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Posted by: | Posted on: March 27, 2018

सुदामा प्रीमियर लीग के क्रिकेट टूर्नामेंट के पहले सत्र का हुआ समापन

नई दिल्ली( विनोद वैष्णव/एसपी सिंह/ब्रजेश भदौरिया )|  सुदामा प्रीमियर लीग ने दिल्ली के रोषनारा क्लब स्टेडियम में आयोजित टूर्नामेंट के फाइनल मैच की मेजबानी की। फाइनल मैच टीम आदिदेव और टीम नारायणा के बीच खेला गया। दोनों फाइनलिस्ट टीमें प्रारंभिक लीग मैचों, क्वार्टर फाइनल्स और सेमी-फाइनल्स जीतने के बाद फाइनल्स में पहुंची थीं। प्रतिद्वंद्वी टीमों ने कुछ खिलाड़ियों की षानदार गेंदबाजी, अनुकरणीय बल्लेबाजी कौषल और उल्लेखनीय क्षेत्ररक्षण के दम पर फाइनल में पहुंचने वाली दोनों टीमों को कड़ी टक्कर दी थी। चैंपियन टीम के खिलाड़ियों को आगे के प्रषिक्षण के लिए प्रतिश्ठित क्रिकेट एकेडमी में और उपविजेता टीम के खिलाड़ियों को भारत भर के विभिन्न क्रिकेट एकेडमीज़ में भेजा जाएगा। फाइनल मैच में दर्षक भी काफी संख्या में पहुंचे थे, वहीं मिस यूनाइटेड नेषंस 2017 एमी चैधरी, दिल्ली के पूर्व डीसीपी वेद भूशण और राॅटेरियन नितिन गुप्ता ने अपनी उपस्थिति से आयोजन की षोभा बढ़ाई। कार्यक्रम की एंकरिंग जानी-मानी अभिनेत्री और एंकर सोनिया कौैर ने की।सुदामा प्रीमियर लीग गैर-लाभकारी एनजीओ प्रसार (पीपल्स राइट एंड सोषल रिसर्च सेंटर) द्वारा समाज में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग की प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने की एक षानदार पहल है। प्रवर्तकों ने बीपीएल और ईडब्ल्यूएस श्रेणियों के लिए खुले सार्वजनिक ट्रायल के माध्यम से क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए खिलाड़ियों का चयन किया। इसके बाद इन खिलाड़ियों को क्रिकेट की दुनिया के दिग्गजों द्वारा प्रषिक्षित किया गया और ट्वेंटी-20 प्रारूप के टूर्नामेंट में अन्य टीमों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार किया गया।मिस यूनाइटेड नेषंस 2017 सुश्री एमी चैधरी ने कहा, ‘‘इस नेक पहल के समापन को इतने षानदार तरीके से देखना वास्तव में उत्साहजनक है। उत्तेजना, प्रेरणा, खेल के लिए जुनून और उनके अंदर की आग को इन खिलाड़ियों को षुरू से अंत तक परिभाशित किया। मुझे उम्मीद है कि लीग की भावी योजनाओं के लिए इस पहल के समर्थन में कई और लोग आगे आएंगे।’’दिल्ली के पूर्व डीसीपी श्री वेद भूशण ने कहा, ‘‘कानून से जुड़ा षख़्स होने के नाते मैं यह कह सकता हूं कि वित्तीय बोेझ और वित्तीय स्थिरता की कमी बढ़ते अपराध के प्रमुख कारणों में से एक है। यह पहल एक उपयोगी और उद्देष्यपूर्ण लक्ष्य हासिल करने के लिए मन, मानस और मजबूती को गति प्रदान कर सकती है। इस पहल को देखना षानदार अनुभव रहा, जो इन युवाओं को जीवन में एक ठोस उद्देष्य प्रदान कर रही है और राश्ट्र निर्माण एवं षांतिपूर्ण समाज में भी योगदान देती है।’’भारतीय क्रिकेट टीम में प्रतिभाओं के उभार के बीच, लोग ऐसे कुछ खिलाड़ियों से अनजान नहीं हैं, जो काफी गरीब पृश्ठभूमि से आए हैं और अपनी बेहतरीन प्रतिभा और दम-खम की बदौलत अंतरराश्ट्रीय स्तर पर अपनी चमक दिखाई है और खेल में अपने प्रदर्षन के दम पर खास जगह बनाई है। ऐसी ही प्रतिभाओं को आगे लाने के प्रयास के तहत् इन खिलाड़ियों को एक बड़ा प्लेटफाॅर्म प्रदान कर उन्हें अपने पूर्ववर्तियों से भी ज्यादा चमक बिखेरने का मौका प्रदान करने के लिए, प्रवर्तकों ने ऐसे युवाओं में जीत की भूख को प्रज्वलित किया है, जो अपनी छिपी प्रतिभा को उजागर करना चाहते हैं। भारत में असीमित प्रतिभा और कौषल का अनप्रयुक्त भंडार है, जिसे प्रसार ने सार्वजनिक मंच पर लाने का प्रयास किया है और ऐसी आबादी तक पहुंच बनाकर उनके भविश्य संवारने पर ध्यान केंद्रित किया है, जिन्होंने अब तक इसका केवल सपना देखा था।सुदामा प्रीमियर लीग के प्रवक्ता श्री आषुतोश लोहिया ने कहा, ‘‘हम कपिल देव, अतुल वासन, हरिहरन और संजीव षर्मा के आभारी हैं, जिन्होंने इन युवा खिलाड़ियों को मार्गदर्षन और सलाह देने के लिए स्वेच्छा से आगे आए और उन्हें अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए उनके प्रदर्षन को अनुकूलित करने के लिए प्रेरित किया। हम इस लीग के दूसरे चरण में और भी बेहतर टूर्नामेंट की उम्मीद कर रहे हैं, जहां हम यूपी, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब के आसपास के इलाकों से प्रतिभाषाली खिलाड़ियों को आगे लाएंगे। हमने अपनी पहल के माध्यम से एक उदाहरण पेष करने की कोषिष की है और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गजों ने इसकी काफी सराहना की है। हमें विष्वास है कि हमारा यह विनम्र लेकिन मजबूत प्रयास और तेज होगा तथा राश्ट्र निर्माण एवं सोषल इंजीनियरिंग के लिए एक मिसाल पेष करेगा। अंत में, हमारी पहल का अनूठे तरीके से सपोर्ट करने वाले रेडियो चैनल्स रेड एफएम, रेडियो वन तथा फीवर को भी धन्यवाद देते हैं।’’जाने-माने मनोचिकित्सक डाॅ. समीर पारेख, चेयरमैन एवं हेड, डिपार्टमेंट आॅफ मेंटल एंड बिहेवियरल साइंसेज, फोर्टिस हेल्थकेयर ने कहा, ‘‘इस टूर्नामेंट के खिलाड़ियों के लिए स्पोट्र्स साइकोलाॅजी पर आयोजित सत्र में यह ध्यान देने योग्य था कि चुनौतिपूर्ण माहौल से आने वाले युवाओं ने इन परिस्थितियों से पार पाने और निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने के लिए षानदार प्रदर्षन किया।’’बीएलके सुपर सुपरस्पेषियलिटी हाॅस्पिटल इस आयोजन का मेडिकल पार्टनर है। डाॅ. मृदुल कौषिक, डायरेक्टर – आॅपरेषंस एंड प्लानिंग, बीकेएल सुपर स्पेषियलिटी हाॅस्पिटल ने कहा, ‘‘नेक पहल के आयोजित सुदामा प्रीमियर लीग के साथ बतौर मेडिकल पार्टनर जुड़कर हमें खुषी है। यह देखना बहुत उत्साहजनक है कि लीग बीपीएल और ईडब्ल्यूएस श्रेणियों से चुनी गई प्र्रतिभाओं को एक बड़ा मंच तथा लाइफटाइम अवसर प्रदान करेगा। एक जिम्मेदार स्वास्थ्य सेवा प्रदाता होने के नाते हम हमेषा अपने समाज के वंचित सदस्यों की मदद एवं सहयोग के लिए तत्पर रहते हैं।’’सुदामा प्रीमियर लीग बड़ा सपना देखने और इन सपनों को सच करने के लिए सभी जरूरतों का ध्यान रखते हुए लाइफटाइम अवसर है। प्रवर्तकों का मानना है कि भारत को एक प्रगतिषील देष बनाने में योगदान देने के लिए समाज के लोगों को ऐसे प्रयास षुरू करने के लिए प्रेरित करने की खातिर यह एक उदाहरण बनेगा।

