सतयुग दर्शन विद्यालय ने ‘आजादी की वीर गाथा’ शीर्षक के साथ मनाया अपना 23वाँ वार्षिक उत्सव

फरीदाबाद | सतयुग दर्शन विद्यालय के 23वें वार्षिक उत्सव का आयोजन ‘आज़ादी की वीर गाथा’ के साथ अत्यधिक उत्साह और ऊर्जा के साथ किया गया। सतयुग दर्शन ट्रस्ट के संस्थापक और मार्गदर्शक ‘श्री सज्जन जी’ ने मुख्य अतिथि के रूप में इस आयोजन को गौरवान्वित किया। उनके साथ श्रीमती रश्मा गांधी जी मैनेजिंग ट्रस्टी एवं सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र की चैयरपर्सन अनुपमा तलवार भी उपस्थित थीं। इस अवसर पर अन्य अतिथियों में ट्रस्टी श्री नीतिन मिनोचा जी व सतयुग दर्शन ट्रस्ट के अन्य सभी सदस्य, सतयुग दर्शन विद्यालय के पूर्व चेयरमैन कैलाश ढींगरा जी, वर्तमान चेयरमैन श्री मोहित नारंग , सतयुग दर्शन विद्यालय के प्रिंसिपल अरूण कुमार शर्मा ,सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र के प्रिंसिपल दीपेंद्र कांत , सतयुग दर्शन कॉलेज ऑफ एजुकेशन की प्रिंसिपल जुगनू खट्टर, सतयुग दर्शन टैक्निकल कैम्पस के डायरेक्टर,HDFC बैंक के क्लस्टर हेड शरद के अतिरिक्त शहर के अन्य गणमान्य नागरिक व अभिभावक अतिथि के रूप में और उपस्थित थे।

इस आयोजन का आरंभ “संगम सुर ताल” नामक एक ऑर्केस्ट्रा प्रस्तुत करके किया गया, जिसमें विद्यालय के छात्र संगीतकारों ने भारतीय शास्त्रीय और पश्चिमी वाद्ययंत्रों की मधुर धुनों का मनोरंजन से भरपूर मिश्रण प्रस्तुत किया। सभी अतिथियों ने इस कार्यक्रम का भरपूर आनंद उठाया। इसके उपरांत वेलकम डांस ने तो सचमुच में ही इस आयोजन की शोभा को चार चाँद लगा दिए।

विद्यालय के प्रधानाचार्य अरुण कुमार शर्मा ने इस अवसर पर उपस्थित सभी सम्मानीय व गणमान्य अतिथियों को उपस्थित होने के लिए अपनी तरफ से हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने सभागार में उपस्थित छात्रों के अभिभावकों को व अन्य अतिथियों को छात्रों के बहुआयामी व सर्वांगीण विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए प्रयासरत रहने को आश्वस्त किया। अपने धन्यवाद सम्बोधन के अंत में प्रधानाचार्य श्री अरुण कुमार शर्मा जी ने सभी उपस्थित जनों को दीवाली की ढेर सारी शुभकामनाएं देते हुए एक बार फिर सभी का हार्दिक आभार प्रकट किया।

आज की पीढ़ी को राष्ट्रभक्ति एवं देशप्रेम जैसी भावना से जोड़े रखने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सतयुग दर्शन विद्यालय के छात्रों द्वारा ‘आज़ादी की वीर गाथा’ नामक शीर्षक पर आधारित अनेक भावनात्मक एवं मनोरंजक प्रस्तुतियों से भरपूर कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया, श्रृंखला की इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए बेहद प्रेरक एवं शानदार नृत्य, नाटक, समूह गान, भांगड़ा आदि प्रस्तुतियों को शानदार ढंग से मिश्रित करके प्रस्तुत करते हुए शीर्षक की साथर्कता को दर्शाया गया। सहायक सामग्री और वेश- भूषा ने इस अवसर को जीवंत रंग प्रदान किए। छात्र कलाकारों के पैरों की थिरकन और संगीत की मधुर धुनों ने दर्शकों को कुछ पलों के लिए अबोध बना दिया। राष्ट्र भक्ति व नव जागरण की चेतना जगाने वाले इस कार्यक्रम ने सभी को राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव एवं कर्तव्यों का बोध करा दिया। कार्यक्रम के आरंभ से लेकर अंत तक वीर रस की झलक देखने को मिली। अतिथियों व अभिभावकों ने सम्पूर्ण कार्यक्रम की सराहना की।

शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योग्यता रखने वाले तथा अन्य क्षेत्रों में प्रतिभाशाली छात्रों को सतयुग दर्शन ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी श्रीमती रश्मा गांधी जी और संगीत कला केंद्र की चेयरपर्सन अनुपमा तलवार द्वारा पुरस्कृत किया गया।

इस आयोजन के मुख्य अतिथि, सतयुग दर्शन ट्रस्ट के संस्थापक एवं मार्गदर्शक श्रधेय श्री सज्जन जी ने अपने संबोधन में, सभी उपस्थिति जनों के साथ अपने प्रेरणास्पद शब्द साझा किए। उन्होंने मंच पर छात्रों द्वारा प्रस्तुत की गई अद्वितीय प्रस्तुतियों की प्रशंसा तो की ही, साथ ही में उन्होंने स्कूल के छात्रों व अध्यायपकों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित किए गए कीर्तिमानों के साथ राष्ट्र व मानवता को समर्पित किए गए प्रयासों की सराहना भी की। अपने सम्बोधन के अंत में उन्होंने सभी छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की तथा प्रकाश पर्व दीवाली की शुभकामनाएँ प्रदान की।

कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के शैक्षिक समन्वयक सतबीर सिंह ने कार्यक्रम में विराजित विशिष्ट अतिथियों व अन्य सम्मानीय नागरिकों एवं अभिभावकों का कार्यक्रम में उपस्थित होकर विद्यालय का सम्पूर्ण समर्पित भाव से सहयोग करने के लिए हार्दिक आभार जताया और सभी को दीवाली उत्सव की अग्रिम शुभकामनाओं के साथ शुक्रिया अदा किया।

अंत में राष्ट्र गान के साथ इस शानदार व अविस्मरणीय आयोजन का समापन जल-पान व खान-पान के साथ खुशियों से भरपूर माहौल में सम्पन्न हुआ।

वास्तव में ही यह वार्षिकोत्सव अपने आप में रोमांचक, प्रेरक, आकर्षक, वीरों की यादगार एवं भावनात्मकता से भरपूर रहा।

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