प्रत्यक्ष शक्ति का स्रोत “निरोगी काया” के उद्देश्य हेतु “जायका-ए-फार्मेसी” प्रतियोगिता का एम वी एन विश्वविद्यालय में आयोजन

( विनोद वैष्णव )|  को एम वी एन विश्वविद्यालय के तत्वाधान में फार्मेसी विद्यालय के बी फार्मा तृतीय वर्ष के छात्र व छात्राओं ने “जायका-ए-फार्मेसी” प्रतियोगिता का आयोजन विद्यालय प्रांगण में किया गया।इस कार्यक्रम के संचालक मोहित मंगला  ने बताया कि बी.फार्मा तृतीय वर्ष के 52 छात्र और छात्राएं ने 9 टीमों के रूप में 27 प्रकार के भारतीय व्यंजनों को बनाकर प्रदर्शित किया। छात्र व छात्राओं के बनाए गए व्यंजनों को विश्वविद्यालय के सभी अध्यापक, कर्मचारी गणों,अन्य संकाय व विभागों के छात्र/छात्राओं के द्वारा परखा और चखा गया।इस अवसर पर मोहित मंगला  ने बताया की शक्तियों में निरोगिता को ही पहली प्रत्यक्ष शक्ति माना गया है। एक अस्वस्थ रोगी व्यक्ति का मन, मस्तिष्क, स्वभाव आदि अस्त व्यस्त हो जाता है और वह कोई कार्य करने और उस कार्य को सफल बनाने की स्थिति में नहीं रहता। वह अपने लिए और दूसरों के लिए भार स्वरुप बन जाता है।निरोगी रहने के लिए क्या करना चाहिए? इस पर फार्मेसी संकाय की संकायाध्यक्ष डॉ ज्योति गुप्ता जी ने बताया‌ कि हमारी भारतीय परंपरा में बताया गया है कि प्रत्येक मसाले, जिन्हें पहले औषधि कहा जाता था, कि अपनी-अपनी एक औषध मूल्य होता है और उनको उचित अनुपात व मात्रा में प्रयोग किया जाए तो व्यक्ति निरोगी रहने में सफल हो सकता है। इसी संकल्पना पर उन्होंने छात्र व छात्राओं को प्रेरणा दी कि वह इस संकल्पना पर अपना अपना बुद्धि कौशल का प्रयोग व प्रदर्शन करें।इस अवसर पर प्रतियोगिता का मुख्य आकर्षण फायर छाछ, मसाला कार्न, स्प्राउट चाट, कर्ड फ्रूट, दलिया विद गुड़ आदि रहे।इस अवसर पर फार्मेसी संकाय के वरिष्ठ अध्यापक श्रीमान तरुण विरमानी जी ने बताया आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी में व्यक्ति आवश्यकता से अधिक खा लेता है जिससे उसके आमाशय में निकलने वाला पाचक रस उसे पचा नहीं पाता और वह खाना विष बन जाता है। अतः व्यक्ति को आधा पेट आहार, चौथाई पानी व चौथाई हवा के नियम के अनुसार भोजन करना चाहिए और भोजन को चबा चबा कर खाना चाहिए।अंत में विश्वविद्यालय के अतिरिक्त सह पाठयक्रम गतिविधि के प्रभारी डॉ राहुल वार्ष्णेय जी ने फार्मेसी संकाय का धन्यवाद देते हुए कहा कि फार्मेसी महाविद्यालय के कारण ही हम सभी जागरुक एवं सतर्क हो सके हैं और अपने जीवन में स्वस्थ तन व स्वस्थ मन की कहावत को चरितार्थ कर सकते हैं। इस अवसर पर एम वी एन विश्वविद्यालय के कुलपति माननीय डॉ जे बी देसाई जी व कुलसचिव माननीय डॉ राजीव रतन जी ने फार्मेसी संकाय की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन समय-समय पर करने से हम सभी को अद्यतन जानकारी होती है और हम सभी अपने आप को अपग्रेड कर लेते हैं। फार्मेसी संकाय के सभी अध्यापकगण, श्री मोहित संधुजा जी, श्रीमती रेशु विरमानी जी, श्री चरण सिंह जी, श्री विकास जोगपाल जी, श्री अतुल शर्मा जी, मि. शादाब आलम जी, श्रीमती कीर्ति शर्मा जी, श्रीमती माधुरी ग्रोवर जी, श्री गिरीश मित्तल जी व श्री त्रिलोक शर्मा जी सहित सभी कर्मचारी गणों ने छात्र/छात्राओं को हौसला व सहयोग प्रदान किया।

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