आध्यत्म

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Posted by: | Posted on: June 24, 2020

???? कर कर सर्वे मर गए ????

आपदा में कर्मचारी कर कर सर्वे मर गए
कुछ अधिकारी पीढ़ियों का इंतजाम कर गए।
राशन पानी आएगा कुछ बाबूजी ने बोला था
इंतजार में यूं जनता के पेट खुद ही भर गए।
करना धरना कुछ नहीं टी वी पर आते हैं रोज
चुन के मुखिया सूबों के छाती पे ऐसे धर गए।
कोरोना योद्धा बने और, ले लिए प्रमाणपत्र
अखबारों में छप छपाकर,वो तो अपने घर गए।
आधा मिलता मेहनताना, काम दुगना हो गया
खुश होकर कर रहे गुजारा ,बेकारी से डर गए।
कोई भी अपना नहीं है मजदूरों ने जाना जब
सैंकड़ों मिलों चले और लौट अपने दर गए।
रक्षक,शिक्षक और चिकित्सक डटे हैं मैदान में
स्वच्छता के और सिपाही मन मेरा भी हर गए।

देवेंद्र गौड़ (कवि)

Posted by: | Posted on: June 24, 2020

वृन्दावन – एक दिव्य दैविक धाम :-डॉ मीनाक्षी पांडेय

वृन्दावन एक ऐसा पावन पवित्र और आध्यात्म से परिपूर्ण धाम है जहाँ पहुंचते ही व्यक्ति का मन भक्तिमय ,कृष्णमय और राधामय हो जाता जाता है जिसकी अभिव्यक्ति शब्दों से नही की जा सकती है , श्री वृन्दावन धाम में कृष्ण का बचपन बीता ,जहाँ उन्होंने गोपियों के साथ नृत्य किया, श्री वृन्दावन धाम को गोलोक धाम भी कहते हैं क्योकि वो श्री क्रृष्ण का निज धाम है। गोलोक का मतलब है श्री भगवान की नितसँगी गोपियाँ ,गोलोक का मतलब है श्री कृष्ण की परमप्रिय गायें और गोलोक का मतलब है ग्वालवाल तो इसका अभिप्राय ये है जहाँ कि भगवान श्री कृष्ण की परमप्रिय गायें ,ग्वालवाल और गोपियां विराजमान हैं वही वृन्दावन धाम है।

श्री वृन्दावन धाम को चिन्तामणि धाम भी कहते हैं क्यूँकि उस धाम के परिसर में पहुंचते ही व्यक्ति के जीवन की सारे दुःख ,बाधाएं और परेशानियां स्वतः विलुप्त हो जाती हैं और बस व्यक्ति का मन भक्तिरस में डूब जाता है, इसलिए श्री वृन्दावन धाम को आनंद धाम भी कहते हैं क्योंकि इस भूमि पर व्यक्ति को एक अनोखे सुख का एहसास होता है इस सबका एक प्रत्यक्ष प्रमाण है ब्रजधाम में रहने वाले लोग और संपूर्ण विश्व से ब्रजधाम पहुंचने वाले लोगों का अनुभव इस बात का प्रमाण देता है। श्री वृन्दावन वो तपोवन है जहाँ का एक एक घर मंदिर है ,वहां पेड़ ,पत्ते ,लता पताओं में सकती। वृन्दावन वह स्थान है जहाँ भगवान सिर्फ श्री कृष्ण और श्रीमती राधारानी की गूँज सुनायी देती है.

मथुरा मंडल में साढ़े बीस योजन में फैले हुए भूभाग को ऋषियों और मुनियों ने दिव्य ” ब्रजधाम” की उपाधि दी है ,श्री ब्रज वृन्दावन धाम श्री कृष्ण और राधा रानी की क्रीड़ास्थली भी है जो साक्षात् बैकुंठ से भी परम उत्कृष्ट है। जहाँ साक्षात यमुना हैं ,गोवर्धन गिरिराज हैं ,जहाँ बरसाना है नंदीश्वर गिरिराज हैं ,सुन्दर और अद्भुत मंदिर हैं, कई घाट हैं ,हरे भरे उपवन हैं ,वृंदा (तुलसी) वाटिकाएँ हैं ,देवपुष्प परिजात आदि के कुञ्ज हैं ,जहाँ सूंदर गायें स्वछंद विचरण करती रहती हैं ,जहाँ पवित्रता है ,सुगंध है ,असीम शांति है ,घर घर में मंदिर हैं ,निधिवन की सुन्दर लता पताएं हैं और छोटे छोटे तुलसी के पेड़ हैं और यहाँ तुलसी का हर पौधा जोड़े में है। मान्यता है की जब श्री कृष्ण और राधारानी रासलीला करते हैं तो ये तुलसी के पौधे गोपियाँ बन जाती हैं और हर सुबह होने पर तुलसी का पौधा बन जाती हैं। वृन्दावन -निधिवन की रहस्यमयी कहानियों से शायद ही कोई अपरिचित हो। इसके अलावा ,निधिवन के पेड़ मनुष्य के आकर के दिखाई देते हैं जो अलग अलग मुद्राओं में खड़े रहते हैं। यहाँ की सबसे बड़ी खासियत ये है की यहाँ लगे वृक्षों की शाखाएं ऊपर की ओर से ना विकसित होकर नीचे की ओर से बढ़ती हैं। वहाँ के स्थानीय लोगों का ऐसा मानना है कि शाम के बाद कोई इस वन की और नही देखता। जिन लोगों ने भी इसे उत्सुकता वश देखने का प्रयास किया वो या तो अंधे हो गए या पागल हो गए। वृन्दावन के बुजुर्ग लोग इस वन से जुडी कई रहस्यमयी कहानियाँ बताते हैं।
“वृन्दावनं परित्यज्य सा कवासिन नैवा गच्छेति” – चैतन्य चरितमृत, श्री कृष्ण ने वृंदावन को कभी नहीं छोड़ा।ब्रज का कण कण श्री कृष्ण चरणों से चिन्हित है, यह हमें नित्य ही श्री कृष्ण की याद दिलाता है । श्री कृष्ण को भला कोई ब्रज में कैसे भूल सकता है. श्री वृन्दावन धाम श्रीमती राधा रानी को प्राण से भी ज्यादा प्रिय है इसकी चर्चा निम्न लिखित कथा में है साक्षात् परिपूर्ण तम भगवन श्री कृष्ण जो असंख्य ब्रम्हाण्डों के अधिपति और “गोलोक ” के नाथ हैं जब पृथ्वी का भार उतारने स्वयं इस भूतल पर आने लगे तब श्री कृष्णा ने श्री राधा रानी से भूतल पर साथ चलने को कहा इस पर श्री राधा रानी बोलीं ” कि हे कृष्ण जहाँ वृन्दावन नही है ,जहाँ कालिंदी यमुना का किनारा नही ,जहाँ यमुना के घाट न हों और जहाँ गोवर्धन पर्वत नहीं ,वहां मेरे मन को शांति नही मिलती है. श्री राधारानी की यह बात सुनकर श्री कृष्णा ने अपने धाम से चौरासी कोस विस्तृत भूमि ,गोवर्धन पर्वत और यमुना नदी को भूतल पर भेजा और तब गोलोक भूमि २४ वनों के साथ ,चौरासी कोस विस्तार के साथ भूतल पर अवतरित हुई। इस प्रकार वृन्दावन एक ऐसा देवधाम है जिसकी व्याख्या करने के लिए शब्द भी काम पड़ते हैं जिसे समस्त देवता भी पसंद करते हैं। वृन्दावन की खासियत वहां के हरे भरे पेड़ ,लता पताएं , वृक्ष ,स्वछन्द बहती यमुना नदी ,वह का पवित्र वातावरण ,चहचहाते पक्षी ,पुराने वृन्दावन स्थित वंशीवट ,सुदामा कुटी ,यमुना रानी,गोपेश्वर मंदिर गौशालाओं में

