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CET परीक्षा को लेकर जिला उपायुक्त फरीदाबाद की प्रेस कॉन्फ्रेंस

CET परीक्षा को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस

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नेशनल किकबॉक्सिंग चैंपियनशिप में डीएवी शताब्दी के छात्र का सिल्वर मेडल

फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : वाको इंडिया किकबॉक्सिंग फेडरेशन द्वारा आयोजित नेशनल किकबॉक्सिंग चैंपियनशिप 2025(सीनियर्स एंड मास्टर्स) गेम्स में डीएवी शताब्दी महाविद्यालय के छात्र कुनाल ने रजत पदक प्राप्त किया | छत्तीसगढ़ के रायपुर में 16-20 जुलाई को हुई प्रतिस्पर्धा में कुनाल ने दमदार प्रदर्शन करते हुए ‘माइनस 91 लो-किक’ श्रेणी में द्वितीय स्थान हासिल किया |

महाविद्यालय पहुँचने पर छात्र का जोरदार स्वागत किया गया | महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. नरेन्द्र कुमार ने विजेता छात्र को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी | प्राचार्या ने बताया कि कुनाल बीबीए तृतीय वर्ष में अध्ययनरत है और काफी मेहनती है | उन्होंने इस सफतलता का श्रेय छात्र को दिया और भविष्य में होने वाली अन्य प्रतियोगिताओं की बेहतर तैयारी के लिए प्रेरित किया |

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कोलकाता से चोरी की गयी सोना के मामले में लालबाजार पुलिस ने बराकर के एक ज्वेलर्स मालिक को किया गिरफ्तार–

कुल्टी (वसीम खान) : कोलकाता के पोस्ता थाना क्षेत्र में सोना की चोरी की घटना हुयी थी।इसे लेकर कोलकाता पुलिस ने अख्तर आलम नामक एक युवक को गिरफ्तार किया।जो मध्य प्रदेश का निवासी बताया जाता है।पुलिस की पूछताछ में अख्तर आलम ने बताया कि चोरी की गई सोने की खरीदारी बराकर के गिन्नी ज्वेलर्स के मालिक कृष्णा बर्मन ने की है।कोलकाता लालबाजार के क्राइम विभाग की पुलिस ने अख्तर आलम को लेकर बराकर पहुँची।

अख्तर के निशानदेही पर कोलकाता पुलिस ने गिन्नी ज्वेलर्स के मालिक व कुल्टी बीएनआर निवासी कृष्णा बर्मन को गिरफ्तार किया।कोलकाता पुलिस ने इस संबंध में कुल्टी थाना में कागजी कारवाई कर पुलिस वाहन में कोलकाता ले गयी इस घटना को लेकर बराकर ज्वेलर्स दुकान के मालिकों में हड़कंप मचा हुआ है।

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जानिए क्यों है बीकानेर मिष्ठान भंडार (सीकरी) का घेवर अन्य घेवर से स्वादिष्ट

बल्लभगढ़ (विनोद वैष्णव) : सावन की प्रसिद्ध मिठाई घेवर की सोंधी -सोंधी महक हलवाईयों की दुकानों की तरफ खींच ही ले जाती है। सावन का महीना आते ही बाजारों की रौनक बढ़ने लगी है। घेवर व अन्य पकवानों की दुकानें सज गई हैं। सावन का पर्व शुरू होते ही लोग भी घेवर व अन्य मिष्ठान खरीदने को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसके चलते ही लोग इस माह में ज्यादातर घेवर की मिठाईयों की तरफ आकर्षित हो रहे हैं और इनका स्वाद चख कर आनंद लेने से पीछे नहीं हट रहे हैं।

घरों में रौनक है, हाथों में मेंहदी है, और थाली में घेवर है!
राजस्थान की शान — घेवर!
सावन और तीज का स्वाद,
जिसमें घुला है देसी घी, केसर, चाशनी और ढेर सारा प्यार।
त्योहार अधूरा है जब तक घेवर न हो!

