फरीदाबाद(विनोद वैष्णव ) | 17 सितम्बर को पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी का जन्मदिन देश में मनाया गया. इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी को सभी ने अलग अलग अंदाज में शुभकामनायें दीं. इसी कई में विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल तिगांव के छात्र-छात्राओं ने मानव श्रृंखला के माध्यम से हैप्पी बर्थडे मोदी जी की रचना बनाकर उन्हें बधाई दी. इस अवसर पर बच्चों को मिठाई बांटी गई और कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. मीडिया से बात करते हुए स्कूल दे डायरेक्टर दीपक यादव ने प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए बधाई दी. दीपक यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी के कार्यकाल में देश ने विश्व पटल पर अपनी अहम् जगह बनाई है. उनके द्वारा दूरदर्शी सोच के साथ चलाये गए स्वच्छ भारत अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, खेलो इंडिया अभियान, स्टार्टअप इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे प्रयासों से आज भारत की एक अलग छवि विश्व के सामने आई है. इन सभी परसों का ही फल है कि आज भारत की बेटियां देश की उन्नति में अपना उल्लेखनीय योगदान दे रही है. खेलो इंडिया की सफलता को सभी ने हाल ही में हुए कामनवेल्थ गेम्स में देखा है जहाँ 19 – 20 साल के युवा एथलीटों ने देश को गौरवान्वित किया। स्टार्टअप इंडिया के कारण आज देश में 75000 स्टार्टअप काम कर रहे हैं और उनमें से 100 यूनिकॉर्न हैं. आत्मनिर्भर भारत की बात की जाये तो वो भारत जो अपनी सुरक्षा की जरूरतों का अधिकांश हिस्सा आयत करता था आज वही भारत स्वदेश निर्मित एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत हिन्द महासागर में उतर चूका है और तेजस जैसे लड़ाकू विमान बनाने के साथ साथ मित्र देशों को भी निर्यात कर रहा है. इन सभी सफलताओं का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी की दूरदर्शी सोच को जाता है. दीपक यादव ने कहा कि 75वें स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी ने 2047 यानि देश की 100वें स्वतंत्रता दिवस पर देश को विकासशील से विकसित देशों की श्रेणी में पहुंचने का बड़े लक्ष्य रखा है जिसको फलीभूत करने के लिए हर भारतवासी को तन मन और धन से देश की सेवा में जुट जाना चाहिए और मेहनत, ईमानदारी और लगन के साथ अपने कर्त्तव्य का निर्वहन करना चाहिए।
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भारत में प्रतिदिन 2700 लोग तंबाकू सेवन से अपनी जान गंवा रहे
नई दिल्ली ( विनोद वैष्णव ) | दुनिया भर में आज का दिन (31मई) विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रुप में मनाया जा रहा है, और इसी 24 घंटे के दौरान देशभर में करीब2739 लोग तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों के कारण कैंसर व इससे होने वाली बीमारियों से दम तोड़ देंगे। इसकी रोकथाम के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) ने तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों से होने वाली बीमारियों और मौतों की रोकथाम को ध्यान में रखकर इस वर्ष 2018 का थीम ‘‘ टोबेकोऔर कार्डियेावैस्कूलर डिजिज (तंबाकू और हृद्वय रोग ) ’’ रखा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और सहयोगी लोगों को तंबाकू और कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों के बीच के संबंध के बारे में जागरूक करेंगे, जिसमेंहृद्याघात (स्ट्रोक) भी शामिल है, जो दुनिया के मौत का प्रमुख कारण है। तंबाकू के उपयोग को रोगों के अंतर्राष्ट्रीय वर्गीकरण (आईसीडी -10) के तहत बीमारी के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसकी लतको छोड़ने