वृन्दावन धाम वो पवित्र स्थल है जो भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से जुडा हुआ है। यहाँ पर श्री कृष्ण और राधा रानी के मन्दिरों की विशाल संख्या है। यहाँ स्थित बांके विहारी जी का मंदिर, श्री गरुड़ गोविंद जी का मंदिर व राधावल्लभ लाल जी का मंदिर प्राचीन है। इसके अतिरिक्त यहाँ श्री राधारमण, श्री राधा दामोदर, राधा श्याम सुंदर, गोपीनाथ, गोकुलेश, श्री कृष्ण बलराम मन्दिर, पागलबाबा का मंदिर, रंगनाथ जी का मंदिर, प्रेम मंदिर, श्री कृष्ण प्रणामी मन्दिर, अक्षय पात्र, निधि वन आदि दर्शनीय स्थान है।यह कृष्ण की लीलास्थली है। हरिवंश पुराण, श्रीमद्भागवत, विष्णु पुराण आदि सभी ग्रंथों में वृन्दावन की महिमा का वर्णन है कि श्री वृन्दावन – एक दिव्य दैविक धाम है, वृन्दावन की खासियत वहां के हरे भरे पेड़ ,लता पताएं , वृक्ष ,स्वछन्द बहती यमुना नदी ,वहाँ का पवित्र वातावरण ,चहचहाते पक्षी ,पुराने वृन्दावन स्थित वंशीवट ,सुदामा कुटी ,यमुना रानी,गोपेश्वर मंदिर, गौशालाओं में सुन्दर गायें , यहाँ के सघन कुंजों में तरह तरह के रंग बिरंगी पुष्प और ऊँचे ऊँचे घने वृक्ष मन को उल्लास से भर देता है और आँखों को शीतलता प्रदान करते हैं वृन्दावन का कण कण रसमय है इसे गोलोक धाम से अधिक मन जाता है।

यही कारण है कि जिसने एक बार वृन्दावन धाम में भक्तिरस का पान कर लिया फिर वो वृन्दावन के बगैर नही रह सकता क्योकि उन्हें वृन्दावन धाम में जगह जगह ठाकुर जी के दर्शन करके अद्भुत शांति मिलती है वहाँ उन्हें नकारात्मकता से दूर प्रतिदिन एक खुला वातावरण ,पक्षियों का कलरव ,साधू संतों का दर्शन ,हरिनाम संकीर्तन ,भागवत ,वेदों ,शास्त्रों ,पुराणों का हर पल पाठों में सम्मिलित होना , मंदिरों की सुबह शाम संध्या आरती में सम्मिलित होना एक आंतरिक शक्ति देता है और उनके ह्रदय मेंन,शरीर में एक अद्भुत ऊर्जा का संचार करता है। छोटे छोटे बच्चों से लेकर बड़ी उम्र के लोग भी भागवत महापुराड़ का पाठ करते हैं।

श्री कृष्ण और राधारानी के बिना वृन्दावन की कल्पना अधूरी है श्री कृष्ण का अवतार एक पूर्ण अवतार माना जाता है। ये कितने गर्व की बात है की असंख्य ब्रह्माण्डों के स्वामी श्री कृष्ण गोलोक धाम में विराजते हैं श्री कृष्ण भगवन एक पूर्ण अवतार हैं। जिनके पास नौ रसों की अभिव्यक्ति है बल और पराक्रम में जिनसे कोई जीत नही सकता ,जो परम पराक्रमी हैं और सोलह कलाओं में निपुड़ हैं उन ठाकुर कृष्ण चंद्र के चरणों में मेरा बारम्बार प्रणाम है और भगवान के इस अवतार को हम ‘पूर्णावतार’ मानते हैं क्योंकि श्री कृष्ण ने एक कार्य के उद्देश्य से अवतार लेकर अनेकों शुभ कार्य सम्पादित किये। गोविन्दम् आदि पुरुषं तम् अहं भजामि