प्रसार (पीपल्स राइट एंड सोषल रिसर्च सेंटर) के बारे मेंः
प्रसार (पीपल्स राइट एंड सोषल रिसर्च सेंटर) लंबे समय से लोगों के अधिकार से जुड़े क्षेत्र में काम कर रहा है और षिक्षा, आजीविका, स्वास्थ्य, लोगों के अधिकार के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय काम किए हैं और लोगों को उनका पूरा वाजिब अधिकार दिया है। ऐसे ही एक मिषन के दौरान प्रसार के प्रवर्तकों के दिमाग में एक विचार आया था कि क्रिकेट – जो तेजी से पूंजीपतियों का खेल बन रहा था – उसमें अब भी आम लोगों की ताकत बनने की क्षमता है, और ऐसे लोगों को पहचानना और उन्हें पोेशित करना अगली चुनौती थी। और दो लोगों ने देष के लिए सभी प्रतिभा चुनने के लिए दौरा किया और काॅरपोरेट को प्रेरित किया (इस प्रक्रिया में) कि उन्हें पिछड़े और गरीबी का दंष झेलने वालों का दुःख कम करने पर ध्यान देना चाहिए और यह उनकी अगली लड़ाई का मैदान होना चाहिए। सुदामा प्रीमियर लीग समाज के बीपीएल/ईडब्ल्यूएस वर्ग की प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने वाला समर्पित एनजीओ- प्रसार एनजीओ का एक उपक्रम है।