सावन का महीना शुरू होते ही एक ओर जहां लोगों को गर्मी व लु से निजात मिलती है वहीं घेवर का भी स्वाद लेते हैं। तीज का पर्व होने के कारण यह महीना विशेष महत्व रखता है। तीज पर लोग अपने सगे संबधियों व लडकियों को संधार में घेवर भेज कर उनकी खुशियों में शामिल होते हैं। वहीं बहने भी अपने भाईयों को तीज देने पर उनकी दीर्घायु की मंगलकामनाएं करते हैं। वहीं बाजारों में भी तीज की रौनक लौट आती है। बाजार फिरनी व घेवर की दुकानों से सज जाते हैं। लोग इन दुकानो की तरफ आकर्षित हो जाते हैं।

संचालक ने बताया कि क्यों सावन में घेवर बनता है ?

सावन का मौसम सबसे बरसाती का मौसम होता है जिसके कारण मौसम में नमी होती है इसलिए घेवर भी बहुत नमी वाला बनता है। बस सावन में ही घेवर बनता है अगर और मौसम में घेवर बनाया गया तो घेवर ज्यादा हार्ड बनेगा और स्वाद भी नहीं आएगा ।

घेवर कई प्रकार के होते है :-

प्लेन घेवर
मलाई घेवर
केसर घेवर
प्लेन घेवर 680 , मलाई घेवर 680 रुपये किलो , वही बात करे केसर मलाई घेवर की तो ये 720 रुपए किलो है

कैसे बनाया जाता है घेवर :

घेवर को शुद्ध देसी घी और मैदे में मिलाकर पकाया जाता है और इसे बनाने में अनोखी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। जब भी वह ठंडा हो जाता है तो उसे चासनी में डुबोया जाता है और फिर इसे इस पर कटे हुए मेवे और केसर से सजाया जाता है।

घेवर को कभी फ्रीज में ना रखें :

आपको बता दें कि घेवर को कभी घर पर ले जाकर फ्रिज में नहीं रखना चाहिए क्योंकि उसमें नमी आने का डर रहता है। प्लेन घेवर को आप लगभग 7 दिनों तक खा सकते हैं एवं मलाई घेवर को आप 3 दिनों तक खा सकते हैं। अगर घेवर खाने पर आपको खट्टापन आता है तो आप समझ जाए कि घेवर खराब हो चुका है।

बीकानेर मिष्ठान भंडार (सीकरी) का घेवर अन्य घेवरो से क्यों स्वादिष्ट है :-

संचालक का कहना है कि उनके वहा घेवर शुद्ध देसी घी मे बनाया जाता है ताकि उसके स्वाद में किसी प्रकार की कोई कमी न रहे तो इसलिए किसी प्रकार की कोई मिलावट नहीं की जाती है। कई बार जांच करने पर भी हमारा घेवर सही पाया गया है।सफाई व शुद्धता हमारी प्राथमिकता में शामिल हैं, ग्राहक की संतुष्टि ही हमारा लक्ष्य है। सावन की मिठाई घेवर बरसात होने पर अधिक स्वादिष्ट लगता है व इसकी बिक्री में भी इजाफा हो जाता है। ज्यों-ज्यों तीज का त्यौहार निकट आता जाएगा, त्यों-त्यों घेवर की बिक्री बढती जाएगी।

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के. सी. एम० वर्ल्ड स्कूल में नीट में सरकारी मेडिकल कॉलेजों के लिए चयनित होने वाले छात्रों को किया सम्मानित

पलवल (विनोद वैष्णव) : टीकरी ब्राहमण स्थित के.सी.एम. वर्ल्ड स्कूल में नीट में सरकारी कॉलेज के लिए चयनित होने वाले  32 छात्रों का विद्यालय की प्रबंधन समिति द्वारा जोरदार स्वागत किया गया| विद्यालय के प्रबंधक अनिल भारद्वाज , प्रधानाचार्या पारुल भारद्वाज तथा 11वीं व 12वीं के अध्यापकों द्वारा चयनित छात्रों व उनके अभिभावकों का पुष्प-माला पहनाकर स्वागत किया गया| ढोल, गाने, बाजे तथा विद्यार्थियों की करतल ध्वनि से पूरा विद्यालय गूँज उठा| सभी शिक्षकों ने नीट परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्रों का हार्दिक अभिनंदन करते हुए उनके अभिभावकों को हार्दिक बधाई दी|