“गोविन्दम् आदि पुरुषं तम् अहं भजामि,वेनणुम् क्वणन्तारविन्द दलायताक्षम्,बार्हावतंसम् असिताम्बुद सुन्दरााङ्गम्कन्दर्प कोटि कमनीय विश्ऽएष श्ऽओभम्”

“हे गोविन्द आप ही आदि पुरुष हो , आप ही पुरुषोत्तमोत्तम एवं परात्पर पुरुष परमेश्वर हो। भगवान श्री कृष्ण गोलोक वृन्दावन के स्वामी हैं समस्त ब्रजमंडल के स्वामी हैं, ठाकुर श्री कृष्ण को श्री वृन्दावन धाम ह्रदय से भी ज्यादा प्यारा है इसलिए उन्हें वहां के ब्रजवासियों से भी बहुत प्रेम था इसके बहुत से रोचक तथ्य पुराणों में उपलब्ध है जैसे ब्रजवासियों को इंद्र के क्रोध और वर्षा से बचाने के लिए गोवर्धन पहाड़ को अपनी ऊँगली पे धारण किया था और इसी प्रकार ब्रजवासियों की कई बार ठाकुर कृष्णा ने रक्षा की।

भगवान श्रीकृष्ण एक राजनीतिक, आध्यात्मिक और योद्धा ही नहीं थे वे हर तरह की विद्याओं में पारंगत थे। श्रीकृष्ण ने धर्म, राजनीति, समाज और नीति-नियमों का व्यवस्थीकरण किया था। था। प्रचलित जनश्रुति अनुसार माना जाता है कि भगवान श्री कृष्ण शरीर से मादक गंध निकलती रहती थी और श्रीकृष्‍ण के शरीर से निकलने वाली खुशबु गोपिकाचंदन और कुछ-कुछ रातरानी की सुगंध से मिलती जुलती थी।इसके अलावा भगवन श्री कृष्ण एक महायोगी भी थे। भगवान श्रीकृष्ण ने वेद और योग की शिक्षा दीक्षा उज्जैन स्थित महर्षि सांदीपनि के आश्रम में रहकर हासिल की थी। कृष्ण के पास सुदर्शन चक्र था जिसे युद्ध में सबसे घातक हथियार माना जाता था। श्री कृष्ण के मिट्टीखाने पर जब यशोदा माँ ने उनसे नाराज होकर उन्हें मुँह खोल के दिखने को कहा तो भगवन ने अपनी माया द्वारा माता यशोदा को अपने मुंह के भीतर ब्रह्मांड के दर्शन कराया था , वहीं उन्होंने महाभारत युद्ध में अर्जुन को अपने विराट स्वरूप का दर्शन कराकर उसका मोह भ्रम दूर किया था। दूसरी ओर उन्होंने कौरवों के दरबार में द्रौपदी के चीरहरण के समय उसकी लाज बचाई थी। इस तरह कृष्ण के चमत्कार और माया के कई किस्से हैं, एक योगी होने के कारण ,वे योग में पारगत थे ,और कई बार घंटों योग में लीं हो जाते थे तथा योग द्वारा जो भी सिद्धियां उन्हें स्वत: ही उन्हें प्राप्त हो जाती थी।

श्री कृष्ण के पास यूं तो कई प्रकार के दिव्यास्त्र थे। लेकिन सुदर्शन चक्र मिलने के बाद सभी ओर उनकी साख बढ़ गई थी। शिवाजी सावंत की किताब ‘युगांधर अनुसार’ श्रीकृष्ण को भगवान परशुराम ने सुदर्शन चक्र प्रदान किया था, तो दूसरी ओर वे पाशुपतास्त्र चलाना भी जानते थे। पाशुपतास्त्र शिव के बाद श्रीकृष्ण और अर्जुन के पास ही था। इसके अलावा उनके पास प्रस्वपास्त्र भी था, जो शिव, वसुगण, भीष्म के पास ही था।

इस प्रकार हम कह सकते हैं की श्री कृष्ण का बचपन गोकुल, वृंदावन, नंदगाव, बरसाना आदि जगहों पर बीता। द्वारिका को उन्होंने अपना निवास स्थान बनाया और सोमनाथ के पास स्थित प्रभास क्षेत्र में उन्होंने देह छोड़ दी। दरअसल भगवान कृष्ण इसी प्रभाव क्षेत्र में अपने कुल का नाश देखकर बहुत व्यथित हो गए थे। वे तभी से वहीं रहने लगे थे। महाभारत का युद्द समाप्त होने पर एक दिन वे एक वृक्ष के नीचे विश्राम कर रहे थे तभी किसी बहेलिये ने उनको हिरण समझकर तीर मार दिया। यह तीर उनके पैरों में जाकर लगा और तभी उन्होंने देह त्यागने का निर्णय ले लिया। एक दिन वे इसी प्रभाव क्षेत्र के वन में एक पीपल के वृक्ष के नीचे योगनिद्रा में लेटे थे, तभी ‘जरा’ नामक एक बहेलिए ने भूलवश उन्हें हिरण समझकर विषयुक्त बाण चला दिया, जो उनके पैर के तलुवे में जाकर लगा और भगवान श्रीकृष्ण ने इसी को बहाना बनाकर देह त्याग दी। जनश्रुति अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने जब देहत्याग किया तब उनकी देह के केश न तो श्वेत थे और ना ही उनके शरीर पर किसी प्रकार से झुर्रियां पड़ी थी। अर्थात वे 119 वर्ष की उम्र में भी युवा जैसे ही थे।

