(विनोद वैष्णव )|जब बात पारंपरिक ऋणदाताओं के ऑनलाइन आने की योजना बनाने की हो, तो भारत की सबसे बड़ी पी2पी लेंडिंग कंपनी फेयरसेंट.कॉम उनके लिए एक पसंदीदा विकल्प के रूप में उभरी है। आज के माहौल में, जहां निवेश में कभी—कभार ही उम्मीद के अनुसार रिटर्न मिलता है और बैंकों जैसे संस्थानों में रखी हमारी ज्यादा बचत उन्हें सेवा शुल्क का भुगतान करने में ही चली जाती है, वहीं फेयरसेंट पहले से ही सत्यापित कर्जदारों को सीधे पैसे ऋण में देने और अपने निष्क्रिय धन पर कुछ अतिरिक्त आय कमाने का अनोखा मौका देता है। पारंपरिक ऋणदाताओं को यह प्लेटफार्म आकर्षक लगता है क्योंकि अब वे फेयरसेंट के प्लेटफार्म के माध्यम से कई कर्जदारों तक पहुंच सकते हैं।फेयरसेंट का यह मॉडल पारंपरिक मॉडल्स की तुलना में बेहतर ब्याज दर देता है क्योंकि यह बिचौलियों को अलग करता है और ऋणदाताओं को अंतिम प्रयोक्ता यानि कर्जदार से सीधे मिलाता है। पारंपरिक तौर पर, बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान कम ब्याज दर (जैसे 6-10%) पर पैसे इकट्ठा करते हैं (बचत खाते या नियत या आवर्ती जैसे जमा के माध्यम से) और इसे कर्जदारों को काफी ज्यादा दरों (18-36%) पर ऋण देते हैं। इस मार्जिन का इस्तेमाल बड़े खर्चों का भुगतान करने के लिए किया जाता है जैसे कि हजारों कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करना और सैकड़ों शानदार शाखाओं को मैंटेन करना, आदि। फेयरसेंट कर्जदारों और ऋणदाताओं को सीधे मिलाता है, जिससे बिचौलियों का खर्च बचता है और कर्जदार जल्दी और कम ब्याज दर पर ऋण पाने में सक्षम होता है और ऋणदाता को भी बैंक डिपॉजिट में बेकार पड़े फंड्स से बेहतर रिटर्न्स कमाने की सुविधा मिलती है।
पी2पी लेंडिंग कंपनी -फेयरसेंट पारपंरिक ऋणदाताओं को ऑनलाइन आने के लिए आकर्षित कर रही है