Posted by: | Posted on: March 25, 2018

एशियन अस्पताल के फरीदाबाद टैलेंट हंट में बच्चों ने दिखाई प्रतिभा

( विनोद वैष्णव )। एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ  मेडिकल साइंसेज अस्पताल में फरीदाबाद टैलेंट हंट का आयोजन किया। इस अवसर पर फरीदाबाद के 200 बच्चों ने भाग लिया। इस दौरान बच्चों ने अपनी विभिन्न प्रतिभाओं को सबके समक्ष प्रस्तुत किया। 25 मार्च को इसका गैंड फिनाले आयोजित किया गया। इसमें 46 बच्चों ने अपनी प्रस्तुति दी। पंडित श्री राकेश शर्मा निदेशक स्वर मंदिर कला आश्रम, असलम सैफी निदेशक असलम डांस कंपनी, पंकज श्रीधर कोरियोग्राफर राजपथ गणतंत्र दिवस डांस प्रस्तुति, डाॅ. राकेश कपूर, काशीना रिषी डांस टीचर बतौर जज एवं गायक शंकर साहनी ने बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शिरकत की।इस प्रतियोगिता में 3 से 5 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रथम श्रेणी में, 6 से 8 वर्ष के बच्चों को दूसरी श्रेणी में, 9 से 12 वर्ष के बच्चों को तीसरी श्रेणी में और 12 से 15 साल के बच्चों को चैथी श्रेणी में रखा गया। इनमें से 40 बच्चों को ग्रैंड फिनाले के लिए चयनित किया गया। नन्हें प्रतिभागियों ने बड़ी ही सुंदरता से डांस, गाने, एक्टिंग, कविताओं और तबला, पियानो, गिटार प्ले किया। इसके अलावा अपनी प्रस्तुति के माध्यम से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ संदेश भी दिया। 22 मार्च और 23 मार्च 2018 को फरीदाबाद टैलंट हंट के ऑडिशन आयोजित किए गए। बच्चों ने बैली डांस, राजस्थानी डांस, बॉलीवुड़ स्टाइल, कथकली, भारतनाट्यम, कथक, फोक, हिप-हॉप आदि स्टाइल में डांस, योगा प्रस्तुत किया। इस मौके पर बच्चों के अभिभावकों ने भी अपनी रुचि दिखाई उन्होंने अपने बच्चों का प्रोत्साहन बढ़ाया। इस अवसर पर एशियन अस्पताल के डायरेक्टर पद्मश्री डॉ. एन.के. पांडे और उनकी अर्धांगिनी श्रीमति पद्मा पांडे, ने सभी बच्चों को पुरस्कृत किया। एशियन अस्पताल के डायरेक्टर अनुपम पांडे, नेहा पांडे, पांडे, मुकेश मोहता, डाॅ. अरविंद गुप्ता, डाॅ पी.एस आहुजा, डाॅ. जया देब बर्मन व अन्य डाॅक्टर भी मुख्य रूप से उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि ने बच्चों की कला की सराहना करते हुए कहा कि एशियन अस्पताल ने बच्चों को प्रतिभा को उभारने के लिए यह एक बेहतरीन प्लेटफार्म बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन से बच्चों के मन में किसी भी प्रकार का डर घर नहीं रहता और वे अपनी प्रतिभाओं को निसंकोच प्रदर्शित करना सीखते हैं, जिससे वे सफलता के साथ अपना मुकाम हांसिल कर सकें। इसके अलावा सभी प्रतिभागियों को बधाई दी।
फरीदाबाद टैलेंट हंट में 3-5 वर्ष की श्रेणी में आरूष मिश्रा प्रथम, विमोहा द्वितीय और नंदिका गर्ग तृतीय ने 5000, 3000 और  2000 रुपये का पुरस्कार प्राप्त किया। 6-8 वर्ष की श्रेणी में सैय्यम प्रथम, वानी रावल द्वतीय  और डोरोथी सेठी तृतीय ने 5000, 3000 और 2000 रुपये का पुरस्कार प्राप्त किया। 9-11 वर्ष की श्रेणी में अक्षरा शियोनी प्रथम, पहल भाटयानी द्वितीय और पूर्वांश कुमार तृतीय ने 5000, 3000 और 2000 रुपये का पुरस्कार प्राप्त किया। 12-15 वर्ष की श्रेणी में शिवम सोलंकी प्रथम, रिया शर्मा द्वितीय और निकिता तृतीय ने 5000, 3000 और 2000 रुपये का पुरस्कार प्राप्त किया। इसके अलावा याशना, त्रिशय सेठी, काशवी बाली, अनुष्का, सावीन, प्रणय साकिया, नम्य गुप्ता, बीरेन डैंग, सुमीना, शिवांश, कृष्णा और काव्या कृष्णात्रेय को 500-500 रूपये की नकद राशि सांत्वना पुरस्कार के रूप में वितरित की गई। सभी प्रतिभागियों को पार्टीसिपेशन प्रमाण पत्र और बैग भी प्रदान किए गए।

 

