पलवल (विनोद वैष्णव) : हरियाणा योग आयोग, हरियाणा द्वारा एम वी एन विश्वविद्यालय में जिला आयुष विभाग एवं प्राकृतिक चिकित्सा संस्थानों के सहयोग से राष्ट्रीय चिकित्सा दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रोफेसर नरेन्द्र आहूजा विवेक ने स्वागत भाषण के साथ किया और योग की परिभाषा बताते हुए कहा की सामान्य भाषा में योग अर्थात जोड़ना यहां योग की जीवन शैली से हम आत्मा को परमात्मा से जोड़ते हैं। योगश्चित वृति निरोध अर्थात तीव्र गति मन को नियंत्रित करते हुए चित मन को अपने आधीन रखना। हम अपने जीवन में मन या चित की वृतियों के आधीन ना रहें। मन के दास बनने पर हमें दंड भुगतना पड़ता है। जीवन बीमा निगम का सूक्त वाक्य है योग क्षेमम व्हाम्हयम अर्थात योग क्षेम द्वारा जमा जीवन पूंजी को हम ईश्वर की न्याय व्यवस्था के अनुसार जमा करते हैं जिसे आवश्यकता पड़ने पर हमारी अच्छी नियति किस्मत या प्रारब्ध के रूप ईश्वर प्रदान करते हैं।
स्वागत भाषण के उपरान्त हरियाणा योग आयोग के सदस्य योगाचार्य राम जीत ने साथ आए योग साधको सौरभ, संजय, यश, निशांत, अभय के साथ विभिन्न आसन प्राणायाम प्रस्तुत करते हुए उनके विस्तृत लाभ बताए। आयुर्वेदिक अधिकारी ओरंगाबाद डॉ प्रशांत वशिष्ठ ने प्राकृतिक चिकित्सा के बारे बताते हुए रसोई अर्थात पाकशाला को हमारी प्राथमिक औषध शाला बताया।
विश्विद्यालय के प्रबंधक संचालक कांता शर्मा, कुलाधिपति वरुण शर्मा, कुलपति डॉक्टर अरुण गर्ग, उप कुलपति डॉक्टर एन पी सिंह, कुलसचिव डॉक्टर राजीव रतन ने इसकी सराहना की और कहा की आज के व्यस्त जीवन में बीमारियों से बचने के लिए योग जरूरी है।
अन्त में सबका धन्यवाद करते हुए फार्मेसी विभाग के डीन डॉ तरुण विरमानी ने योगाचार्य राम जीत, डॉ प्रशांत वशिष्ठ, नेहा भारद्वाज, कृष्ण भारद्वाज योग शिक्षक सौरभ, संजय आयुर्वेद योग सहायक औरंगाबाद का एम वी एन विश्वविद्यालय में आने पर धन्यवाद किया। कार्यक्रम का मंच संचालन आशीष भारद्वाज ने किया और इस दौरान सभी अध्यापक और गैर अध्यापक गन विद्यार्थियों सहित उपस्थित रहे।