मानव रचना में ‘इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स’ अवेयरनेस पर कार्यशाला का आयोजन

Posted by: | Posted on: March 22, 2018

फरीदाबाद ( विनोद वैष्णव ) : मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज और हरियाणा स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नॉलोजी की ओर से इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मकसद था इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स को लेकर छात्रों को जागरूक करना।इस मौके पर डॉ. यशवंत देव पंवार, वैज्ञानिक पेटेंट फैसिलिटेशन सेंटर, TIFAC, विज्ञान एवं तकनीक विभाग, नई दिल्ली; अवीपशा ठाकुर,  सहायक उपाध्यक्ष, CIPAM, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार और नीलांशू शेखर, IPR सलाहकार ने हिससा लिया।MRIIRS के प्रो-वाइस चांसलर डॉ. एमके सोनी ने पेटेंट्स की महत्ता बताते हुए कहा कि पेटेंट लेने से पहले आप यह सुनिश्चित करें कि आपका आइडिया अलग है या नहीं. आईपीआर हेड और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पत्राली बनर्जी ने बताया कि मानव रचना में एक आईपीआर सेल स्थापित किया गया है और हमारा संस्थान आईपीआर को लेकर काफी सजग है।मानव रचना इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन सेंटर के डायरेक्टर डॉ. प्रदीप वार्षणीय ने यहां छात्रों को आईपीआर से जुड़े कुछ फैक्ट्स साझा किए। यहां मौजूद रहे MRIIRS के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नॉलोजी के ईडी और डीन डॉ. कृष्ण कांत ने भी इसी बात पर जोर दिया कि लोगों में आईपीआर को लेकर जागरुकता होनी चाहिए।तकनीक सत्र के दौरान अवीपशा ठाकुर ने राष्ट्रीय आईपीआर पॉलिसी के बारे में बात की। उन्होंनें बताया कि सरकार छात्रों को आईपीआर के बारे में जागरूक करने के लिए स्कूल लेवल से ही छात्रों को बढ़ावा दे रही है।डॉयशवंत देव पंवार ने इस मौके पर छात्रों को भारत में रजिस्टर किए जाने वाले अलग-अलग तरह के पेटेंट्स के बारे में जानकारी दी। उन्होंने अपने सेशन के दौरान बताया कि कैसे हम कॉपीराइट, ट्रेडमार्क इत्यादी ले सकते हैं। यहां मौजूद रहे नीलांशू सेखर ने बायोलॉजी के पेटेंट्स के बारे में बात की।तकनीक सेशन के बाद पैनल डिस्कशन रखा गया, जिसमें छात्रों ने पेटेंट्स से जुड़े कई सवाल पूछे और पैनलिस्ट्स ने मौके पर ही उनका जवाब दिया।





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