Posted by: | Posted on: March 25, 2018

हरियाणा के सीएम ने एशियन अस्पताल की कैंसर मोबाइल वैन का उद्घाटन किया

( विनोद वैष्णव )। फरीदाबाद सेक्टर-21ए स्थित एशियन अस्पताल ने कैंसर मरीजों की जांच के लिए तैयार कैंसर मोबाइल वैन का उद्घाटन हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर जी के करकमलों द्वारा किया गया। इस दौरान एशियन अस्पताल के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर डाॅ. एन.के पांडे उनकी अर्धांगिनी श्रीमति पद्मा पांडे, डाॅ. अनिल जैन राज्यसभा सांसद, उद्योग मंत्री विपुल गोयल, विधायक सीमा त्रिखा, महापौर सुमन बाला, पुलिस कमिशनर अमिताभ ढ़िल्लो, नगर निगम कमिशनर मोहम्मद शाइन, एशियन अस्पताल की ओर से डाॅ. प्रशांत पांडे, श्री अनुपम पांडे, नेहा पांडे, डाॅ. स्मृति पांडे, डाॅ. रमेश चांदना, डाॅ. हिलाल अहमद, डाॅ. रोहित नैय्यर,, डाॅ. पी.एस आहुजा, डाॅ. प्रवीन कुमार बंसल, डाॅ. सुब्रत अखौरी, डाॅ. रितेश शर्मा, डाॅ. अनीता कांत, डाॅ. अरविंद गुप्ता, डाॅ. दिवेश अरोड़ा डाॅ डी.के. केसर, डाॅ. नीतू सिंघल, डाॅ. उमा रानी शैलेश झां आदि अस्पताल के सभी सदस्य मौजूद रहे।
कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिससे भारत में हर छह में से एक व्यक्ति जूझ रहा है। यह भयावह बीमारी परिवार को मानसिक व आर्थिक रूप से त्रस्त कर देती है, क्योंकि जब तक इस बीमारी का पता चलता है तब तक इसका इलाज असंभव हो जाता है। स्तन व बच्चेदानी में होने वाला कैंसर हमारे देश में महिलाओं में आमतौर पर होने वाला कैंसर है, वहीं पुरूषों में फेफड़े, मुंह, व गले का कैंसर ज्यादा पाया जाता है कारण गुटखा, बीडी व तंबाकू का सेवन है।
इन बीमारियों का समय रहते पता चल जाए तो इलाज संभव है किंतु लोगों में शर्म व तरह-तरह की भ्रांतियों के कारण लोग शुरूआती जांच के लिए अस्पताल नहीं जाते और यही कारण है कि कैंसर तीसरी व चैथी स्टेज पर पहंुचकर इलाज को असंभव बना देता है। इस अवसर पर एशियन अस्पताल के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर डाॅ. एन.के पांडे ने कहा क़ि एशियन अस्पताल ने कैसर मरीजों के इलाज को आसान बनाने के लिए आधुनिक तकनीकों से लैस एक कैंसर मोबाइल वैन तैयार की हैं। एशियन द्वारा बनाई गई इस कैंसर वैन का मकसद गांव व अन्य पिछड़े इलाकों में घर-घर जाकर कैंसर की जांच करना है और यह जांच निःशुल्क की जाएगी।  इस मोबाइल वैन में पूरे शरीर का एक्स-रे, मेमोग्राफी, ब्लड एवं स्टूल टेस्ट तथा पैपस्मीयर करने की सुविधा मौजूद हैैै। इस वैन में लगे आधुनिक उपकरण शरीर में पनप रहे कैंसर का शुरूआती स्टेज में पता लगाकर लोगों को बीमारी के बारे में जागरूक एवं कैंसर डिटेक्शन में मदद करेगी। इस वैन में महिला डाॅक्टर, तकनीशियन और रेडियोलाॅजिस्ट मौजूद रहेंगे, जो लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करेंगे। यह वैन हरियाणा खासकर फरीदाबाद और राजस्थान के गांवों में जाकर कैंसर की शुरूआती जांच करेगी। हमें खुशी है कि हम देश में तेजी से फैल रही इस भयावह बीमारी की रोकथाम में एक महत्वपूर्ण कदम ले रहे हैं।
Posted by: | Posted on: March 23, 2018

कश्मीरी समाज की मदद से कुष्ठरोगी पुनर्वास केद्र के पीड़ित रोगियों की सहायता

पलवल ( विनोद वैष्णव ): दुधौला स्थित हरियाणा विश्कर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने अखिल भारतीय कश्मीरी समाज की मदद से कुष्ठरोगी पुनर्वास केद्र के पीड़ित रोगियों ने की सहायता के उदेश्य से अपनी कुछ इच्छाओं/भावनाओं को कुलपति राज नेहरु (एचवीएसयू) के समक्ष इजहार किया था। इस इच्छा-सूचीनुसार उनकी मानवीय सम्वेदनाओं को समझते हुए आज एचवीएसयू और एआईकेएस के प्रयासों से इस मानवीय कार्य को पूरा किया, क्योंकि उनके मन इच्छा की पूर्ति से उनके जीवन में कुछ बदलाव आ सकें।  इन पीड़ित रोगियों को स्थाई रूप से उनके परिवारों द्वारा छोड़ दिया जाता है और  उनका जीवन इन पुनर्वास केंद्रों में गुजर जाता है।
कुलपति  राज नेहरू ने कहा एक सामाजिक कार्यकर्ता की भांति विपत्ति तथा दुखों से राहत दिलाने एवं उनके निवारण तथा आपेक्षित सेवाओं की व्यवस्था और संसाधन प्राप्त करने में और उस कार्य को सक्षम बनाने के लिए श्री विजय आईमा अध्यक्ष अखिल भारतीय कश्मीरी समाज हमेशा उनके साथ खड़े पाते हैं और श्री विजय आईमा ने आश्वासन दिया कि एआईके एस ऐसे सामाजिक कार्यो के लिए सदेव हरियाणा विश्कर्मा कौशल विश्वविद्यालय के साथ खड़े रहेंगें।कुलपति   राज नेहरू ने कहा एक कहावत है रोग से घृणा करो रोगी से नहीं लेकिन हमारे समाज में लोग कुष्ठ रोग से ज्यादा कुष्ठ  रोगी से घृणा करते हैं,समाज अपने नजरिए में बदलाव लाएं और कुष्ठ रोगियों के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाएं तो हजारों ऐसे पीड़ित वृद्धों को बेघर होने से बचाया जा सकता है। उन्होनें कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों के साथ अपना कुछ समय बिताया और उन्होनें  पीड़ित लोगों की गतिविधियों  की कार्यप्रणाली को बारीकी से समझते हुए कुष्ठ रोग के प्रति समाज का नजरिया बदलने तथा लोगों को जागरुक करने में अपनी भूमिका निभाने की भी निश्चय किया।
माननीय कुलपति जी ने कहा देश में सामाजिक कार्य की वर्तमान संभावनाएं है।सामाजिक कार्य परोपकारिता प्रजातांत्रिक आदर्शों से विकसित हुआ है। क्योंकि सामाजिक कार्य समाज में फैली बाधाओं असमानताओं तथा अन्याय का पता लगाता है इसका उद्देश्य व्यक्ति की पूर्व अंतर शक्ति का विकास करने और  जीवन की बुराई को रोकने में सहायता कर हमें प्रेरणा एवं चित्र के रूप में कार्य करते हैं ।
इस अवसर पर उनके साथ डॉ सुनील गुप्ता कुलसचिव(एचवीएसयू), डॉ ललित कुमार शर्मा, श्री संजीव तायल, सुश्री मीनाक्षी कौल, सुश्री शिखा गुप्ता, डॉ उदित कुमार सुश्री भारती एवं कुष्ठ रोग पीड़ित पुनर्वास केंद्र के सभी कार्यकर्ता
 मौजूद थे।
Posted by: | Posted on: March 22, 2018

