अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर अवलंबन फाउंडेशन ने गरीब महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन बांटे

( विनोद वैष्णव )|अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर अवलंबन फाउंडेशन ने शहर के स्लम एरिया में रहने वाली गरीब महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन देने के साथ ही उन्हें जागरूक कराया। फाउंडेेशन की सीईओ संगीता ठुकराल ने बताया की शहर के ग्रामीण इलाकों में में सिर्फ 40 प्रतिशत महिलाएं ही सैनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल करती हैं। यानी आधी से अधिक ग्रामीण महिलाएं पीरियड्स के दिनों में सबसे जरूरी सैनिटरी पैड्स का इस्तेमाल ही नहीं करतीं। महिलाएं नैपकिन के विकल्प के तौर पर गंदे कपड़े या अन्य उपायों का इस्तेमाल करती हैं। संगीता ने उन्हें बुनियादी स्वास्थ्य और नैपकिन को डिस्पोज करने के बारे अवगत कराया। संगीता ठुकराल ने बताया कि स्लम एरिया में रहने वाली महिलाओं को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने और पीरियड्स के दिनों में सैनिटरी नैपकिन के प्रयोग के बारे में बताने के लिए अवलंबन फाउंडेशन की महिलाये इन दिनों कैंपेन चला रही हैं। एनसीआर क्षेत्र के झुग्गी-झोपडयि़ों वाले इलाकों में जा जाकर वहां की महिलाओं को फ्री में नैपकिन और स्वच्छता से जुड़ी अन्य सामग्री डिस्ट्रीब्यूट कर रही हैं। संगीता जी ने बताया इस कैंपेन के जरिए हम महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन की जगह गंदे कपड़े के इस्तेमाल से होने वाली बीमारियों के बारे में जागरूक कर रहे हैं। उन्हें बुनियादी स्वास्थ्य और नैपकिन को कैसे डिस्पोज किया जाए इस बारे में भी बता रही हैं। संगीता जी बताती हैं अभी मैंने कुछ दिनों पहले ही एक रिसर्च स्टडी के बारे में पढ़ा जिसमें भारत की महिलाओं के स्वास्थ्य के बारे में कुछ आंकड़े दिए हुए थे। उन्होनें बताया कि अवलंबन फाउंडेशन का यह कारवां बढ़ रहा है। उन्होनें बताया कि दिल्ली में एक सैनिटरी पैड बैंक भी चालू किया गया है जिसमे लोग सैनिटरी पैड भी डोनेट कर सकते हैं। जिससे गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली लड़कियों को फ्री नैपकिन दिया जाएगा। संगीता ठुकराल ने बताया कि स्टडी में यह बात सामने निकलकर आई है कि पीरियड्स के दौरान सैनिटरी नैपकिन न होने से स्कूल जाने वाली 13से 20 साल की लड़कियों को महीने में पांच दिन स्कूल का नुकसान होता है। वहीं 70 प्रतिशत ग्रामीण महिलाओं का कहना था कि वे इसे अफोर्ड ही नहीं कर सकती हैं। स्वच्छता और स्वास्थ्य के मामले में जहां एक तरफ हालत बदतर हैं वहां अवलंबन फाउंडेशन की महिलाओ की सोच और मेहनत इस देश को आगे ले जाने का काम कर रही है।
अवल�बन के फाउंडर मनोज जैन ने बताया की उनकी संस्था को फेसबुक,व्हाट्सप्प के जरिए लोग उन्हें प्रोहत्साहन दे रहे है और पेटीएम से डोनेट कर रहे हैं।

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