पलवल( विनोद वैष्णव )। स्वास्थ्य विभाग की प्रवक्ता डॉक्टर सुषमा चौधरी ने बताया कि 10 सितंबर 2018 को सिविल सर्जन डा. प्रदीप शर्मा व नोडल अधिकारी डा. रेखा सिंह के नेतृत्व में औरंगाबाद के एडवांस इंस्टिट्यूट ऑफ एजुकेशन कॉलेज में जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम द्वारा विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस आयोजित किया गया।
सिविल सर्जन ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आजकल के आधुनिक दिनचर्या मद्देनजर बच्चों में पढ़ाई के ज्यादा दबाव से मानसिक तनाव पैदा होता है व आधुनिक तकनीक जैसे मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप आदि का अनुचित प्रयोग भी तनाव पैदा करता है। उन्होंने कहा कि तकनीकी का उचित प्रयोग करें। अपने खाली समय को खेलकूद, योगा, व्यायाम व मनोंरजन में बिताकर तथा सुसंगति में रहकर नकारात्मक विचारों से बचा जा सकता है। कार्यक्रम में डॉक्टर रेखा सिंह ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने भी विद्यार्थियों को मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आज के तनावपूर्ण वातावरण में बच्चों को अकेलेपन, उदासी व नशे से दूर रहना चाहिए और अपने साथ होने वाली किसी भी घटना के बारे में अपने परिवार में अपने माता पिता को बताना चाहिए, जिससे कि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके तथा माता-पिता को भी बच्चों के साथ प्रेम व दोस्ताना व्यवहार रखना चाहिए, ताकि बच्चे अपनी बात कहने से न डरें।
इस अवसर पर कॉलेज में विद्यार्थियों के बीच ड्राइंग व डिबेट प्रतियोगिता कराई गई और प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को सिविल सर्जन डॉक्टर प्रदीप शर्मा और डॉक्टर रेखा सिंह द्वारा प्रशंसा पत्र व इनाम और फल वितरित किए गए। कार्यक्रम के अंत में डॉक्टर धर्मवीर नेहरा साइकेट्रिस्ट द्वारा विद्यार्थियों को आत्महत्या रोकथाम दिवस के बारे में जानकारी दी गई व जागरुक किया गया। मधु डागर साईंकोलोजिस्ट ने विद्यार्थियों को मेंटल इलनेस के बारे जागरूक किया। कार्यक्रम में टीम के पदाधिकारी ममता रावत व सुभाष ने अपना पूर्ण योगदान दिया।