माफी मांगे अन्यथा मानहानि के मुकद्दमे का सामना करने के लिए अनिल विज रहें तैयार-दुष्यंत

नई दिल्ली/हिसार( विनोद वैष्णव ) । इनेलो सांसद दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को मानहानि का नोटिस भेजा है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि अनिल विज ने उन पर व्यक्तिगत टिप्प्णी की है, जिससे उनकी छवि धूमिल हुई है। स्वास्थ्य मंत्री विज अपनी टिप्पणी के लिए बिना शर्त माफी मांगे अन्यथा अदालत की आगामी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें।
सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि उन्होंने लोकतांत्रित ढंग से प्रदेश में हुए दवा खरीद में घोटाले को उजगार किया था और भविष्य में इस मामले से जुड़े कई और अहम् खुलासे भी करेंगे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र प्रणाली को मजबूती प्रदान करते हुए वह हरियाणा की जनता के हित में विपक्षी पार्टी का सांसद के रूप में अपनी भूमिका अदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दवा घोटाले को लेकर उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री पर कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की बल्कि उनसे दवा घोटाले की निष्पक्ष जांच करने की मांग कर रहे हैं। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री का पदभार होने के नाते अनिल विज का यह दायित्व है, कि 300 करोड़ के घोटाले के आरोपों और जो तथ्य करोड़ों रूपये की दवा खरीद को लेकर उजागर किए हैं उनकी सीबीआई और कैग से जांच करवाएं ताकि प्रदेश की जनता के सामने सच्चाई आए। परन्तु अनिल विज ने दवा घोटाले के जांच के आदेश देने की बजाय सांसद दुष्यंत चौटाला पर व्यक्तिगत टिप्पणी कर डाली। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि अनिल विज सत्ता की खुमारी में डूबे हुए हैं और बौखलाहट में इस तरह के बयानबाजी कर प्रदेश की जनता का ध्यान दवा घोटाले से हटाना चाहते हैं। अनिल विज का इस तरह का व्यवहार पूरी तरह से गैर जिम्मेदाराना है।
यहां बता दें कि पिछले दिनों सांसद दुष्यंत द्वारा दिल्ली में दवा घोटाले को लेकर प्रैस कांफ्रैस में किए गए नए खुलासों के बाद अनिल विज ने जांच करवाने की बजाय कहा था कि दुष्यंत ड्रग्स लेते और उन्हें अपना इलाज करवाना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने यह बयान जानबूझ कर दिया गया है जिससे कि दुष्यंत की छवि खराब हो।
दुष्यंत चौटाला ने मांग की है कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री इस बयान को न केवल वापस लें बल्कि इसके लिए बिना शर्त माफी मांगे अन्यथा वह अनिल विज के खिलाफ अदालत में मानहानि का मुकद्दमा दर्ज करेंगे। इनेलो सांसद ने कहा कि उन्होंने लीगल नोटिस प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री को दिया है और वह नोटिस के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए तो वह उनके खिलाफअदालत में जाने को बाध्य हो जाएंगे।

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