7 राज्यों के 2100 किलेामीटर में दिया बाइक रैली से कैंसर से बचाव का संदेश -आसाम के सिलचर में हुआ बाइक रैली का समापन

सिलचर( विनोद वैष्णव )। आसाम के 11 जिला अस्पतालों के डे कैंसर सेंटर की शुरुआत टाटा ट्रस्ट की और से की जा रही है, इसमें कुछ सेंटर पर रेडियेाथेरेपी की सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी। इससे कैंसर के मरीजों को राजधानी या अन्य स्थानों  पर नही जाना पड़ेगा। यह जानकारी टाटा ट्रस्ट के प्रतिनिधियों ने गुरुवार को बीट कैंसर रन एंड राइड 2018 के समापन अवसर पर आयेाजित प्रेस कांफे्रस को संबोधित करते हुए दी। टाटा ट्रस्ट, कचार कैंसर हास्पीटल, सिलचर थंपर्स इंफिल्ड क्लब, वायॅस आॅफ टोबेको विक्टिमस (वीओटीवी), संबध हैल्थ फांउडेशन (एसएचएफ), नैशनल कैंसर ग्रिड, टाटा मोटर्स, आसाम राइफल्स, राष्ट्रीय सवास्थ्य मिशन, रोटरी इंटरनेशनल, डिस्ट्रिक 3240, ग्रेट नार्थ इस्टर्न रन, गपशप 93.4 एफएम, इलेक्ट्रोबियोन शिप, एंड यम्मी फूड के सहयेाग से हुई यह बाइक रैली 12 मार्च को 17 मेाटरसाइकिल पर 34 बाइकर्स व कैंसर सर्जन के साथ यह सिलचर से रवाना होकर नार्थ इस्ट के 7 राज्यों से होते हुए 2100 किलोमीटर का सफर तय करके यंहा पहुंची है। इसमें सामाजिक संगठनों, मेडिकल कालेज, एनएसएस, कैंसर सर्जन, पैसेंट, सेना, सीआरपीएफ, सीमा सुरक्षा बल, एंव आसाम राइफल्स ने भी सहेयग किया। इस दौरान बाइकर्स ने शिलांग, गुवाहाटी, तेजपुर, इटानगर, डिबू्रगढ़, कोहिमा, इम्फाल, आइजवाल, अगरतला होते हुए सिचलर इत्यादि स्थानों पर रास्ते में लोगों को तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादेां के नुकसान व इससे होने वाले प्रभाव की जानकारी देकर प्रचार सामग्री का वितरण किया।
टाटा ट्रस्ट के कैंसर कार्यक्रम के मेडिकल डायरेक्टर डा.अरनी पुरुषेातम ने बताया कि टाटा ट्रस्ट् की और से कैंसर जैसी बीमारी की पहचान व उसके उपचार पर सहयोगी संस्थाअेां व सरकार के साथ मिलकर काम किया जा रहा है। इसमें जन जागरुकता इत्यादि कार्यक्रमों का आयेाजन भी किया जाता है। कैंसर का मुख्य कारण तंबाकू को माना गया है। इससे मुंह व गले का कैंसर मुख्य है।
उन्होने बताया कि आसाम सरकार के साथ मिलकर ट्रस्ट की और से 17 नए सेंटर खेाले जा रहे है, ताकि कैंसर के रोगियों को अधिक उपचार की सुविधा मुहैया कराई जा सके।
14.5 लाख कैंसर के मामले
जिस तरह भारत में कैंसर के हर साल करीब 14.5 लाख नए मामले सामने आ रहे हैं, उससे हर कोई चिंताग्रस्त है। यदि यूं ही इस जानलेवा बीमारी का प्रभाव तेजी से बढ़ता गया तो साल 2020 तक 17.3 लाख और नए मामले सामने आने का अनुमान है। हैरानीजनक बात ये है कि करीब 70 फीसदी मामलों में इस बीमारी का पता आखिरी स्टेज पर चलता है, जिसके परिणाम स्वरूप करीब 50 फीसदी रोगियों की मौत एक साल की अवधि में हो जाती है। आंकड़ों मुताबिक देश के पूर्वोत्तर राज्यों में आमतौर पर ओरल, ब्रस्ट व सरवाइकल कैंसर रोगियों की संख्या अन्य राज्यों की तुलना में नार्थ इस्ट में काफी अधिक है। इस तरह के कैंसर के पनपने की मुख्य वजह देरी से उपचार, कैंसर रोग के लक्षणों के प्रति जागरूकता की कमी तथा मनोवैज्ञानिक कारणों में डर व नियतात्मकता की कमी को माना गया है।
इस मौके पर कचार कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र के डॉ. रवि कन्नन ने बताया कि करीब 50 फीसदी कैंसर और 90 फीसदी मुंह का कैंसर होने की मुख्य वजह तंबाकू है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए डॉक्टर्स को इस बाइक रैली के जरिए जागरूकता पैदा करने के लिए प्रेरित किया है। इस बाइक रैली का उद्देश्य कैंसर के प्रति लोगों को इस बात के लिए सचेत करना कि सकारात्मक सोच के साथ इस जानलेवा बीमारी से बचा जा सकता है।
वॉयस ऑफ टोबेको विक्टिम (वीओटीवी) अभियान की डायरेक्टर आशिमा सरीन ने कहा कि  गेट्स (ग्लोबल एडल्ट टोबेका सर्वे) 2009-10 और 2016-17 की रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर, असम और त्रिपुरा में तम्बाकू का उपभोग बढ़ गया है। रिपोर्ट के मुताबिक मणिपुर में गैट्स-1 के मुताबिक तम्बाकू उपभोग 54.1 प्रतिशत था जो कि गैट्स-2 में बढकर 55.1 प्रतिशत हो गया। ऐसी ही स्थिति असम में है जहां गेट्स-1 सर्वे के मुताबिक तम्बाकू की खपत 39.3 प्रतिशत थी, जो कि बढकर गेट्स-2 में 48.2 प्रतिशत पर पहुंच गई। वहीं, त्रिपुरा में गेट्स-1 में 55.9 प्रतिशत से बढकर गेट्स-2 में 64.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
कैंसर पीड़ित ने सुनाई आपबीती
इस अवसर पर कैंसर से पीड़ित एक 64 वर्षीय वृद्व ने बताया कि इन तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों के सेवन से किस प्रकार से जिंदगी नर्क बन जाती है। कैंसर का पता समयपूर्व नही चलने के कारण जिंदगी बद से बदतर हो जाती है। परिवार, समाज के साथ साथ रोजगार की समस्या का भी सामना करना पड़ता है। वंही कमजोर आर्थिक स्थिति के चलते इलाज में भी परेशानी आती है। इसलिए इस प्रकार के जहरीले कैंसर के कारकों से युवाअेां व अन्य को इससे दूर रहना चाहिए।
कैसर की रोकथाम के लिए बनेगा अलांयस
कैंसर रोग पर नियंत्रण के लिए एक अलायंस का गठन किया जायेगा, जिसमें सभी तरह के लोग होेंगे। इसके तहत 5 सालेां में नार्थ इस्ट के स्वास्थ्य के सिस्टम में सुधार लाने के प्रयास किए जांएगे। कैंसर के रोगियेां को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े इसके लिए भी इसमें सिस्टम को डवलप किया जाएगा।
ये है पार्टनर
इस बाइक रैली में राष्ट्रीय सेवा योजना (उत्तर पूर्व क्षेत्र), रोटरी जिला 3240, संबंध हैल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) गुरुग्राम, डॉक्टर्स फॉर यू, नेइग्राहिम्स (शिलांग), शिलांग वाणिज्य कॉलेज, मानभा फाउंडेशन, गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, बैपटिस्ट क्रिश्चियन अस्पताल (तेजपुर), अरुणाचल स्टेट हॉस्पिटल, असम मेडिकल कॉलेज, नागा हॉस्पिटल, रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंसिस (इम्फाल), मिजोरम कैंसर इंस्टीट्यूट, त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज का सहयोग मिल रहा है।
Posted by: | Posted on: March 22, 2018