इस प्रकार श्री ब्रजधाम के विषय में चर्चा इतनी अनंत है जिसे थोड़े से शब्दों से अभिव्यक्ति नही की जा सकती इसलिए मई इसी प्रकार बीच बीच में श्री वृन्दावन धाम से जुडी हुई कृष्णा कथाएं, ब्रज धाम के प्रसिद्ध मंदिर ,वहाँ के मंदिरों से जुड़े कुछ रहस्यों के साथ एक बार फिर लौटूंगी।

वृन्दावन से जुड़े हुए किसी भी विषय पे चर्चा करने के लिए जुड़ें-:

राधे राधे !
डॉ. मीनाक्षी पाण्डेय
प्रोफेसर, हेड
स्कूल ऑफ़ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट,
लिंगयास यूनिवर्सिटी
Email: kaushikmeenakshi36@gmail.com

Posted by: | Posted on: June 19, 2020

कुलदीप सिंह ऑल इंडिया फिल्मस एंड टीवी आर्टिस्ट एसो. अध्यक्ष नियुक्त

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव ): कुलदीप सिंह को ऑल इंडिया फिल्मस एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन ने फरीदाबाद जिला प्रेसिडेंट नियुक्त किया। इस अवसर पर कुलदीप सिंह ने एसोसिएशन के फॉउंडर एवं ट्रस्टी चन्दर प्रकाश गर्ग का आभार व्यक्त किया। कुलदीप सिंह ने कहा कि यह एसोसिएशन हर कलाकार को उसके करियर में आगे बढ़ने में प्रोत्साहित करेगी ओर हर सम्भव मदद करेगी। फिल्म- टीवी इंडस्ट्री मे कास्टिंग काउच एक बीमारी की तरह है उसको भी जड़ से ख़त्म करने के लिए एसोसिएशन देश भर में प्रयासरत है।

इस अवसर पर कुलदीप सिंह ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के अकस्मात निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में भाईभतीजा वाद बहुत प्रचलित है और सच्चे ओर प्रतिभा संपन्न कलाकार की कदर नहीं है यह बॉलीवुड में बड़े दुःख की बात है।

Posted by: | Posted on: June 11, 2020

टीवी चाइल्ड आर्टिस्ट एवं रयान इंटरनेशनल स्कूल के छात्र धन तेजस की लॉक डाउन के दौरान न्यूज़ 21 टीवी के पत्रकार विनोद वैष्णव के साथ खास बातचीत

पृश्न :-आप lock down मे कैसे समय बिता रहे हैँ ?

उत्तर :-न्मस्ते , मैने lockdown को पूरा एंजोय किया है , drawing , पैंटींग, कुकइंग , exercise ओर studies करता हूँ , घर के काम मे मॉम की हेल्प करता हूँ , छोटी बेहन के साथ मस्ती करता हूँ , guitar बजाता हूँ …

पृश्न :-आप क्या मिस करते हैँ?
उत्तर :-मुंबई की शूट , समुन्दर ओर लाइफ रुक गई है, वो मिस करता हूँ , कई दिनो से बाहर खेलने नही जा पाये ओर ना ही दोस्तो ओर रीषतेदारों से मिले है वो सब . पर कोई बात नहीं , हमे घर रह कर सरकार और डॉक्टरस सबकी बात माननी है फिलहाल और आप सभी को भी यही सलाह है की बिना किसी काम के बाहर मत निकालिये ..दोस्तों …

पृश्न :-और बताइये तेजस को खाने मे क्या क्या पसंद है..

उत्तर :- हाहा जी, मुझे घर में जो भी मॉम(मम्मी ) बनाती है वो सब ..बाकी… मुझे तरह- तरह की salad ओर पनीर की dish पसंद है.. चिप्स , चॉक्लेट्स भी लेकिन वो सब allowed नहीं क्युकी शूट के लिए energy जंक फ़ूड खाने से नही मिलती है | रोज दूध भी पीता हूँ ,न्टस ओर् mango शेक भी अच्छा लगता है I

पृश्न :-आपकी शूट कब शरू होगी ?
उत्तर :-जी शूट 15 जून के बाद ही शुरू किऐ जायेंगे I बाकी production की ओर से सभी ऐतियात होंगे तब , जो भी guidelines तय की जायेंगी ,उसी तरह से ही काम किये जायेंगे I

पृश्न :-आप के serials में आपको काफी प्यार मिलता है , क्या कहेंगे ?

उत्तर :-हा हाँ जी मुझे दर्शको का प्यार मिलता है.. तो बहुत ख़ुशी होती है.. ओर काम का उत्साह भी बढता है I आपके चैनल के माध्यम से सभी का धन्यवाद देना चाहता हूँ I कई बार मॉम के फ़ोन में fans के मेसेज आते हैँ.. तो अच्छा लगता है.. अपनी एक्टिंग से सबके दिल तक पहुँचता हूँ तो भगवान और अपने मॉम – पापा को धन्यवाद बोलना चाहूँगा I

पृश्न :-lockdown से पहले किस शूट में व्यस्त थे ?

उत्तर :-&TV के शो मे जो अब 15 जून के बाद फिर से शुरू किया जा सकता है।

पृश्न :-शूट के साथ पढाई कैसे करते हैँ?

उत्तर :-जी, मॉम ख्याल रखती है, और मॉम logically पढ़ने को कहती हैं , रटने नही देती हैं I मुझे पढना और reading अच्छे लगते है, जब भी ब्रेक होता है तब मॉम पढ़ाती हैँ,स्कूल से सपोर्ट मिलता है,मेरी teachers मॉम को study materials और क्लास वर्क भेजती हैं ..

पृश्न :-इसके अलावा आगे क्या करोगे?

उत्तर :-अभी बिग बैनर Bollywood मूवी की शूटिंग होनी थी जो की lockdown की वजह से आगे पोस्टपोंड हो गई है..महूर्त ओर पोस्टर शूट हो चुका है, मेकर्स की अनुमती के बाद मेडिया से शेयर कर सकते हैं .तो थोड़ा इंतेज़ार ..