सभी चयनित छात्रों ने नीट में मिली सफलता के पूरे सफर को सभी के साथ साझा किया| उन्होंने अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने अध्यापकों  को व अभिभावकों को दिया कि किस प्रकार उन्होंने उनके हार मानने से जीत तक के सफर में उनका साथ दिया| साथ ही उन छात्रों ने खुद पर विश्वास रखने को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बताते हुए आगे बढ़ते रहने की सलाह दी| बता दें कि विद्यालय के विद्यार्थी पुष्पेंद्र रावत ने नीट की परीक्षा में 599 अंक प्राप्त करके विद्यालय में पहला स्थान प्राप्त किया है। इसके अलावा सरकारी कॉलेज के लिए चयनित होने वाले छात्रों मेंअदिति , हर्षिका, लोकेश चौहान , साक्षी , सत्यम , रश्मी रावत , क्षितिज , उर्वशी, लकी जैन, पलक , सार्थक सिंगला , पूजा , कार्तिक, कीर्ति , जतिन , बरखा, दिव्या, सुमित सोरौत , वंदना , कनिका रावत , साहिल, हिमांशु , प्राची , सृष्टि , हिमानी , रिषिका, अमन, पुष्पेंद्र , प्रिंसि, परमीत सिंह , ओझल व ओंकार शामिल हैं| 

इन सभी सफल छात्रों ने विद्यालय के बाकी विद्याथियों के साथ अपने मेहनत के सफ़र को साँझा किया तथा उन्हें लगातार अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रयासरत रहने के लिए प्रेरित किया| सभी अभिभावकों ने भी विद्यालय प्रबंधन एवं शिक्षकों की प्रशंसा व धन्यवाद किया| उन्होंने कहा कि उनके तथा उनके बच्चों के सपनों को पूरा करने का श्रेय के.सी.एम. वर्ल्ड स्कूल की पूरी टीम को जाता है| साथ ही नित 2024 के तहत एम्स दिल्ली के लिए चयनित होने वाले केशव, एस एचकेएम मेडिकल कॉलेज जाने वाले विनीत और अभय व जीएमसी अनंतनाग जाने वाले हर्ष भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे। इनका और इनके अभिभावकों का भी विद्यालय प्रबंधन द्वारा सम्मान किया गया। इसी वर्ष एनडीए में चयनित हुए रमन करहाना के पिता बिजेंद्र करहाना को भी सम्मानित किया गया। विद्यालय के ही विद्यार्थी रहे रितिक दुआ की संगीत प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के मेडिकल डिपार्टमेंट के शिक्षक सुरजीत डिंडा ने किया। अनिल भारद्वाज ने कहा कि यदि शिक्षकों का मार्गदर्शन और अभिभावकों का अटूट विश्वास एक साथ मिल जाए तो बच्चों का सफल होना निश्चित है।

Posted by: | Posted on: 4 weeks ago

अग्रवाल कॉलेज बल्लबगढ़ के गणित विभाग द्वारा मनाया गया ‘पाई एप्रॉक्सिमेशन डे’

अग्रवाल कॉलेज बल्लबगढ़ के गणित विभाग द्वारा आज 22 जुलाई 2025 को ‘पाई एप्रॉक्सिमेशन डे’ मनाया गया। अग्रवाल विद्या प्रचारिणी सभा के प्रधान एवं अग्रवाल कॉलेज अध्यक्ष श्री देवेंद्र कुमार गुप्ता, अग्रवाल कॉलेज महासचिव एडवोकेट दिनेश कुमार गुप्ता और कॉलेज प्राचार्य डॉ संजीव कुमार गुप्ता एवं विंग 1 के इंचार्ज डॉ सचिन गर्ग के संरक्षण में कॉलेज में अनेक शैक्षणिक गतिविधियां समय-समय पर आयोजित होती रहती है। इसी श्रृंखला में यह दिन बड़े उत्साह के साथ मनाया गया । इसमें मुख्य रूप से बीएससी मैथ ऑनर्स और एमएससी मैथ के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।