सिविल सर्जन डा0 बीरसिंह सहरावत की अध्यक्षता में जिला सलाहकार समिति पीएनडीटी की बैठक का आयोजन किया गया

पलवल( विनोद वैष्णव )। सिविल सर्जन डा0 बीरसिंह सहरावत की अध्यक्षता में वीरवार को जिला सलाहकार समिति पीएनडीटी (पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक) की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में एटलस हस्पताल व निधि हस्पताल के नए पंजीकरण करने की कमेटी द्वारा अनुमोदना की गई। प्रेम जीवन हस्पताल के सैंटर को बंद करने की अनुमोदना कमेटी द्वारा की गई। फैथ हस्पताल की नॉन वर्किंग मशीन को रिपेयर करने के लिए डीशिल्ड करने की कमेटी द्वारा अनुमोदना की गई। डा. भास्कर अल्ट्रासाउंड सैंटर के ईको कार्य के लिए नियमानुसार जांच के बाद अनुमति देने की अनुमोदना की गई। श्री सत्य सांई बघौला ट्रस्ट व मैडिस्कैन, एपैक्स हस्पताल में नए अल्ट्रासोनोलोजिस्ट का नाम जोडने की अनुमोदना की गई। गोयल नर्सिंग होम होडल को  कारण बताओ नोटिस व किशन सिंह हस्पताल को वार्निंग देने क अनुमोदना की गर्ई। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा छ: माह की अवधि वाले पत्रों व यश मेडिकेड बारे में चर्चा की गई।