पृश्न :-अपने फैंस को मेसेज क्या देना चाहेंगे ?

उत्तर :-बस यही की अपने interests और passion को पहचानिये और उनको फोलो कीजिये I माता-पिता की बात सुनिये I गॉड पर विश्वास रखिये I खुश रहे ओर खूब मस्ती कीजिये | इसी तरह प्यार देते रहें I i लव you आल …बाय .. टेक केयर .. स्टे safe …

Posted by: | Posted on: June 5, 2020

3-12 साल की उम्र के बच्चों के लिए एक राष्ट्रव्यापी ऑनलाइन लाइव डांस हंट “डांस टू लिव एंड लिव टू डांस ” आयोजित होगा 13 ,14 जून

फरीदाबाद(विनोद वैष्णव )। Kenaz डांस आफ सोल के द्वारा आयोजित डांस प्रतियोगिता में दिल्ली एवं भारतवर्ष से अनेक प्रतियोगी हिस्सा लेंगे एवं उन बच्चों को मनाना जो इन कठिन समयों के दौरान लचीलापन का आदर्श उदाहरण रहे हैं। यह विस्तारित लॉकडाउन आपके बच्चे को ग्रूव करने के लिए एक आदर्श मंच प्रदान करता है। आपके घर की सुरक्षा से अपनी प्रतिभा को एक मंच पर चमकने का मौका देता है।
काशिना का केनज़ सोल ऑफ सोल
(नृत्य और जिमनास्टिक स्टूडियो) एक राष्ट्रव्यापी प्रस्तुत करता है
3-12 साल की उम्र के बच्चों के लिए ऑनलाइन लाइव डांस हंट .. डांस टू लिव एंड लिव टू डांस ..

  • आयु वर्ग के अनुसार 13 जून और 14 जून 2020 को प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। प्रतियोगिता जूम ऐप पर आयोजित की जाएगी और बैठक के लिए लिंक सभी प्रतिभागियों को हाथ से पहले भेजा जाएगा..इस नृत्य उद्योग से प्रसिद्ध विशेषज्ञता कोरियोग्राफर द्वारा देखा जाएगा..उनके लिए 14 वीं जून की शाम को घोषित किया जाएगा..डेट्स उसी को प्रतियोगिता के समय साझा किया जाएगा। विजेताओं को आकर्षक पेटीएम वाउचर द्वारा सम्मानित किया जाएगा।

3-12 साल की उम्र के बच्चों के लिए एक राष्ट्रव्यापी ऑनलाइन लाइव डांस हंट .. डांस टू लिव एंड लिव टू डांस ।।

स्वागत हमारे सम्मानित और विशेषज्ञता जूरी ने बॉलीवुड इंडस्ट्री और DSDC श्री नितेश कोटियन
इस लाइव डांस प्रतियोगिता में डीआईडी ​​सुपरमॉम्स के फाइनलिस्ट # प्रीतिखेतनजी डांस फन दिल्ली, #Swatabdisarkarji Amplitude Dance Crew Ahmedabad theon the board।
हम आपका स्वागत करते हैं आदरणीय जूरी।

  • जैसा कि यह हमारे पूरे केनेज़ परिवार द्वारा आयोजित की जाने वाली घटना है। इसलिए, मेजबान होने के नाते कोई केनेज़ियन उसी में भाग नहीं लेगा *

Posted by: | Posted on: June 1, 2020

जानिए अपना साप्ताहिक राशिफल दिल्ली NCR की जानी मानी टैरो कार्ड रीडर पूजा ए भंडारी से

मेष:- आप अपने सहयोगियों के साथ समय बिताना चाहते हैं लेकिन अपने सहकर्मियों के लिए म्यूजिकल इवनिंग आयोजित करने का प्लान पूरा नहीं हो पाएगा। अचानक किसी दूर के रिश्तेदार से मिले किसी शुभ समाचार से पूरे परिवार में खुशियां आएंगी। धन संबंधित मामलों के लिए यह सप्ताह अच्छा रहने वाला है।

वृष:- यात्रा करने के योग बन रहे हैं। यात्रा करने से विदेश में व्यापार के मौके मिल सकते हैं। आपके रिश्तेदार आपकी निजी जिंदगी को लेकर कुछ महत्वपूर्ण सलाह दे सकते हैं। अचानक किसी यात्रा पर जाना काफी तनावपूर्ण और थका देना वाला होगा लेकिन इस यात्रा पर जाने से आपको धनलाभ होगा।

मिथुन:- करियर के लिए यह सप्ताह काफी अच्छा है। नौकरी में तरक्की के योग बन रहे हैं। तरक्की के किसी ऑफर को मना करने से पहले उसके दूर के फायदे को एक बार जरूर सोच लें। बच्चों को उनके खाली समय में घर के कामों को करने के लिए प्रोत्साहित करें। धन संबंधित मामलों के लिए यह सप्ताह काफी महत्वपूर्ण रहेगा। सप्ताह के अंत तक आते-आते आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

कर्क:-करियर के लिए यह सप्ताह अच्छा रहेगा। किसी नए व्यापार को शुरू करने के लिए यह सप्ताह काफी शुभ रहेगा। परिवार से प्यार और सहयोग मिलेगा। प्रॉपर्टी संबंधित कामों के लिए सप्ताह शुभ है। रियल स्टेट से जुड़ी किसी डील में निवेश करने की सोच सकते हैं। इस हफ्ते आपका मूड काफी अच्छा रहने वाला है। अपने साथी के साथ कहीं घूमने जाने का प्लान बना सकते हैं।