इस आयोजन का उद्देश्य छात्रों में गणितीय जागरूकता और रचनात्मकता को बढ़ावा देना था। इस दिन को रोचक बनाने के लिए तीन गतिविधियों का आयोजन किया गया। छात्रों ने पाई के अंकों को पढ़ने में अपनी स्मृति और गणितीय कौशल का प्रदर्शन किया जिसमें बीएससी मैथ ऑनर्स द्वितीय वर्ष की खुशी ने बाजी मारी। विद्यार्थियो ने कला और शिल्प के माध्यम से अपनी रचनात्मकता व्यक्त की, जिसमें पाई-थीम वाले डिजाइन और अवधारणाएँ शामिल थीं।

इस प्रतियोगिता में बीएससी मैथ्स ऑनर्स द्वितीय वर्ष की शैली ने प्रथम स्थान खुशी ने द्वितीय स्थान, बीएससी मैथ्स ऑनर्स फाइनल वर्ष की मीनाक्षी ने तृतीय स्थान तथा सांत्वना पुरस्कार कशिश ने हासिल किया। छात्रों ने पाई थीम वाले व्यंजनों के माध्यम से पाक कौशल का प्रदर्शन किया जिसमें बीएससी तृतीय वर्ष की मीनाक्षी ने बाजी मारी। गणित विभाग अध्यक्ष डॉ के एल कौशिक जी ने सभी विजेता विद्यार्थियों को बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस कार्यक्रम में आयोजन सचिव की भूमिका श्रीमती नेहा गोयल एवं डॉ रेनू बाला ने निभाई। जज के रूप में हिंदी विभाग अध्यक्ष डॉ रेनू माहेश्वरी और अंग्रेजी विभाग की प्रवक्ता श्रीमती शैली मलिक उपस्थित रही। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में समस्त गणित प्रवक्तागणों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

Posted by: | Posted on: 1 month ago

जानिए क्यों है रमेश चन्द हलवाई का घेवर अन्य घेवर से स्वादिष्ट

फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : सावन के महीने में सावन की प्रसिद्ध मिठाई घेवर की सोंधी -सोंधी महक हलवाईयों की दुकानों की तरफ खींच ही ले जाती है। सावन का महीना आते ही बाजारों की रौनक बढ़ने लगी है। घेवर व अन्य पकवानों की दुकानें सज गई हैं। सावन का पर्व शुरू होते ही लोग भी घेवर व अन्य मिष्ठान खरीदने को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसके चलते ही लोग इस माह में ज्यादातर घेवर की मिठाईयों की तरफ आकर्षित हो रहे हैं और इनका स्वाद चख कर आनंद लेने से पीछे नहीं हट रहे हैं।

घरों में रौनक है, हाथों में मेंहदी है, और थाली में घेवर है!
राजस्थान की शान — घेवर!
सावन और तीज का स्वाद,
जिसमें घुला है देसी घी, केसर, चाशनी और ढेर सारा प्यार।
त्योहार अधूरा है जब तक घेवर न हो!

सावन का महीना शुरू होते ही एक ओर जहां लोगों को गर्मी व लु से निजात मिलती है वहीं घेवर का भी स्वाद लेते हैं। तीज का पर्व होने के कारण यह महीना विशेष महत्व रखता है। तीज पर लोग अपने सगे संबधियों व लडकियों को संधार में घेवर भेज कर उनकी खुशियों में शामिल होते हैं। वहीं बहने भी अपने भाईयों को तीज देने पर उनकी दीर्घायु की मंगलकामनाएं करते हैं। वहीं बाजारों में भी तीज की रौनक लौट आती है। बाजार फिरनी व घेवर की दुकानों से सज जाते हैं। लोग इन दुकानो की तरफ आकर्षित हो जाते हैं।

संचालक ने बताया कि क्यों सावन में घेवर बनता है ?

