डीएलएफ फाउंडेशन का ‘वॉश मॉडल’ कार्यक्रम बढ़ाएगा अब दिल्ली के स्कूलों की शिक्षा गुणवत्ता

Posted by: | Posted on: March 23, 2018

नई दिल्ली( विनोद वैष्णव ): जीवन में शिक्षा के महत्व को बताते हुए स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि ‘शिक्षा का मौलिक अधिकार सभी को है और यह तभी पूर्ण हो सकेगा जब भारत में हर बच्चा शिक्षित होगा | यथार्थ, हम सब वास्तविक रूप से उसी दिन शिक्षित कहलायेगें |’ राजधानी दिल्ली के कई ग्रामीण इलाकों में अभी भी शिक्षा की स्थिति दयनीय बनी हुई है | इसी संदर्भ में डीएलएफ फाउंडेशन ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के साथ मिलकर ‘वॉश मॉडल’कार्यक्रम की शुरुआत की | इस कार्यक्रम के माध्यम से डीएलएफ फाउंडेशन का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना , बुनियादी मूलभूत सुविधायें एवं स्वच्छता इत्यादि के संसाधन पहुँचाना है | सबसे पहले इस कार्यक्रम को नई दिल्ली में द्वारका के अंबर गाँव में स्थिति गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल में शुरू किया गया | ‘वॉश मॉडल’ कार्यक्रम का शुभारंभ दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की मेयर सुश्री कमलजीत सहरावत ने किया | इस मौके पर डीएलएफ फाउंडेशन के सीईओ विनय साहनी एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे |इस अवसर पर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की मेयर सुश्री कमलजीत सहरावत ने कहा कि-“डीएलएफ फाउंडेशन को इस कार्य के लिए धन्यवाद, जिन्होंने द्वारका के अंबर हे जैसे ग्रामीण स्कूलों में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए बुनियादी मूलभूत सुविधायें पहुँचायीं हैं |  साथ ही, इन्होंने स्कूल में सीसीटीवी कैमरे, बच्चों की शैक्षिक ज्ञान में वृद्धि के लिये उच्च स्तर के शिक्षक एवं सह-पाठ्यक्रम गतिविधियाँ भी उपलब्ध करवायी हैं | डीएलएफ फाउंडेशन ने गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल में शौचालय का भी निर्माण किया है, परंतु अब इसको स्वच्छ और संरक्षित रखना विद्यार्थियों एवं शिक्षकों का कर्तव्य हैं | इस कार्यक्रम से सीखकर, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले सभी सरकारी स्कूलों में हम ‘वॉश मॉडल’ कार्यक्रम को ले जायेंगे |‘वॉश मॉडल’ कार्यक्रम के विषय में बताते हुए डीएलएफ फाउंडेशन के सीईओ विनय साहनी ने कहा कि-“ हमारी विभिन्न प्रकार की सीएसआर परियोजनाओं में से एक यह स्कूल की बुनियादी मूलभूत विकास योजना भी हैं | ‘टैलेंट नर्चरिंग प्रोग्राम’ डीएलएफ फाउंडेशन द्वारा शुरू एक विशेष परियोजना है । इसके माध्यम से 1200 से अधिक वंचित वर्ग के प्रतिभासम्पन्न बच्चों को उनकी क्षमता और आय के आधार पर चयन कर शिक्षा का अवसर देना है । साथ ही, डीएलएफ फाउंडेशन उन्हें कोचिंग, परामर्श, सलाह और सॉफ्ट कौशल प्रशिक्षण और पुरस्कार प्रदान करने में भी सहयोग करता है । ‘स्किल-ए-मिलियन प्रोग्राम’ का उद्देश्य आने वाले आठ से दस सालों में दस लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण और नौकरी की नियुक्ति प्रदान करने में संलग्न करता हैं | इसके अतिरिक्त, ‘मॉडल विलेज परियोजना’ के अंतर्ग्रत डीएलएफ फाउंडेशन का लक्ष्य किसी भी गाँव को एक ‘स्मार्ट गाँव’ के रूप में तब्दील करना  एवं आत्मनिर्भर बनाना है |डीएलएफ फाउंडेशन के डॉ साहनी ने इसी कड़ी में आगे कहा कि “हम आगे भी समाज को दृढ़ एवं आत्मनिर्भर बनाने में अपना बहुमूल्य योगदान देते रहेंगे | डीएलएफ फाउंडेशन की ‘वॉश मॉडल’ कार्यक्रम सरकारी स्कूलों में शैक्षिक स्तर के विकास की गुणवक्ता को बढ़ाने में एक महतवपूर्ण हिस्सा है |  साथ ही, डीएलएफ फाउंडेशन ने विद्यालय की बुनियादी ढाँचे के निर्माण में पानी पीने के लिए वाटर टैंक, लड़कों और लड़कियों के लिये अलग-अलग शौचालय भी बनवाया है | इसी के साथ शिक्षकों के शौचालय का भी पुनर्निर्माण किया गया है |इस मौके पर गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल की प्रधानाचार्य कृष्णा सोलंकी ने कहा कि “ हम डीएलएफ फाउंडेशन के बहुत आभारी हैं जिन्होंने स्कूल में विभिन्न प्रकार की बुनियादी ढांचों का निर्माण एवं पुनर्निर्माण किया जैसे  शौचालय, खेल के मैदान, आधुनिक लैब, खेल सामग्री, पुस्तकालय,पीने के पानी, बिजली सुविधायें, सीसीटीवी,स्मार्ट क्लास, माइक्रोफोन,सफाई व्यवस्था व अन्य कई प्रकार की मूलभूत सुविधाओं को स्थापित किया है | हमें उम्मीद है कि आगे भविष्य में भी डीएलएफ फाउंडेशन हमारी सहायता करेगा |‘वॉश मॉडल’ कार्यक्रम के तहत शिक्षा की गुणवक्ता को बढ़ाने के लिये इसमें कई प्रकार की गतिविधियाँ शामिल है जैसे – बाल संसाधन केंद्र का निर्माण, बच्चों में दृढ़ता एवं आत्मनिर्भरता के संचार के लिए क्विज़ प्रतियोगिता, मेला, राष्ट्रीय दिवस समारोह,बाल मतदान का गठन, खेल प्रतियोगिता इत्यादि | साथ ही , विद्यार्थियों को तकनीकों के माध्यम से किताबी ज्ञान एवं सामाजिक अवधारण की जानकारी देना, शैक्षणिक सुविधा आदि मुहैया करता है |





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