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सिंह:-करियर को लेकर समय थोड़ा मुश्किलभरा हो सकता है। अपने कमजोर कम्युनिकेशन स्किल्स के चलते कार्यक्षेत्र पर नुकसान हो सकता है। परिवार में शादीयोग्य किसी सदस्य की शादी के योग बन रहे हैं जिससे परिवार में उत्साह का माहौल रहेगा। धन संबंधित मामलों को लेकर सप्ताह महत्वपूर्ण रहेगा। शेयर मार्केट से जुड़े लोगों को धनलाभ के योग बन रहे हैं।

कन्या:-आप इस समय काफी महत्वपूर्ण स्थिति है। अपनी इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को निभाने के लिए इस समय आपको एक अच्छा वार्ताकार और सफल संचारक होने की जरूरत है। आपके नए दृष्टिकोण से परिवार में हंसी-खुशी का माहौल रहेगा। शेयर मार्केट में किया गया निवेश आगे चलकर काफी फायदेमंद साबित होने वाला है।

तुला:-करियर को लेकर आपका सकारात्मक रवैया आपको सफलता दिलाएगा। अपने रिश्तों को लेकर इस सप्ताह थोड़ा सतर्क रहें। बच्चों के साथ किसी बात को लेकर विवाद हो सकता है जिससे आप कुंठित महसूस करेंगे। धन संबंधित मामलों के लिए सप्ताह अच्छा रहेगा। धनलाभ के चलते आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

वृश्चिक:- करियर को लेकर यह समय काफी महत्वपूर्ण है। करियर में तरक्की के लिए अपने कम्युनिकेशन स्किल्स को मजबूत करें। परिवार के साथ पिकनिक पर जाने से लंबे समय से चली आ रही गलफहमियां दूर होंगी। परिवार के साथ अच्छा समय बिताएंगे। धन संबंधित मामलों के लिए सप्ताह शुभ रहेगा। अचानक धनलाभ के योग बन रहे हैं

धनु:-करियर को लेकर यह सप्ताह मिला-जुला रहेगा। कोई समस्या होने पर आपका कोई सीनियर सहयोगी आपकी मदद करेगा। अपने आकर्षक व्यक्तित्व के चलते परिवार के किसी समारोह में सभी को अपनी ओर आकर्षित करेंगे। धन संबंधित मामलों के लिए यह सप्ताह संतोषजनक रहेगा। अपने कॉन्टेक्ट के चलते आय के नए साधन ढूंढने में कामयाब होंगे।

मकर:- करियर के लिए यह सप्ताह काफी अच्छा रहेगा। अपनी मेहनत और लगन से अपने सीनियर्स का भरोसा जीतने में आप कामयाब होंगे। परिवार या रिश्तेदार की तरफ से अचानक कोई उपहार मिल सकता है। धन संबंधित मामलों के लिए यह सप्ताह काफी महत्वपूर्ण रहेगा। इस हफ्ते किया गया निवेश आपको फायदेमंद साबित होगा जिससे आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

कुंभ:- इस हफ्ते आपके बहुत सारे कंफ्यूजन्स दूर होंगे। घर में किए गए बदलावों को परिवार के सदस्य काफी पसंद करेंगे। इस हफ्ते आपके खर्चे काफी बढ़ सकते हैं। लेकिन चिंता न करें, आय में वृद्धि के चलते इन खर्चों को आप आसानी से संभालेंगे। प्रेम संबंधों के लिए यह समय काफी अच्छा चल रहा है। अपने साथी के साथ समय बिताकर आप काफी अच्छा महसूस करेंगे।

मीन:-व्यापार को लेकर की गई यात्रा काफी फायदेमंद साबित होगी। दोस्त और परिवार के लोग आपको ज्यादा मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। धन संबंधित मामलों को लेकर इस हफ्ते थोड़ा सतर्क रहें। निवेश की जल्दबाजी में कोई भी निर्णय लेने से बचें। किसी भी चीज में निवेश करने से पहले सभी पहलुओं की अच्छे से जांच कर लें, वरना नुकसान हो सकता है।

Posted by: | Posted on: March 17, 2020

गठबंधन करते समय वधू के पल्लू और वर के दुपट्टे या धोती में सिक्का (पैसा), पुष्प, हल्दी, दूर्वा और अक्षत, पांच चीजें क्यों बांधी जाती है:- जानिए पंडित दलीप शर्मा से

गठबंधन करते समय वधू के पल्लू और वर के दुपट्टे या धोती में सिक्का (पैसा), पुष्प, हल्दी, दूर्वा और अक्षत, पांच चीजें बांधी जाती हैं, जिनका अपना-अपना महत्व है——-पण्डित दिलीप शर्मा

1सिक्का:- यह इस बात का प्रतीक है कि धन पर किसी एक का पूर्ण अधिकार नहीं होगा, बल्कि समान अधिकार रहेगा।

2-पुष्प:-प्रतीक है, प्रसन्नता और शुभकामनाओं का। दोनों सदैव हंसते-खिलखिलाते रहें। एक-दूसरे को देखकर प्रसन्न हों, एक-दूसरे की प्रशंसा करें।

3-हल्दी:-आरोग्य और गुरू का प्रतीक है। एक-दूसरे के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए प्रयत्नशील रहें। मन में कभी हीनता न आने दें। हल्दी छूने से रंग व सुगंध छूने वाले को चढ़ता है। अतः ज़रूरी निर्णय में आपसी परामर्श करें।

4-दूर्वा:-प्रतीक है कि कभी प्रेम भावना न मुरझाने देना। दूर्वा का जीवन तत्व कभी नष्ट नहीं होता। सूखी दिखने पर भी यह पानी में डालने पर हरी हो जाती है। ठीक इसी तरह दोनों के मन में एक-दूसरे के लिए अटूट प्रेम और आत्मीयता बनी रहे।

5-अक्षत (चावल):-अन्नपूर्णा का प्रतीक है। जो अन्न कमाएं, उसे अकेले नहीं, बल्कि मिल-जुलकर खाएं। परिवार के प्रति सेवा और उत्तरदायित्व का लक्ष्य भी ध्यान में रखें।

Posted by: | Posted on: February 29, 2020

बाबा राम केवल अनशनकारी से न्यूज़ 21 टीवी की पत्रकार पूजा सोलंकी ने की खास बातचीत ….

