( विनोद वैष्णव )| आप किसी से बात कर रहे हों, तो आपकी ओर से उसके मुंह फिराने की वजह से आपको षर्मसार होना पड़ता है? सावधान हो जाईये यह इसलिए होता है क्योंकि आपकी सांसों की बदबू से वह व्यक्ति आपसे दूर हो जाता है। इससे चिंता और तनाव भी होता है क्योंकि बात करते वक्त आपका ध्यान केवल इस ओर लगा रहता है कि दूसरा व्यक्ति आपकी सांसों से बचने का प्रयास तो नहीं कर रहा।
मैक्स हेल्थकेयर के सीनियर कंसल्टैंट डेंटल सर्जन एवं सेक्रेटरी जनरल, एकेडमी फाॅर ओरल इंप्लांटोलाॅजी, इंडिया, डाॅ. अजय षर्मा ने कहा कि निरंतर सांस की बदबू या फिर मुंह का खराब स्वाद मसूढ़ों की बीमारी का संकेत हो सकता है। मसूढ़ों की बीमारी आपके दांतों पर प्लाक के जम जाने के कारण होती है। प्लाक के कारण उत्पन्न होने वाले बैक्टीरिया ओरल कैविटी में टाॅक्सिन बनाते हैं। इससे मसूढ़ों में जलन हो सकती है और इस स्थिति में तत्काल मेडिकल जांच की जरूरत हो सकती है।
सांस की बदबू रुखे मुंह की वजह से भी हो सकती है। लेकिन एक बात स्पश्ट है कि सांस की बदबू खराब ओरल हाईज़ीन की वजह से होती है। खराब आदतों के कारण आपके दांतों, जीभ और मसूढ़ों पर बैक्टीरिया जम जाने के कारण बदबू पैदा होती है। लंबे समय तक इन बैक्टीरिया के जमे रहने से मसूढ़ों एवं दांतों का खराब होना षुरु हो जाता है। यद्यपि यह एक मेडिकल संकट नहीं है, लेकिन निरंतर ऐसा रहने से दांत व मसूढ़े इतने कमजोर हो सकते हैं कि खाना चबाना भी आपके लिए पीड़ादायक हो सकता है।
षोध बताती है कि 35 से 45 प्रतिषत जनसंख्या सांस की बदबू से पीड़ित होती है। ओरल हाईज़ीन उत्पादों की बिक्री लोगों के बीच इस समस्या का प्रमाण है। युवा कहते हैं कि मिंट, च्यूईंग गम, माउथवाॅष जैसे उत्पाद मुख्यतः सांस की बदबू को दूर करने के लिए खरीदे जाते हैं। उनका विचार है कि सांस की बदबू इस बात का फैसला करती है कि आप किसी व्यक्ति से बात करना चाहते हैं या फिर नहीं।
डाॅ. अजय षर्मा ने कहा, ‘‘सांस की बदबू रोकने वाले उत्पाद समस्या का अस्थायी समाधान करते हैं और कुछ समय बाद यह समस्या फिर वापस आ जाती है। इसलिए यह आवष्यक है कि इस समस्या का स्थायी समाधान करने के लिए ओरल केयर के विषेशज्ञ से मेडिकल सहायता ली जाए।’’
सांस की बदबू का कारण पहले बताया जा चुका है। लेकिन बदबू पैदा करने वाले अन्य कारणों में कुपोशण, अनियंत्रित डायबिटीज़ और रुखा मुंह (लार में एंटीमाईक्रोबियल गुण होते हैं) षामिल हैं। गला खराब होने या साईनुसाईटिस या फिर आंतों की समस्याओं जैसे हार्टबर्न, अल्सर एवं लैक्टोज़ इनटाॅलरेंस के कारण भी सांस बदबूदार हो सकती है।
खाने-पीने की आदतों जैसे लहसुन, प्याज, काॅफी एवं अल्कोहल आदि के कारण भी अस्थायी तौर पर सांस में बदबू हो सकती है। धूम्रपान करने वालों की सांस में भी बदबू आने लगती है। सांस में बदबू के इलाज में बीमारी का इलाज करना और इसे स्थायी रूप से दूर करना षामिल है।
सांस की बदबू दूर करने के लिए डाॅ. षर्मा कुछ तरीके बता रहे हैंः
ऽदिन में ढेर सारा पानी पिएं और मुंह को लुब्रिकेटेड रखें तथा सूखने न दें। इससे सांस की बदबू दूर होगी।
ऽहर बार खाने के बाद कई बार पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से भी मदद मिलेगी। दिन में दो बार ब्रष करने और दांतों को फ्लाॅस करने से भी सांस की बदबू दूर होती है।
ऽसुबह दांतों को ब्रष करने के साथ जीभ की सफाई भी करें। इससे जीभ पर फंगस इकट्ठा नहीं होगा और जीभ से डेड सेल्स साफ हो जाएंगी।
ऽअपना टूथब्रष हर तीन माह में बदलें। टूथब्रष कब बदलना है, इसके लिए ब्रष के ब्रिसल्स के रंग में होने वाला परिवर्तन देखें और जब रंग फींका पड़ने लगे, तो ब्रष को बदल दें।
ऽनियमित तौर पर डेंटिस्ट के पास जाने से ओरल संक्रमण या बीमारी या अस्थायी समस्याओं को रोकने में मदद मिलेगी।
ऽलौंग, सौंफ आदि नियमित रूप से चबाना दांतों के लिए एंटीबायोटिक का काम करता है। नींबू के छिलके या संतरे के छिलके भी आपके मुंह में ताजगीभरी महक और स्वाद लाते हैं। ये सलाईवरी ग्रंथियां उत्तेजित कर आपका मुंह साफ करते हैं तथा सांस की बदबू रोकते हैं।
ऽ30 सेकंड तक माउथवाॅष से कुल्ला करने से आपकी सांस ताजा बनी रहती है और सांस की बदबू दूर होती है।
ऽयह आप वृद्ध हैं और नकली दांत लगाते हैं, तो आप रात में अपने दांतों को बाहर निकाल दें और इसे अच्छी तरह से साफ कर लें, ताकि खाने पीने की वजह से इसमें बैक्टीरिया जमा न हों।
अंत में सांसों में बदबू के कारण व्यक्ति निरंतर तनाव में रहता है और इसकी वजह से अवसाद में भी आ सकता है। इनमें से ज्यादातर लोग सांस की बदबू से छुटकारा पाने के लिए सर्जिकल विकल्प भी चुन लेते हैं। लेकिन इसका इलाज बहुत आसान है और आप खुद यह इलाज कर सकते हैं। इसलिए