Posted by: | Posted on: March 21, 2018

जीवा केन्द्र मान्यता प्राप्त करने वाला हरियाणा का पहला पंचकर्म क्लिनिक बन गया है

 ( विनोद वैष्णव )|  फरीदाबाद स्थित जीवा आयुर्वेद क्लिनिक एवं पंचकर्म केंद्र को अस्पतालों और हेल्थकेयर प्रदाताओं को राष्ट्रीय प्रमाणन देने वाले बोर्ड (एनएबीएच) से मान्यता प्राप्त हो गई है। जीवा केन्द्र यह मान्यता प्राप्त करने वाला हरियाणा का पहला पंचकर्म क्लिनिक बन गया है। प्रतिष्ठित, राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त एनएबीएच प्रमाणन वर्तमान में भारत में एक दर्जन से भी कम पंचकर्म क्लिनिक को मिला है।इसका कारण यह है कि राष्ट्रीय मानकों के साथ बारीकी से जांच करने की कठोर मूल्यांकन प्रक्रिया के आधार पर एनएबीएच प्रमाणन दिया जाता है। मूल्यांकन के तहत उपचार और दवाइयों, रोगी की देखभाल, रोग का प्रबंधन, नैतिक उपचार, निरंतर गुणवत्ता सुधार, डॉक्टरों और कर्मचारियों का प्रशिक्षण, इंफ्रास्ट्रक्चर, रोगियों और संरक्षकों की सुरक्षा, मरीजों के अधिकारों की रक्षा आदि की गुणवत्ता की जांच की जाती है। जीवा पंचकर्म केंद्र इन सभी मापदंडों का सख्ती से पालन करता है। जीवा आयुर्वेद के निदेशक मधुसुदन चौहान ने कहा, ‘‘हमें हरियाणा का पहला और उत्तर भारत का दूसरा एनएबीएच से मान्यता प्राप्त पंचकर्म क्लिनिक बनने पर काफी खुशी हुई है।यह उपलब्धि आयुर्वेद में सर्वव्यापी उत्कृष्टता की मान्यता है जिसके लिए जीवा आयुर्वेद को 1992 से ही जाना जाता है। यह रोगियों की त्रुटिरहित देखभाल और सेवा और इलाज के उच्च गुणवत्ता वाले परिणामों के साथ, प्रत्येक रोगी को व्यक्तिगत और प्रभावी उपचार प्रदान करने के हमारे वचन को मजबूत करता है। अब काफी संख्या में स्वास्थ्य बीमा प्रदाता एनएबीएच-मान्यता प्राप्त संस्थानों में इलाज करा रहे रोगियों को बीमा का लाभ दे रहे हैं, जिससे हमारे रोगियों को लाभ होगा।’’ जीवा पंचकर्म क्लिनिक में 40 से अधिक क्लासिकल पंचकर्म उपचार की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। जीवा इलाज के सर्वोत्तम तरीकों, सफाई के उच्चतम स्तर, ग्राहक-अनुकूल दृष्टिकोण, पारदर्शिता और व्यावसायिकता का पालन करता है। रोगियों को कम कीमत पर आयुर्वेदिक दवाएं उपलब्ध करायी जाती है और आहार और जीवन शैली से संबंधित सलाह दी जाती है। यहां आयुर्वेद के डॉक्टरों के गहन निरीक्षण में अच्छी तरह से प्रशिक्षित विशेषज्ञों के द्वारा रोगियों की चिकित्सा की जाती है।जीवा आयुर्वेद के देश भर में 65 आयुर्वेद केंद्र हैं, और हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 8 पंचकर्म क्लिनिक हैं।

Posted by: | Posted on: March 19, 2018

फायर सेफ्टी और फायर मैनेजमेंट पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

( विनोद वैष्णव ) | मंझावली स्थित जेबी नॉलेज पार्क में फायर सेफ्टी और फायर मैनेजमेंट पर एक दिवसीय कार्यशाला और पूर्व अभ्यास का आयोजन आपदा प्रबंधन के विषय विशेषज्ञ डॉक्टर एम.पी. सिंह के द्वारा किया गया| जिसमें डॉक्टर एम.पी. सिंह ने विद्यार्थियों को सिलेंडर मैं रेगुलेटर कैसे लगाना है? कैसे निकालना है? यदि उसमें आग लग जाती है, तो उसको किस प्रकार से कट करना है| आग लगने की सभी बारीकियों से अवगत कराया और बताया कि सिलेंडर जब तक गर्म नहीं होता है, जब तक उसमें आग नहीं लगती है| यदि उसकी पाइप में आग लगी हुई है तो आप अपने हाथ से यदि उस पाइप का आगे वाला हिस्सा बंद कर देते हो तो आग बुझ जाति है| क्योंकि ऑक्सीजन कट हो जाती है, यदि सिलेंडर के चारों ओर आग पकड़ चुकी है तो आप कोई भी गिला कपड़ा लेकर सिलेंडर के चारों ओर लपेट दें ताकि उसको ऑक्सीजन ना मिल सके तो भी आग बुझ जाती है| यदि कहीं किसी कपड़े या किसी वस्तु में आग लग जाती है तो वह जनरल आग कहलाती है| उस जनरल आग को हम एबीसी फायर सिलेंडर के द्वारा बुझा सकते हैं लेकिन उसके बाद भी हमें उस पर पानी डालना पड़ता है| डॉ सिंह ने फायर हाइड्रेंट को लगाना और निकालना सिखाया और बच्चों से अभ्यास भी करवाया| होज पाइपों को जोड़ना भी सिखाया पाइप होते हैं और आग बुझाने के लिए विद्यार्थियों को साथ लेते हुए उन्हीं के हाथों से उस आग को बुझाया कार्बन डाइऑक्साइड सिलेंडर के द्वारा और फॉम सिलेंडर के द्वारा इलेक्ट्रिक आग पर और केरोसिन आग पर काबू पाने के तरीकों की भी विस्तृत जानकारी दी|आग से जलने पर हम अपने शरीर को कैसे बचा सकते हैं और जले हुए आहत व पीड़ित लोगों को किस प्रकार से आग में से बाहर निकाल सकते हैं उसकी भी विस्तृत जानकारी दें कार्यक्रम के प्रारंभ में विद्यालय के डायरेक्टर डॉ हर्षित सिन्हा ने डॉ MP सिंह का गुलदस्ता देकर स्वागत किया और अंत में कॉलेज के मैनेजिंग डायरेक्टर माननीय जेपी गुप्ता जी ने धन्यवाद किया उक्त कार्यक्रम में फायर ऑफिसर संजय और डी.पी उधम सिंह की अहम भूमिका रही|
Posted by: | Posted on: March 19, 2018

लक्ष्य की फरीदाबाद टीम ने ” लक्ष्य गाँव गाँव की ओर” अभियान के तहत एक कैडर कैम्प का आयोजन गाँव समयपुर में किया