सावन का मौसम सबसे बरसाती का मौसम होता है जिसके कारण मौसम में नमी होती है इसलिए घेवर भी बहुत नमी वाला बनता है। बस सावन में ही घेवर बनता है अगर और मौसम में घेवर बनाया गया तो घेवर ज्यादा हार्ड बनेगा और स्वाद भी नहीं आएगा ।

शुद्ध देसी घी से बने घेवर :

शुद्ध देसी घी से बना घेवर, जिसकी कीमत है सिर्फ ₹540 प्रति किलो।
जो लोग शुद्धता और स्वाद दोनों में समझौता नहीं करते, उनके लिए ये घेवर है एकदम परफेक्ट।

वनस्पति घी से बना घेवर, मात्र ₹340 प्रति किलो।
सस्ता भी, स्वादिष्ट भी।

बल्लभगढ़ के सबसे पुराने और भरोसेमंद नाम – रमेश चंद हलवाई


कैसे बनाया जाता है घेवर :

घेवर को शुद्ध देसी घी और मैदे में मिलाकर पकाया जाता है और इसे बनाने में अनोखी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। जब भी वह ठंडा हो जाता है तो उसे चासनी में डुबोया जाता है और फिर इसे इस पर कटे हुए मेवे और केसर से सजाया जाता है।

घेवर को कभी फ्रीज में ना रखें :

आपको बता दें कि घेवर को कभी घर पर ले जाकर फ्रिज में नहीं रखना चाहिए क्योंकि उसमें नमी आने का डर रहता है। प्लेन घेवर को आप लगभग 7 दिनों तक खा सकते हैं एवं मलाई घेवर को आप 3 दिनों तक खा सकते हैं। अगर घेवर खाने पर आपको खट्टापन आता है तो आप समझ जाए कि घेवर खराब हो चुका है।

रमेश चन्द हलवाई का घेवर अन्य घेवरो से क्यों स्वादिष्ट है :-

संचालक का कहना है कि उनके वहा घेवर शुद्ध देसी घी मे बनाया जाता है ताकि उसके स्वाद में किसी प्रकार की कोई कमी न रहे तो इसलिए किसी प्रकार की कोई मिलावट नहीं की जाती है। कई बार जांच करने पर भी हमारा घेवर सही पाया गया है।सफाई व शुद्धता हमारी प्राथमिकता में शामिल हैं, ग्राहक की संतुष्टि ही हमारा लक्ष्य है। सावन की मिठाई घेवर बरसात होने पर अधिक स्वादिष्ट लगता है व इसकी बिक्री में भी इजाफा हो जाता है। ज्यों-ज्यों तीज का त्यौहार निकट आता जाएगा, त्यों-त्यों घेवर की बिक्री बढती जाएगी।

Posted by: | Posted on: 1 month ago

खान-पान जागरूकता को लेकर डीएवी शताब्दी में ‘ईट राइट इंडिया’ कार्यक्रम

फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : डीएवी शताब्दी महाविद्यालय में खाद्य एवं औषधि प्रशासन, फरीदाबाद के सहयोग से ‘ईट राइट इंडिया’ विषय पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों एवं शिक्षकों को स्वस्थ खानपान, खाद्य सुरक्षा, एवं पोषण संबंधी जागरूकता के प्रति संवेदनशील बनाना रहा। यह पहल भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रव्यापी अभियान के अंतर्गत आयोजित की गई। राज्य खाद्य सुरक्षा विभाग, हरियाणा के पर्यवेक्षण पदाधिकारी, पृथ्वी सिंह मुख्य अतिथि व जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी, फरीदाबाद से डॉ. पुनीत शर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

