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। नवरात्रि के पावन दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस बार पहला नवरात्र 2 अप्रैल से शुरू हो हुए , जो कि 11 अप्रैल को समाप्त होंगे। 6 अप्रैल यानि आज चैत्र नवरात्रि का पांचवां दिन है। नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। इस दिन मां अपने भक्तों पर स्नेह लुटाती हैं। मान्यताओं की माने तो इस दिन मां की उपासना करने से नकारात्मक ऊर्जा और नाकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। इस दिन मां का ध्यान करने से सभी बिगड़े कार्य बनने लगते हैं।

आइए जानते है मां स्कंदमाता का स्वरूप कैसा है :

माँ स्कंदमाता कमल के आसन पर विराजमान हैं, यही कारण कि मां को पद्मासना देवी भी कहा जाता है। मां स्कंदमाता को पार्वती एवं उमा नाम से भी जाना जाता हैं। मां स्कंदमाता की उपासना करने से संतान की प्राप्ति होने की मान्यता है। मां का वाहन सिंह है और माँ सिंह पर विराजमान रहते है । मां स्कंदमाता सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं।

इस तरह से करे स्कंदमाता की पूजा :

  • प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और उसके बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • मां की प्रतिमा को गंगाजल या दूध से स्नान कराएं।
  • स्नान कराने के बाद माँ को फूल अर्पित करें।
  • मां को रोली कुमकुम से तिलक जरूर लगाएं।
  • मां को मिठाई और पांच तरह की अलग अलग मिठाईओं का भोग लगाएं।
  • मां स्कंदमाता का सच्ची दिल से पूजा पाठ और ध्यान करें।
  • मां की आरती करते समय सिर को चुन्नी से ढके और पूजा करें।

जानिए कौन सी चीज़े मां स्कंदमाता को प्रिय हैं :

ऐसी मान्यता है कि मां स्कंदमाता की उपासना करने से मन को शांति और सुख का अनुभव होता है। मां स्कंदमाता को सफ़ेद रंग प्रिय है। मां की उपासना करते समय सफ़ेद रंग के वस्त्रों का प्रयोग करना चाहिए। मां की पूजा के समय पीले रंग के वस्त्र धारण करें।

नोट : सभी जानकारिया सोशल मीडिया द्वारा लेकर आपको बताई गई है।

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