फरीदाबाद (विनोद वैष्णव ) |विश्व विख्यात कवि कुमार विश्वास ने कांव्याजलि में जमाया देशभक्ति का अनोखा रंग ‘है नमन उनको जिनके सामने बौना हिमायल, जो धरा पर गिर पड़े वो आसमानी हो गए..’फरीदाबाद। फरीदाबाद के ऐतिहासिक दशहरा मैदान में बीती देर रात आयोजित देश के अमर शहीदों को समर्पित ‘सैन्य-शौर्य और सरहद को सलाम’ नामक काव्यांजलि में विश्व विख्यात कवि डा. कुमार विश्वास द्वारा पढ़ी गई रचनाओं ने हजारों-हजारों की तादाद में श्रोताओं की आंखों को नम कर दिया। बडखल की विधायक सीमा त्रिखा द्वारा आयोजित देशभक्ति के इस कार्यक्रम का शुभारंभ हाल ही में पुलवामा हमले में शहीद हुए अटाली के जाबांज कमांडो संदीप की धर्मपत्नी सहित जिले की उन सभी अमर शहीदों के परिजनों व 1971, 1965 व कारगिल में हुए युद्ध में भाग लेने वाले पूर्व सैनिकों ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्जवलित कर किया, जबकि कार्यक्रम में केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह प्रांत प्रमुख गंगाशरण मिश्र, महापौर सुमन बाला, भाजपा के प्रदेश महासचिव संदीप जोशी विशेष रूप बतौर मुख्यातिथि मौजूद थे। समारोह में खास बात यह रही कि कार्यक्रम की आयोजक बडखल की विधायक सीमा त्रिखा दर्शकों में सबसे पिछली वाली सीट पर बैठी। काव्यांजलि कार्यक्रम में विश्व विख्यात कवि डा. कुमार विश्वास ने जब अपने काव्य पाठ की शुरुआत ‘है नमन उनको जिनके सामने बौना हिमायल, जो धरा पर गिर पड़े वो आसमानी हो गए.. ‘हम तो करते है वेतन के लिए काम, लेकिन जवान करता है वतन के लिए काम’ पढऩा शुरु किया तो खचाखच भरा पंडाल देश भक्ति वातवरण के साथ तालियों की गडगडाहट से गूंजामय हो गया वहीं हजारों आंखें एक साथ नम हो गई। उन्होंने दूसरी कविता पढ़ते हुए ‘उसी की दी हुई दौलत उसी के नाम करता हूं, हवा का काम है चलना, दिये का काम है जलना, वो अपना काम करती है मैं अपना काम करता हूं’ तुम्हारी ओर मेरी रात में फर्क इतना है कि तुम्हारी सो के गुजरी है, हमारी रो के गुजरी है’ ‘ऐसी जवानी का क्या फायदा, बिना कथानक के कहानी का क्या फायदा’ के बोल पर जहां देश के अमर शहीदों को नमन करते हुए लोगों में देशभक्ति का जज्बा भरने का काम किया वहीं अपनी सुप्रसिद्ध रचना ‘कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है’ ‘खून के बदले खून चाहिए कहता है इजरायल, अलग है छत्तीस इंच के सीने वाले का स्टाईल, दिनभर रैली करे बम की बौछार’ पर युवाओं को खूब जोडऩे का काम किया। वहीं उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व सोनिया गांधी पर भी जमकर व्यंग कस लोगों को लोटपोट कर दिया। डॉ.कुमार विश्वास ने राजनीतिक तीर छोड़ते हुए श्रोताओं के दिलों पर असर किया तो कवि सम्मेलन में एकमात्र महिला कवि डॉ.सरिता ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर अनोखी छाप छोड़ी। ऐसे ही मंच संचालन करते हुए कवि दिनेश रघुवंशी ने शहीदों को नमन किया और प्रभावशाली मुक्त प्रस्तुत किए। सुदीप भोला ने भी अपनी प्रस्तुति से खूब रंग जमाया। काव्यांजलि कार्यक्रम के अंत में केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर व कार्यक्रम की आयोजक विधायक सीमा अश्विनी त्रिखा ने वीरांगनाओं व युद्ध सैनिकों को स्मृति चिन्ह देकर बडखल क्षेत्र की जनता की ओर से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में खास बात यह रही कि बेशक यह कार्यक्रम बडखल की भाजपा विधायक सीमा त्रिखा द्वारा आयोजित किया गया, लेकिन समूचे कार्यक्रम में कही भी राजनैतिक रंग देखने को नहीं मिला और यह पूरा कार्यक्रम देशभक्ति को समर्पित रहा, लेकिन कार्यक्रम में जिस प्रकार से हजारों-हजारों की संख्या मेें लोगों का हजूम उमड़ा, उससे सीमा त्रिखा की लोकप्रियता को जरुर चांद चार लगे है। त्रिखा के श्रोताओं में सबसे पिछली सीट पर बैठकर सुनना जहां लोगों को खूब भाया वहीं उच्च कोटि के कवि कुमार विश्वास सहित सभी कवियों ने अपने अंदाज में इसे देश का अनोखा कार्यक्रम बताया। वहीं केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने अपने समापन भाषण में कहा कि देश आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुरक्षित हाथों में है और जब भी पाकिस्तान कोई भी नापाक कोशिश करेगा, उसका भारतीय सेना द्वारा मुंह तोड़ जवाब दिया। उन्होंने फरीदाबाद की पावन धरती पर शहीदों की याद में आयोजित इस काव्यांजलि कार्यक्रम में पहुंचे देश के अलग-अलग प्रांतों से आए कवियों का आभार भी व्यक्त किया। इस मौके पर उपमहापौर मनमोहन गर्ग, शिक्षाविद सीबी रावल, भाजपा नेता आरके चिलाना, शम्मी कपूर, पार्षद अजय बैंसला, सरदार जसवंत सिंह, सुनील भड़ाना टैम्पू, आनंदकांत भाटिया, राजीव चावला, राकेश धुन्ना, पलवल के पार्षद प्रवीन ग्रोवर सहित अनेकों गणमान्य लोग मौजूद थे।
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