हम अपने सामाजिक उद्देश्य के तहत स्वस्थ धरा और स्वच्छ भारत की दिशा में काम कर रहे हैं- विद्युत मंत्री श्री आर. के. सिंह

( विनोद वैष्णव )|एनटीपीसी राजधानी और एनसीआर को स्वच्छ वातावरण देने के लिए कृषि अवशेष एवं नगरपालिका ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन में सबसे अग्रणी रहा है। एनटीपीसी ने विद्युत उत्पादन हेतू जैव-ईंधन (बायो-मास) का इस्तेमाल करने के लिए एक पायलट परियोजना का संचालन सक्रियता से किया, जिससे साबित हो गया है कि जैव-ईंधन विद्युत उत्पादन द्वारा स्वच्छ वातावरण हेतू समाधान है। हम भारत के पर्यावरण को स्वच्छ बनाकर विद्युत उत्पादन तथा स्वच्छ भारत अभियान में अपना योगदान देना चाहते हैं।’’ श्री आर. के. सिंह, माननीय राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा ने विषय  पर एनटीपीसी के दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा। उन्होंने कहा, ‘‘धरती को स्वच्छ और स्वस्थ बनाना हमारा दीर्घकालिक सामाजिक उद्देश्य है और इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए बड़ी लागत की आवश्यकता है। हम ऐसी नीतियां बनाना चाहते हैं ताकि स्वच्छ भारत के लिए हमारे दीर्घकालिक लक्ष्यों को पूरा किया जा सके। कृषि अवशेष और नगरपालिका ठोस अपशिष्ट दोनों का इस्तेमाल विद्युत उत्पादन के लिए किया जा सकता है, हमें इस प्रक्रिया के उचित इस्तेमाल के लिए चुनौतियों का समाधान करना होगा।’’
इस अवसर पर श्री ए. के. भल्ला सचिव विद्युत, भारत सरकार ने कहा, ‘‘एनटीपीसी पूरे देश की प्रमुख कंपनी है और मैं एनटीपीसी प्रबन्धन की सराहना करता हूँ जिसने स्वच्छ वातावरण की दिशा में इस अनूठी अवधारणा को प्रोत्साहित किया है। मेरा मानना है कि यह सम्मेलन सभी हितधारकों के लिए महत्वपूर्ण मंच है जो उन्हें अखिल-भारतीय स्तर पर विद्युत परियोजनाओं में आने वाली समस्याओं तथा इस क्षेत्र से जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करेगा। सम्मेलन के महत्वपूर्ण तथ्य एक बेहतर कल के लिए प्रगतिशील बदलाव का मार्ग प्रशस्त करेंगे। हम इस पहल को अपना पूरा समर्थन प्रदान करेंगे।’’
सम्मेलन पर अपने विचार अभिव्यक्त करते हुए श्री गुरदीप सिंह, सीएमडी, एनटीपीसी ने कहा, ‘‘इस पहल की शुरूआत कुछ समय पहले हुई जब पिछले साल अक्टूबर माह में शहर में प्रदूषण से जूझ रहा था। हमारे मंत्रालय ने इसके लिए नीतिगत ढांचा तैयार किया, जिसके माध्यम से हमने कृषि अवशेष एवं अन्य ठोस अपशिष्टों के सही इस्तेमाल की दिशा में व्यवहारिक समाधान उपलब्ध कराने के लिए काम किया।’’
तीन उद्देश्यों- स्वच्छ हवा, स्वच्छ भारत एवं रोज़गार सृजन के लक्ष्य से इस दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है। कृषि अवशेष एवं नगरपालिका ठोस अपशिष्टों से विद्युत उत्पादन सही तरीका है। यह पहल आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी और साथ ही एमएसएमई सेक्टर में अवसर भी पैदा करेगी।

निगमायुक्त मौहम्मद शाइन ने बताया कि विभिन्न ग्रुप हाउसिंग सोसाईटियों, होटलों, औद्योगिक संस्थानों, अस्पतालों, स्कूल-कालेजों एवं ऐसी अन्य संस्थाओं से बहुत अधिक मात्रा में उद्यान के पत्तों, घास एवं अन्य पौधों की कटिंग का कूड़ा निकलता है। जिसे नियमों के अनुसार निपटारा नहीं किया जाता है और यह एक परेशानी का कारण बन जाता है क्योंकि यह जगह-जगह पर पड़ा सड़ता रहता है जोकि हरियाणा मुनिसिपल कारपोरेशन एक्ट की धारा 1994 के सैक्शन 309 का उल्लंघन है और यह कूड़ा ठोस अवशेष में मिला दिया जाता है जिससे इसे उठाने में अतिरिक्त भार पड़ता है इसलिए उपरोक्त संस्थान भविष्य में उपरोक्त संस्थाओं से निकलने वाले उद्यान सम्बन्धित कूड़े को अपने स्तर पर ही वैज्ञानिक तरीके से वातावरण नियमों को ध्यान में रखते हुए प्रबन्ध एवं निपटारा करें संबंधित कूड़े को किसी भी स्थिति में ना जलाये, अन्यथा हरियाणा म्युनसिपल कारपोरेशन एक्ट 1994 के तहत कार्यवाही की जायेगी।

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