मुख्य अतिथि पृथ्वी सिंह ने स्वस्थ जीवन के लिए संतुलित आहार और खाद्य जागरूकता अभियानों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बाजार में मिलने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता व मिलावट को पता करने के कुछ आसान तरीके साझा किये | डॉ. पुनीत शर्मा ने ‘ईट राइट इंडिया’ अभियान की प्रमुख विशेषताओं, खाद्य सुरक्षा से जुड़ी सामान्य समस्याओं और सुरक्षित भोजन की पहचान पर केंद्रित पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिये महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की | प्राचार्य डॉ. नरेंद्र कुमार ने अपनी शुभकामनाएँ प्रेषित करते हुए विद्यार्थियों से स्वस्थ आहार अपनाने और जंक फूड से दूरी बनाने का आग्रह किया। छात्र प्रतिभागियों द्वारा एक लघु फिल्म, भाषण एवं खाद्य सुरक्षा विषय पर संवाद कार्यक्रमों के जरिये अपनी सहभागिता दर्ज की | छात्रा गौरी ने अपने प्रेरणादायक भाषण के जरिये विषय के प्रति उपस्थित लोगों को और अधिक जागरूक किया |

संयोजक नेत्रपाल सैन एवं डॉ. राज कुमारी के नेतृत्व में कार्यक्रम का सफल संचालन किया गया। आयोजन सचिव उमेश कुमार ने रूपरेखा और प्रबंधन को कुशलता से संभाला। मंच संचालन की जिम्मेदारी शिखा राघव द्वारा गरिमापूर्ण ढंग से निभाई गई। अंबिका सरन व पीआरओ वीरेन्द्र सिंह के साथ एनएसएस स्वयंसेवकों सहित लगभग 100 विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक अपनी भागीदारी दर्ज कराई।

Posted by: | Posted on: 1 month ago

जानिए क्यों है श्री बीकानेर मिष्ठान भंडार का घेवर अन्य घेवर से स्वादिष्ट

फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : सावन के महीने में सावन की प्रसिद्ध मिठाई घेवर की सोंधी -सोंधी महक हलवाईयों की दुकानों की तरफ खींच ही ले जाती है। सावन का महीना आते ही बाजारों की रौनक बढ़ने लगी है। घेवर व अन्य पकवानों की दुकानें सज गई हैं। सावन का पर्व शुरू होते ही लोग भी घेवर व अन्य मिष्ठान खरीदने को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसके चलते ही लोग इस माह में ज्यादातर घेवर की मिठाईयों की तरफ आकर्षित हो रहे हैं और इनका स्वाद चख कर आनंद लेने से पीछे नहीं हट रहे हैं।

घरों में रौनक है, हाथों में मेंहदी है, और थाली में घेवर है!
राजस्थान की शान — घेवर!
सावन और तीज का स्वाद,
जिसमें घुला है देसी घी, केसर, चाशनी और ढेर सारा प्यार।
त्योहार अधूरा है जब तक घेवर न हो!

सावन का महीना शुरू होते ही एक ओर जहां लोगों को गर्मी व लु से निजात मिलती है वहीं घेवर का भी स्वाद लेते हैं। तीज का पर्व होने के कारण यह महीना विशेष महत्व रखता है। तीज पर लोग अपने सगे संबधियों व लडकियों को संधार में घेवर भेज कर उनकी खुशियों में शामिल होते हैं। वहीं बहने भी अपने भाईयों को तीज देने पर उनकी दीर्घायु की मंगलकामनाएं करते हैं। वहीं बाजारों में भी तीज की रौनक लौट आती है। बाजार फिरनी व घेवर की दुकानों से सज जाते हैं। लोग इन दुकानो की तरफ आकर्षित हो जाते हैं।

संचालक ने बताया कि क्यों सावन में घेवर बनता है ?