बाबा राम केवल अनशनकारी से न्यूज़ 21 टीवी की पत्रकार पूजा सोलंकी ने की खास बातचीत ....

प्रश्न 1 =बाबा राम केवल सबसे पहले आप अपनी जीवन शैली के बारे में कुछ बताये ?
उत्तर 1 =मेरा जन्म जिला गए बरेली एक छोटे से गांव सिकंदपुर में सन 1965 में हुआ।7वर्ष की आयु मेरे माता पिता फरीदाबाद आ गए और तब से हम यही बस गए। मेरी शिक्षा दीक्षा यही से हुई।10 साल नौकरी करने के बाद आपना गृहस्थ जीवन शरू किया।मेने तीन साल ट्रांसपोर्ट का काम भी किया।
प्रश्न 2 =बाबा आप सफल उद्योगपति रहे शिक्षा भी ली की तो आपका बाबा बनने की तरफ रुख कैसे हुआ?
उत्तर २= मेरा शरू से रुझान आध्यात्मिक की तरफ रहा ,कॉलेज के दौरान में हरिद्वार चला गया था ,और वहा पर मरे साथ कुछ ऐसी घटना घटी की मेरे जीवन का रुख लोगो की सेवा की तरफ बढ़ गया।
प्रश्न 3 = बाबा आपको हिन्दू विरोधी भी कहा जाता है ,बल्कि आप एक संत महात्मा का चोला पहनकर रखते है इसमें आपकी राय है ?
उत्तर 3 =यह तो कुछ लोगो की अवधारणा है की वह मेरे बारे मेर क्या सोचते है,लेकिन ऐसा नहीं है मै मुसलमानो के पक्ष में या उनके हित के लिए भी कार्य करता हु शायद यही कारण है की मुझे कुछ लोगो ने हिन्दू विरोधी का दर्जा दिया।
प्रश्न 4 =बाबा आप CAA और NRC के विरोध करते है, इसके पीछे कोई खास वजह ?
उत्तर 4 =जी हाँ , में CAA और NRC का विरोध करता हु ,क्योकि मेरा यह मानना है की सभी नागरिक एक है और सभी को एक बराबर का अधिकार मिलना चाहिए अगर कोई कानून हिन्दुओ के लिए है तो मुस्लिम को भी बराबर का दर्जा मिलना चाहिए क्योकि हम एक देश के नागरिक है और सबके लिए एक जैसा अधिकार होना चाहिए।
प्रश्न 5 =आये दिन आप प्रेस कॉन्फ्रेंस करते रहते है किसी न किसी के खिलाफ इसकी कोई खास वजह?
ऊत्तर 5 =मेरे प्रैस कॉन्फ्रेंस करने की सिर्फ एक ही वजह है की में जो लोगो के हित के लडू सरकार तक जल्द से जल्द पहुंचा सकू।

Posted by: | Posted on: February 25, 2020

समाज सेवा ही मेरा परम धर्म है -राकेस कुमार

सिद्ध पीठ श्री महाकाली मंदिर के प्रधान राकेश कुमार से मंदिर के विकास कार्यो को लेकर न्यूज़ 21 टीवी की पत्रकार पूजा सोलंकी ने की खास बात चीत …..
प्रसन -सर इन 16 वर्षो में मंदिर के विकास में आपने क्या योगदान दिया हे …
उत्तर – मैने गरीब कन्याओ का विवाह करवाया हे ,साथ ही साई बाबा , काली माता ,शिव जैसे कई देवी -देवताओ की मूर्ति स्थापित की हे |

-प्रसन –आपको इसकी प्रेरणा कहा से मिली ?..
उत्तर – इसकी प्रेरणा मुझे मेरे माता- पिता से मिली, मेरे माँ बाप शुरुआत से मंदिर में जाकर लोगो की सेवा किया करते थे |उन्ही को देख कर मेरे अंदर सेवा भाव आया |
प्रश्न – अक्सर मंदिरो की ऐसी संस्थाओ पर यह आरोप लगाया जाता है की वो मंदिर की संस्था में आये पैसो का दुरुपयोग करते है इसमें आपका क्या कहना है ?
उत्तर – यह तो लोगो की सोच हे ,लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है हम इन पैसे को लोगो के विकास हेतु ही प्रयोग में लाते है
प्रसन -ऐसा कहा जाता हे की राकेस उफ़ रकू की दबंग प्रवर्ति को देखते हुए कोई इस कार्य के लिए आगे नहीं आता इसमें आपकी क्या राय हे ?
उत्तर –इसे तो हम विपक्षी पार्टियों की साजिस कह सकते हे ,लेकिन हम इस कार्य में योगदान देने का सबको बराबर मौका देते हे |
प्रश्न –दर्शको को कोई सन्देश देना चाहेंगे ?
उत्तर -मेरा लोगो को बस यही सन्देश है की ज्यादा से ज्यादा लोग हमारे साथ जुड़े और इस कार्ये में अपना योगदान दे |

Posted by: | Posted on: February 15, 2020

उद्यमी-लेखिका सपना खंडेलवाल की पुस्तक ने पैदा किया एक जादू –‘अनलीश द शक्ति विदिन’

दिल्ली (विनोद वैष्णव ) |

उद्यमी-लेखिका सपना खंडेलवाल की पुस्तक ने पैदा किया एक जादू – ‘अनलीश द शक्ति विदिन’
स्वयं की शक्ति पहचानिये, उन्हें तराशिए और अपना जीवन निखारिये !!

फेसबुक कम्युनिटीज की पहुंच और शक्ति पर दुनिया की पहली पुस्तक

जीवन को नया मोड़ देने में सहायक सफलता की 11 शक्तिशाली कहानियां!

