पलवल ( विनोद वैष्णव ): दुधौला स्थित हरियाणा विश्कर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने अखिल भारतीय कश्मीरी समाज की मदद से कुष्ठरोगी पुनर्वास केद्र के पीड़ित रोगियों ने की सहायता के उदेश्य से अपनी कुछ इच्छाओं/भावनाओं को कुलपति राज नेहरु (एचवीएसयू) के समक्ष इजहार किया था। इस इच्छा-सूचीनुसार उनकी मानवीय सम्वेदनाओं को समझते हुए आज एचवीएसयू और एआईकेएस के प्रयासों से इस मानवीय कार्य को पूरा किया, क्योंकि उनके मन इच्छा की पूर्ति से उनके जीवन में कुछ बदलाव आ सकें। इन पीड़ित रोगियों को स्थाई रूप से उनके परिवारों द्वारा छोड़ दिया जाता है और उनका जीवन इन पुनर्वास केंद्रों में गुजर जाता है।
कुलपति राज नेहरू ने कहा एक सामाजिक कार्यकर्ता की भांति विपत्ति तथा दुखों से राहत दिलाने एवं उनके निवारण तथा आपेक्षित सेवाओं की व्यवस्था और संसाधन प्राप्त करने में और उस कार्य को सक्षम बनाने के लिए श्री विजय आईमा अध्यक्ष अखिल भारतीय कश्मीरी समाज हमेशा उनके साथ खड़े पाते हैं और श्री विजय आईमा ने आश्वासन दिया कि एआईके एस ऐसे सामाजिक कार्यो के लिए सदेव हरियाणा विश्कर्मा कौशल विश्वविद्यालय के साथ खड़े रहेंगें।कुलपति राज नेहरू ने कहा एक कहावत है रोग से घृणा करो रोगी से नहीं लेकिन हमारे समाज में लोग कुष्ठ रोग से ज्यादा कुष्ठ रोगी से घृणा करते हैं,समाज अपने नजरिए में बदलाव लाएं और कुष्ठ रोगियों के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाएं तो हजारों ऐसे पीड़ित वृद्धों को बेघर होने से बचाया जा सकता है। उन्होनें कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों के साथ अपना कुछ समय बिताया और उन्होनें पीड़ित लोगों की गतिविधियों की कार्यप्रणाली को बारीकी से समझते हुए कुष्ठ रोग के प्रति समाज का नजरिया बदलने तथा लोगों को जागरुक करने में अपनी भूमिका निभाने की भी निश्चय किया।
माननीय कुलपति जी ने कहा देश में सामाजिक कार्य की वर्तमान संभावनाएं है।सामाजिक कार्य परोपकारिता प्रजातांत्रिक आदर्शों से विकसित हुआ है। क्योंकि सामाजिक कार्य समाज में फैली बाधाओं असमानताओं तथा अन्याय का पता लगाता है इसका उद्देश्य व्यक्ति की पूर्व अंतर शक्ति का विकास करने और जीवन की बुराई को रोकने में सहायता कर हमें प्रेरणा एवं चित्र के रूप में कार्य करते हैं ।
इस अवसर पर उनके साथ डॉ सुनील गुप्ता कुलसचिव(एचवीएसयू), डॉ ललित कुमार शर्मा, श्री संजीव तायल, सुश्री मीनाक्षी कौल, सुश्री शिखा गुप्ता, डॉ उदित कुमार सुश्री भारती एवं कुष्ठ रोग पीड़ित पुनर्वास केंद्र के सभी कार्यकर्ता
मौजूद थे।