विनोद वैष्णव |  लक्ष्य की फरीदाबाद टीम ने ” लक्ष्य गाँव गाँव की ओर” अभियान के तहत एक कैडर कैम्प का आयोजन हरियाणा के जिला फरीदाबाद के गाँव समयपुर में किया | जिसमे  लगभग दस गाँवो के लोगो ने विशेषतौर से महिलाओ व् युवाओ ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया लक्ष्य की हरियाणा कमाण्डर कविता जाटव ने महापुरुषों को नमन कियातथा  कैडर कैम्प में महिलाओ की अच्छी उपस्तिथि पर खुसी जाहिर करते हुए उनकाधन्यवाद किया | कविता जाटव ने कहा की बहुजन समाज के आंदोलन के लिए महिलाओ  व् युवाओ को आगे आना होगा | उन्होंने कहा कि लक्ष्य देश में पहला संगठन है जो महिलाओ को नेतृत्व लिए तैयार कर रहा है और लक्ष्य का यह प्रयोग अच्छे स्तर पर सफल भी हो रहा है | उन्होंने बताया कि लक्ष्य कीकमांडर शोषण के खिलाफ सडको पर भी उतर रही है और बहुजन समाज को जागरूक करने के लिए गाँव गाँव जा रही है | उन्होंने लक्ष्य द्वारा 8 अप्रैल कोलखनऊ में  आयोजित ” बहुजन भागीदारी महारैली” में ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचने की अपील भी की लक्ष्य कमांडर मिलाप सिंह ने कहा कि  आजादी के 70 वर्षो के बाद भी बहुजन समाज को उनके अधिकार नहीं मिल पाए है | उन्होंने दुःख प्रकट करते हुए कहाकि देश भर में बहुजनो पर आये दिन अमानवीय घटनाये होती रहती है और जब इन घटना पर सरकार अपनी चुप्पी साध लेती है तब और भी कष्टकारी होजाता है | उन्होंने सरकारों में बैठे बहुजन समाज के  नेताओ पर  प्रहार करते हुए कहा कि ये नेता भी बहुजन समाज  के अधिकारों के लिए व् उन पर हो रहेअत्याचारों पर  अपना मुँह तक नहीं खोलते है जोकि बहुत दुखद है लक्ष्य कमांडर पुष्पा नेहरा ने बहुजन समाज व् महिलाओ के उत्थान में  बाबा साहब डॉ भीम राव अम्बेडकर के योगदान की विस्तार से  चर्चा की | उन्होंनेबच्चो की शिक्षा पर  जोर देते हुए कहा कि शिक्षा से ही बहुजन समाज अपनी बिगड़ी को   बना सकता है अतं हमें अपने बच्चो को अच्छी से अच्छी शिक्षा देनीहोगी लक्ष्य के एन.सी.आर. प्रभारी गंगा लाल गौतम ने लक्ष्य के कार्यो व् उद्देश्यों को विस्तार से समझाया | उन्होंने कहा कि बहुजन समाज को अपनी सामाजिकजड़ो को मजबूत करना होगा ताकि वो अपने अधिकारों को प्राप्त कर सके |

लक्ष्य कमांडर शंकर लाल, नीरज नारहवाल, धर्मेंद्र कुमार, दौलत राम बौद्ध, अशोक नेहरा, मायावती  व् हरीश

Posted by: | Posted on: March 17, 2018

हेरिटेज एक्सपेरिमेंटल स्कूल में सडक़ पर सुरक्षा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

( विनोद वैष्णव ) : हेरिटेज एक्सपेरिमेंटल लर्निंग स्कूल में बस कंडक्टर, ड्राइवर, ऑटो चालक, कैब ड्राइवर व अभिभावकों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। माननीय भारत भूषण गोगिया उपमंडल अधिकारी नागरिक, गुडगांव के आदेशानुसार सडक़ सुरक्षा के नोडल अधिकारी डॉक्टर एम.पी.सिंह के द्वारा किया गया। जिसमें विद्यालय के चीफ एडमिन ऑफिसर कर्नल दिनेश यादव ने एम.पी.सिंह को गुलदस्ता देकर स्वागत किया। विद्यालय की एसोसिएट डायरेक्टर दीपक कुमार ने मोमेंटो देकर सम्मानित किया।हेरिटेज स्कूल के डॉयरेक्टर निश्चिंत चावला ने अंत में सब का धन्यवाद किया। आज के कार्यक्रम में सरकार की आने वाली नई पॉलिसियां का बखान किया गया जोकि 1 अप्रैल 2018 से सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के तहत सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार हरियाणा सरकार के द्वारा लागू कर दी जाएंगी। जिसमें कोई भी वाहन विद्यार्थी को लाने ले जाने के लिए पीला होना अनिवार्य है उसकी नंबर प्लेट भी पीली होने चाहिए। जीपीआर सिस्टम और कैमरा सभी वाहनों में लगा हुआ होना चाहिए। क्षमता से ज्यादा विद्यार्थी किसी भी वाहन में नहीं होनी चाहिए।सभी वाहनों पर आपातकालीन नंबर लिखे हुए होने चाहिए और कैब या कोई भी प्राइवेट वाहन जो बच्चों को स्कूल छोडऩे जा रहा है, उस पर स्कूल वाहन अवश्य लिखा होना चाहिए। यदि कोई वाहन चालक सडक़ के नियमों की अवहेलना करता है, तो उस पर नई पॉलिसी के अनुसार जुर्माना किया जाएगा। जो कि पहली पॉलिसी से कई गुना ज्यादा है जिसमें लाइसेंस रद्द के साथ में कई महीनों की और साल की सजा का भी प्रावधान है। सडक़ पर चलते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।विद्यार्थियों को सडक़ पार कराते समय अभिभावकों की क्या जिम्मेदारी बनती है, उन सभी बातों को विस्तार से डॉक्टर एम.पी सिंह ने समझाया सडक़ पर लगे रहने वाले सभी चिन्ह और प्रतीकों की भी विस्तृत जानकारी दी। हम इन चिन्हों की पालन ना करने से सडक़ दुर्घटनाओं में कमी लेकर आ सकते हैं। इनका ज्ञान होना अति आवश्यक है अंत में नियमों की पालना कराने हेतु एक कमेटी का गठन किया गया जिसमें कुछ अभिभावकों को और कुछ कंडक्टर ड्राइवर को लिया गया।