फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) : मोटापे से डायबिटीज, हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक और कुछ कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा हो सकता है। हर साल चार मार्च को विश्व मोटापा दिवस (वर्ल्ड ओबेसिटी डे) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य मोटापे के बारे में लोगों को जागरूक करना है।
मेट्रो अस्पताल के चेयरमैन और कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. पुरुषोत्तम लाल ने बताया कि बदलती जीवनशैली के कारण जंकफूड का सेवन भी खूब होने लगा है। तंबाकू, शराब, सिगरेट, अनियंत्रित शुगर, तेल-मसाला, घी, अत्यधिक मांसाहार फैटी लिवर का कारण है। अक्सर लोग भोजन करते हैं और टीबी देखते है। इससे मोटापा दिन पर दिन बढ़ता जाता है। डाइबिटीज और मोटापे का चोली दामन का साथ है। जिन लोगों के शरीर में वसा की मात्रा अधिक होती हैं, उन्हें डायबिटीज होने का ज्यादा खतरा है। डायबिटीज के मरीजों के लिए मोटापा को कंट्रोल करना जरूरी है। टाइप 2 में 80 प्रतिशत ऐसे लोग रहे, जिन्हें मोटापा अधिक रहा। मोटापा को कंट्रोल करने में डाइट का अहम है। कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन करने से बचना चाहिए। फास्ट फड नहीं खाने चाहिए, इसके लिए इवनिंग, मॉर्निंग वॉक और योग करना चाहिए। यदि किसी को डाइबिटीज है तो अधिक संभावना है कि ब्लड प्रेशर हाई रहने लगे। लाइफस्टाइल खराब रहने पर हाइपरटेंशन होता है। एक बात और वजन बढ़ने के बावजूद शरीर में ब्लड पम्प करने क क्षमता पहले जैसी ही रहती है। ऐसे में मोटापे से परेशान व्यक्ति के दिल को रक्त पंप करने के लिए बहुत अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इस प्रक्रिया के दौरान शरीर के बाकी अंगों पर भी दबाव पड़ता है।
इसी से ब्लड प्रेशर हाई रहने लगता है। मोटापा होने पर दिल को ब्लड सप्लाई के लिए दबाव पड़ता है। इससे हार्ट पर प्रेशर बढ़ने लगता है। मोटापे से हाई कोलेस्ट्रॉल हो जाता है। कोलेस्ट्रॉल ब्लड वेसेल्स में जमा होकर ब्लड सप्लाई अवरुद्ध कर देता है। इससे हार्ट अटैक आने का खतरा रहता है। वहीं ब्लड प्रोपरली फ्लो न होने के कारण किडनी पर भी प्रेशर बढ़ने लगता है। इससे किडनी को अतिरिक्त काम करना पड़ता है। वह सही ढंग से ब्लड प्यूरीफाई नहीं कर पाती। इससे किडनी फेलियर का खतरा बढ़ जाता है। पेट संबंधी कई बीमारियों की जड़ मोटापा है। फैटी लिवर, पेट में गैस, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर आदि बीमारियों का कारण भी मोटापा है। गैस, कैंब्जियत आदि भी लाइफ स्टाइल जनित बीमारियों का कारण मोटापा ही है। नियमित व्यायाम, रोज 40 मिनट टहलने, संतुलित खान-पान और कुछ दवाइयों से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
सही डाइट है जरूरी :
मोटापे को कम करने के लिए सही डाइट जरूरी है। सुबह नाश्ते में दलिया का सेवन करें। दलिया में फाइबर और विटामिन के गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। जो आपके पाचन को बेहतर करने के अलावा मोटापे को कम करने में मदद करता है। वजन घटाने के लिए हरी सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करें। इन सब्जियों को उबाल कर या सूप बनाकर पी सकते हैं। सब्जियों में विटामिन, मिनरल्स के साथ-साथ पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। सेब, अनार और अनानास खाने पर मोटापे की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। इनमें फाइबर, फ्लेवोनोइड्स और बीटा कैरोटीन होता है इससे वजन को आसानी से कम किया जा सकता है। सुबह चाय या काफी की जगह ग्रीन टी का सेवन करें। इसमें एंटी-आक्सीडेंट होता है। सुबह नाश्ते के समय ड्राई फ्रूट और नट्स का सेवन जरूरी है। इसे सलाद में मिक्स कर भी खा सकते हैं।