की दर बहुत कम है। भारत में तंबाकू सेवन की लत को छोड़ने की दर केवल 3 प्रतिशत ही है। इस लत को छोड़ने की इतनी कम संभावना औरतम्बाकू के उपयोग की इतनी अधिक आशंका के कारण बीमारियां बढ़ती है। तम्बाकू और इसके सेवन के प्रसार को सही ही तंबाकू महामारी कहा गया है। विशेषज्ञों ने आम लोगों में सामान्य रूप से प्रचलित धुएं रहित या चबाने वाला तम्बाकू, सिगरेट और बिड़ी से सुरक्षित है और इससे दिल की बीमारी नहींहोती की इस धारणा को भ्रामक और गलत बताया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। धूम्रपानया चबाने के रूप में तंबाकू का उपयोग कैंसर, हृदय रोग और अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बनता है। वायस ऑफ टोबेको विक्टिमस के पैट्रन (वीओटीवी) व ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) दिल्ली के प्रोफेसर और कार्डियक थोरैसिकऔर वेस्कुलर सर्जरी के प्रमुख डॉ. शिव चौधरी ने कहा, तंबाकू दुनिया में कार्डियो-वेस्कुलर मौत और अक्षमता का सबसे ज्यादा ज्ञात और रोकथाम योग्यकारण है। निकोटीन जैसे रसायन प्रकृति में संक्रामक होते हैं जिससे कोरोनरी समस्याएं होती हैं। यह सर्वविदित है कि धूम्रपान हृदय रोग का खतरा बढ़ताहै लेकिन तथ्य यह है कि तंबाकू के धुएं रहित रूप समान रूप से हानिकारक हैं। ग्लोबल एडल्ट तंबाकू सर्वेक्षण (जीएटीएस -2) 2016-17 के अनुसार, भारत में धुआं रहित तंबाकू का सेवन धूम्रपान तम्बाकू से कहीं अधिक है। वर्तमान में42.4 प्रतिशत पुरुष, 14.2 प्रतिशत महिलाएं और सभी वयस्कों में 28.6 प्रतिशत धूम्रपान करते हैं या फिर धुआं रहित तम्बाकू का उपयोग करते हैं। आंकड़ोंके मुताबिक इस समय 19 प्रतिशत पुरुष, 2 प्रतिशत महिलाएं और 10.7 प्रतिशत वयस्क धूम्रपान करते हैं, जबकि 29 .6 प्रतिशत पुरुष, 12.8 प्रतिशतमहिलाएं और 21.4 प्रतिशत वयस्क धुआं रहित तंबाकू का उपयोग करते हैं। 19.9 करोड़ लोग धुआं रहित तंबाकू का उपयोग करते हैं जिनकी संख्यासिगरेट या बिड़ी का उपयोग करने वाले 10 करोड़ लोगों से कहीं अधिक हैं। सबसे चिंताजनक है कि प्रतिवर्ष देशभर में 10 लाख लोग इससे दम तोड़ रहे है।वंही देशभर में 5500 बच्चे हर दिन तंबाकू सेवन की शुरुआत कर रहें है और वयस्क होने की आयु से पहले ही तम्बाकू के आदी हो जाते हैं। टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई के प्रोफेसर और सर्जिकल ओन्कोलॉजी डॉ. पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि किसी भी रूप में तम्बाकू का सेवन शरीर के किसीभी हिस्से को इसके हानिकारक प्रभाव से नहीं बचाती। यहां तक कि धुआं रहित तंबाकू प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूपों में भी इसी तरह के दुष्प्रभाव का कारणबनता है। हमारे शरीर के अंगों को सीधे नुकसान पहुंचाने के अलावा, धुआं रहित तम्बाकू का उपभोग करने वाले लोगों में दिल के दौरे के बाद मृत्यु दर मेंकाफी वृद्धि करता है। तम्बाकू के सभी उत्पादों और रूपों से आने वाले राजस्व की तुलना में सरकार के साथ-साथ समाज का तम्बाकू जनित बीमारियों की रोकथाम और उपचारपर होने वाला स्वास्थ्य पर खर्च कई गुना अधिक है। संबंध हेल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) के ट्रस्टी संजय सेठ ने कहा कि अनुमान है कि सभी कार्डियोवेस्कुलर (सीवी) रोग का लगभग 10 प्रतिशत का कारणतम्बाकू का उपयोग है। भारत में सीवी रोग की बड़ी संख्या को देखते हुए, इसका दुष्प्रभाव बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि जब सरकारें स्वास्थ्य देखभालसुविधाओं की स्थापना के लिए बड़े पैमाने पर बजट खर्च कर रही हैं, उन्हें रोकथाम की रणनीतियों पर अधिक ध्यान देना चाहिए, जिनमें तम्बाकू उपयोगमें कमी करना प्रमुख है।…
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