सावन का मौसम सबसे बरसाती का मौसम होता है जिसके कारण मौसम में नमी होती है इसलिए घेवर भी बहुत नमी वाला बनता है। बस सावन में ही घेवर बनता है अगर और मौसम में घेवर बनाया गया तो घेवर ज्यादा हार्ड बनेगा और स्वाद भी नहीं आएगा ।

घेवर कई प्रकार के होते है :-

  • प्लेन घेवर
  • मलाई घेवर
  • केसर घेवर

प्लेन घेवर 680 , मलाई घेवर 680 रुपये किलो , वही बात करे केसर मलाई घेवर की तो ये 720 रुपए किलो है

कैसे बनाया जाता है घेवर :

घेवर को शुद्ध देसी घी और मैदे में मिलाकर पकाया जाता है और इसे बनाने में अनोखी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। जब भी वह ठंडा हो जाता है तो उसे चासनी में डुबोया जाता है और फिर इसे इस पर कटे हुए मेवे और केसर से सजाया जाता है।

घेवर को कभी फ्रीज में ना रखें :

आपको बता दें कि घेवर को कभी घर पर ले जाकर फ्रिज में नहीं रखना चाहिए क्योंकि उसमें नमी आने का डर रहता है। प्लेन घेवर को आप लगभग 7 दिनों तक खा सकते हैं एवं मलाई घेवर को आप 3 दिनों तक खा सकते हैं। अगर घेवर खाने पर आपको खट्टापन आता है तो आप समझ जाए कि घेवर खराब हो चुका है।

श्री बीकानेर मिष्ठान भंडार का घेवर अन्य घेवरो से क्यों स्वादिष्ट है :-

संचालक का कहना है कि उनके वहा घेवर शुद्ध देसी घी मे बनाया जाता है ताकि उसके स्वाद में किसी प्रकार की कोई कमी न रहे तो इसलिए किसी प्रकार की कोई मिलावट नहीं की जाती है। कई बार जांच करने पर भी हमारा घेवर सही पाया गया है।सफाई व शुद्धता हमारी प्राथमिकता में शामिल हैं, ग्राहक की संतुष्टि ही हमारा लक्ष्य है। सावन की मिठाई घेवर बरसात होने पर अधिक स्वादिष्ट लगता है व इसकी बिक्री में भी इजाफा हो जाता है। ज्यों-ज्यों तीज का त्यौहार निकट आता जाएगा, त्यों-त्यों घेवर की बिक्री बढती जाएगी।

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अग्रवाल कॉलेज में बीएससी लाइफ साइंस कोर्स शुरू

बल्लभगढ़ (विनोद वैष्णव) | बल्लभगढ़ शहर के अग्रवाल कॉलेज में इस सत्र में पहली बार बीएससी लाइफ साइंस प्रोग्राम शुरू किया गया है। यह कोर्स NEP-2020 के तहत चार वर्ष का है। चौथे वर्ष में Honours की डिग्री मिलेगी। फिलहाल इस कोर्स में 80 सीटें है। यह कोर्स उन छात्रों के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिन्होंने 12वीं कक्षा में बायोलॉजी विषय पढ़ा है तथा जो जैविक विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में रुचि रखते हैं।

कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ संजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि बीएससी लाइफ साइंस कोर्स के लिए एडमिशन शुरू हो चुके हैं तथा आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन आयोजित की जा रही है। इच्छुक छात्र/छात्राएं मिल्क प्लांट रोड सेक्टर 2 कॉलेज में आ कर अपना एडमिशन करा सकते है। अग्रवाल महाविद्यालय में इस के अतिरिक्त और भी बहुत सारे कोर्सेज चलाए जा रहे है जिनमें अग्रवाल विद्या प्रचारिणी सभा के प्रधान श्री देवेंद्र कुमार गुप्ता जी द्वारा बहुत सारी मेरिट आधारित स्कॉलरशिप का प्रावधान किया गया है जैसे कि बारहवीं कक्षा में 80% या उससे अधिक पर केवल 5000 रुपए वार्षिक फीस, 75 से 80% पर 20% स्कॉलरशिप, 70 से 75% पर 15% स्कॉलरशिप तथा 60 से 70% पर 10% स्कॉलरशिप का प्रावधान है। एडमिशन प्रक्रिया रविवार को भी जारी रहेगी।