मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद का लक्ष्य स्ट्रोक के बारे में जागरूकता बढ़ाने, स्ट्रोक के कारण होने वाली मौतों को रोकने और जीवन बचाने के लिए पूरे उत्तर भारत में डॉक्टरों को प्रशिक्षित करना है।

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव): ‘स्ट्रोक’ तीन सबसे बड़ी आपात स्थितियों में से एक है जिसमें लोगों की जान जा सकती है।…

मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद ने मरीजों को अपने अनुभव साझा करने एवं जागरूकता बढ़ाने के लिए आमंत्रित कर मनाया ‘सफल लिवर प्रत्यारोपण का जश्न’

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव ) | मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद ने सर्जरी से पहले और बाद में अपने अनुभवों को साझा…

फरीदाबाद के अमृता अस्पताल के एक प्रमुख डॉक्टर ने जानकारी देते हुए कहा कि थैलेसीमिया के मामले में सरकार और समाज का लक्ष्य इलाज के बजाय रोकथाम पर होना चाहिए, क्योंकि इस ब्लड डिसॉर्डर का इलाज बहुत महंगा और कष्टदाई है

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव )| फरीदाबाद के अमृता अस्पताल के एक प्रमुख डॉक्टर ने जानकारी देते हुए कहा कि थैलेसीमिया के…

पंडित एलआर ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस कबूलपुर बांगर बल्लभगढ़ के प्रांगण में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव ) | पंडित एलआर ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस कबूलपुर बांगर बल्लभगढ़ के प्रांगण में रक्तदान शिविर का आयोजन…