11 अद्भुत फेसबुक ग्रुप जो दुनिया बदल रहे हैं!

11 असाधारण फेसबुक ग्रुप संस्थापक जो सामूहिकता की शक्ति में विश्वास रखते थे और जिन्होंने सशक्त कम्युनिटी बनायीं!

भारत के 40 प्रमुख फेसबुक ग्रुप्स के संस्थापकों के अक्टूबर 2019 में दिल्ली में संपन्न एक सम्मेलन से प्रेरित होकर सपना खंडेलवाल ने स्लीपवैल फाउंडेशन के सहयोग से एक पुस्तक प्रकाशित की। उस सम्मेलन में सपना भी एक ग्रुप संचालक के तौर पर आमंत्रित की गयी थीं।

‘अनलीश द शक्ति विदिन’ के लांच कार्यक्रम में स्लीपवैल फाउंडेशन की चेयरपर्सन, नमिता गौतम ने कहा कि “यह पुस्तक हमारे फाउंडेशन के सिद्धांत से मेल खाती है कि लोगों की भीतरी शक्ति को उजागर करके समाज का विकास संभव है।”।

पुस्तक का विमोचन समारोह 13 फरवरी 2020 को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित हुआ।

कार्यक्रम में 200 से अधिक लोगों ने भाग लिया, जिसमें समाज के अग्रणी नागरिक और साहित्यकार शामिल हुए। दिल्ली लिटरेचर फेस्टिवल की संस्थापक रतन कौल कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं। उन्होंने कहा, “मैं बेसब्री से इंतजार करूंगी कि इस पुस्तक का हिंदी व अन्य स्थानीय भाषाओं में भी अनुवाद हो।”

पुस्तक का विमोचन विमेनोवेटर की संस्थापक तृप्ति सिंघल सोमानी ने किया। उनकी संस्था देश भर की इनोवेटिव महिलाओं का मार्गदर्शन करती है। उन्होंने कहा, “हम सभी को समाज के उत्थान के लिए, विशेष रूप से महिला उद्यमियों का समर्थन करके, प्रयास करते रहने की आवश्यकता है।”

कार्यक्रम में ऐसे कई लोग भी उपस्थित थे, जिनकी कहानियों को पुस्तक में स्थान मिला है। उन्होंने भी अपनी सफलता के रहस्यों को सबके सामने साझा किया।

क्वीन इन दि मेकिंग की डॉ. शिवांगी मलेटिया ने कहा, “महिलाओं के लिए यह महत्वपूर्ण है कि यदि वे अपनी शक्ति को पहचानना चाहती हैं तो स्वयं के साथ अपने रिश्ते को प्राथमिकता दें।” वीविमेन की संस्थापक उद्यमी स्वाति जैन ने कहा, “महिलाओं को सबसे अच्छी मदद दूसरी महिलाओं से ही मिल सकती है।” रिइमेजिन ट्रेवलिंग की श्रद्धा गुलाटी ने खुलासा किया कि, “यात्राओं से नये-नये अनुभव होते हैं, जिससे दिमाग और दिल, दोनों का विस्तार होता है।”

कार्यक्रम में भाग लेने के लिए फ्रांस से यहां पहुंची, फिटनेस2फ्लेश की रिंकू शाह ने कहा, “सिर्फ वजन घटाने पर नहीं, हमारा ध्यान फिटनेस और स्वास्थ्य पर होना महत्वपूर्ण है।” विमेन ऑन वैल्थ की प्रियंका भाटिया ने कहा कि “डब्ल्यूईएफ 2017 के महिलाओं के आर्थिक योगदान संबंधी सर्वेक्षण में 144 देशों की सूची में भारत 139 वें स्थान पर है! ” ग्रेट शेफ्स ऑफ दि वर्ल्ड के शेफ अरुण चंदा ने फूड ब्लॉगर्स के बढ़ते दबदबे की सराहना करते हुए कहा, “वे जरूरी एक्सपोजर प्रदान करते हैं और भोजन उद्योग का महत्व बढ़ा रहे हैं।”

लॉन्च ईवेंट का संचालन माधवी आडवाणी ने बख़ूबी किया। कार्यक्रम में समकालीन समाज के उत्थान में सोशल मीडिया की भूमिका पर एक चर्चा की गयी। देवदिती फ़ाउंडेशन की महिलाओं ने अद्भुत ‘नारी सहयोग शक्ति’ का प्रदर्शन करते हुए इस प्रोग्राम को कार्यान्वित किया। आयोजक वंदना गुप्ता और कृत्वी मेठी ने दर्शकों के साथ संवाद रखते हुए कार्यक्रम में जान डाल दी।

लेखिका सपना खंडेलवाल ने अपनी वाकपटुता से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। उन्होंने कहा, “हर किसी के लिए यह संभव है कि वे जो चाहें हासिल कर सकते हैं, बशर्ते वे अपनी विचार प्रक्रिया को विकसित करते रहें, अपनी परिस्थितियों को स्वीकार करें और बिना कमियाँ निकाले या शिकायत किये स्वयं का उत्थान करते रहें।”

‘अनलीश द शक्ति विदिन’, सेल्फ़-हेल्प पुस्तक, हर उम्र, वर्ग और तबके के लिए सहायक है। इसमें साधारण भाषा में ये बताया गया है, की आप अपने आप को संभालते हुए, अपने व्यक्तित्व को निखारते हुए, रिश्तों को मज़बूत रखते हुए, धन अर्जित करते हुए, अपने जीवन को ऊर्जावान कैसे बना सकते हैं। शिकायतें ना करते हुए, ख़ुश हाल रहने की कला आपके जीवन को नयी दिशा दे सकती है बशर्ते आप इस पुस्तक में दर्शायीं हुई पद्धतियों को अपनाएँ व आज़माएँ।