फरीदाबाद स्थित अमृता अस्पताल और आईएपी ने जन्मजात हृदय रोग पर सीएमई का आयोजन किया

फरीदाबाद(vinod vaishnav) देश के सबसे बड़े मल्टी स्पेशियलिटी निजी अस्पताल, फरीदाबाद स्थित अमृता हॉस्पिटल ने फरीदाबाद चैप्टर की इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आईएपी) के सहयोग से जन्मजात हृदय रोग (सीएचडी) पर एक सीएमई का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में फरीदाबाद, बल्लभगढ़ और पलवल के 25 से अधिक बाल रोग विशेषज्ञों ने  भाग लिया। अमृता अस्पताल के प्रमुख विशेषज्ञों ने दर्शकों को संबोधित किया, जिसमें बाल चिकित्सा कार्डियोलॉजी और वयस्क जन्मजात हृदय रोग के हेड डॉ. एस राधाकृष्णन और बाल चिकित्सा और जन्मजात हृदय सर्जरी के हेड डॉ. आशीष कटेवा शामिल थे। फरीदाबाद चैप्टर की इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अध्यक्ष डॉ. अनिल नागे और सचिव डॉ. धनसुख कुमावत भी मंच पर मौजूद थे। अमृता अस्पताल के बाल चिकित्सा कार्डियोलॉजी और वयस्क जन्मजात हृदय रोग विभाग के हेड डॉ. एस राधाकृष्णन सीएचडी के लक्षणों के बारे में बात की और साथ ही सर्जिकल हस्तक्षेप की आवश्यकता कब होती है इस बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, “पश्चिमी देशों में 95% की तुलना में, भारत में अभी भी जन्मजात हृदय रोग वाले 2% से कम बच्चों का गर्भ में निदान किया जाता है। जन्म के बाद निदान होने पर भी बच्चे बेहद क्रिटिकल स्टेज में हॉस्पिटल पहुंचते हैं, उस वक़्त उनकी जान बचाना किसी चुनौती से कम नहीं होता है। फीटल ईसीएचओ और ईसीएचओ कार्डियोग्राफी जैसी तकनीकों से अब हम सीएचडी का आसानी से निदान कर पाते हैं। बाल रोग विशेषज्ञों को सीएचडी के चेतावनी संकेतों के बारे में शिक्षित करने और इसे जल्दी पहचानने के तरीके की तत्काल आवश्यकता है। इस सीएमई का आयोजन उसी दिशा में एक कदम है।” अमृता अस्पताल के बाल चिकित्सा और जन्मजात हृदय सर्जरी के हेड डॉ. आशीष कटेवा ने अपने बच्चे में सीएचडी का पता चलने पर माता-पिता द्वारा अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के बारे में बात की। उन्होंने कहा, “जब माता-पिता को उनके बच्चे में सीएचडी का पता चलता है, तो उनके दिमाग में कई सवाल आते हैं। ये  सवाल बीमारी से संबंधित होते हैं, उनके बच्चे को यह क्यों हुआ, क्या वे इसे रोकने के लिए कुछ कर सकते थे, क्या सीएचडी उनके दुसरे बच्चों को भी हो सकता है, क्या होगा अगर बच्चे की सर्जरी नहीं होती है, सर्जरी के जोखिम, सीएचडी के साथ उनके बच्चे की जिंदगी कैसी होगी आदि। बाल रोग विशेषज्ञ के लिए उनकी चिंताओं को  सहानुभूति के साथ दूर करना बहुत आवश्यक है। डॉ कटेवा ने आगे कहा, भारत में सबसे ज्यादा सीएचडी मामले सामने आते हैं, जहां हर साल 200,000 बच्चे इस बीमारी से पीड़ित पैदा होते हैं। हालांकि इनमें से बड़ी संख्या में बच्चों का पता नहीं चल पाता है और इसलिए उनका इलाज नहीं किया जाता है, हम बाल चिकित्सा कार्डियोलॉजी और कार्डियक सर्जरी के क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहे हैं। जन्मजात हृदय दोष के बारे न केवल जनता के बीच बल्कि चिकित्सकों के बीच भी में काफी गलत जानकारी है, जो इस बीमारी के इलाज में एक बड़ी चुनौती है। इस बातचीत का उद्देश्य उन सवालों का जवाब देना था जो माता-पिता और उपचार कर रहे बाल रोग विशेषज्ञ के पास सीएचडी के कारणों और रोकथाम, उपचार के परिणामों और सर्जरी के बाद लॉन्ग-टर्म में रोग के निदान के बारे में हो सकते हैं। फरीदाबाद चैप्टर की इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अध्यक्ष डॉ. अनिल नागे ने कहा कि सीएमई बाल रोग विशेषज्ञों को सीएचडी के बारे में शिक्षित करने के लिए आयोजित किया गया था, विशेष रूप से खतरनाक स्थितियों के लिए जिन्हें तत्काल उपचार की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा, “भारत में, अधिकांश बाल हृदय देखभाल सुविधाएं शहरों में हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे शहरों में सीएचडी के उचित निदान और उपचार को मुश्किल बनाती हैं।सीएचडी की बेहतर समझ के लिए बाल रोग विशेषज्ञों के उचित प्रशिक्षण के साथ हमें भारत के सभी हिस्सों में इस तरह की और सुविधाओं की आवश्यकता है। अमृता अस्पताल के परिसर में एक अत्यधिक विशिष्टताओं के साथ बच्चों का अस्पताल है जो मातृ, प्रजनन और भ्रूण चिकित्सा और बाल चिकित्सा कार्डियोलॉजी, हृदय शल्य चिकित्सा और प्रत्यारोपण, रुमेटोलॉजी, एंडोक्रिनोलॉजी, पल्मोनोलॉजी, न्यूरोसाइंसेस, बाल चिकित्सा आनुवंशिकी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, बाल चिकित्सा आर्थोपेडिक्स और बाल चिकित्सा और भ्रूण की सर्जरी सहित सभी बाल चिकित्सा उप-विशेषताओं से परिपूर्ण है।

राजकीय महाविद्यालय, फ़रीदाबाद तथा ऑल इण्डिया मैंनेजमेन्ट एसोसिएशन (AIMA) के बीच समझौता ज्ञापन

राजकीय महाविद्यालय, फ़रीदाबाद तथा ऑल इण्डिया मैंनेजमेन्ट एसोसिएशन, नई दिल्ली (AIMA) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया |…

विधायक सीमा त्रिखा ने किया मेट्रो अस्पताल में लेडीज क्लब का विधिवत उद्घाटन

फरीदाबाद (दीपक शर्मा /विनोद वैष्णव ) |फरीदाबाद के सेक्टर-16ए स्थित मेट्रो अस्पताल में रविवार को बडखल की विधायिका सीमा त्रिखा…

पल्ला स्थित तरूण निकेतन पब्लिक स्कूल ने अपना 21वाँ स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव ) | पल्ला स्थित तरूण निकेतन पब्लिक स्कूल ने अपना 21वाँ स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया…

अपने पुराने मित्र धर्मपाल यादव से मिलने पहुंचे परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा

बल्लभगढ़(विनोद वैष्णव )। हरियाणा के परिवहन मंत्री पंडित मूलचंद शर्मा अपने पुराने मित्र धर्मपाल यादव, चेयरमैन विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल से…

छात्राएँ आगे आएं वोट बनवाने , देने व समाज को प्रोत्साहित करें–एस डी एम जितेन्दर कुमार

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव )। राजकीय महाविद्यालय फरीदाबाद में 12.01.2021 को जिला निर्वाचन आयोग के आदेशानुसार,प्राचार्य एम के गुप्ता के नेतृत्व…