टाटा ट्रस्ट के कैंसर कार्यक्रम के मेडिकल डायरेक्टर डा.अरनी पुरुषेातम ने बताया कि टाटा ट्रस्ट् की और से कैंसर जैसी बीमारी की पहचान व उसके उपचार पर सहयोगी संस्थाअेां व सरकार के साथ मिलकर काम किया जा रहा है। इसमें जन जागरुकता इत्यादि कार्यक्रमों का आयेाजन भी किया जाता है। कैंसर का मुख्य कारण तंबाकू को माना गया है। इससे मुंह व गले का कैंसर मुख्य है।
उन्होने बताया कि आसाम सरकार के साथ मिलकर ट्रस्ट की और से 17 नए सेंटर खेाले जा रहे है, ताकि कैंसर के रोगियों को अधिक उपचार की सुविधा मुहैया कराई जा सके।
14.5 लाख कैंसर के मामले
जिस तरह भारत में कैंसर के हर साल करीब 14.5 लाख नए मामले सामने आ रहे हैं, उससे हर कोई चिंताग्रस्त है। यदि यूं ही इस जानलेवा बीमारी का प्रभाव तेजी से बढ़ता गया तो साल 2020 तक 17.3 लाख और नए मामले सामने आने का अनुमान है। हैरानीजनक बात ये है कि करीब 70 फीसदी मामलों में इस बीमारी का पता आखिरी स्टेज पर चलता है, जिसके परिणाम स्वरूप करीब 50 फीसदी रोगियों की मौत एक साल की अवधि में हो जाती है। आंकड़ों मुताबिक देश के पूर्वोत्तर राज्यों में आमतौर पर ओरल, ब्रस्ट व सरवाइकल कैंसर रोगियों की संख्या अन्य राज्यों की तुलना में नार्थ इस्ट में काफी अधिक है। इस तरह के कैंसर के पनपने की मुख्य वजह देरी से उपचार, कैंसर रोग के लक्षणों के प्रति जागरूकता की कमी तथा मनोवैज्ञानिक कारणों में डर व नियतात्मकता की कमी को माना गया है।
इस मौके पर कचार कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र के डॉ. रवि कन्नन ने बताया कि करीब 50 फीसदी कैंसर और 90 फीसदी मुंह का कैंसर होने की मुख्य वजह तंबाकू है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए डॉक्टर्स को इस बाइक रैली के जरिए जागरूकता पैदा करने के लिए प्रेरित किया है। इस बाइक रैली का उद्देश्य कैंसर के प्रति लोगों को इस बात के लिए सचेत करना कि सकारात्मक सोच के साथ इस जानलेवा बीमारी से बचा जा सकता है।
वॉयस ऑफ टोबेको विक्टिम (वीओटीवी) अभियान की डायरेक्टर आशिमा सरीन ने कहा कि गेट्स (ग्लोबल एडल्ट टोबेका सर्वे) 2009-10 और 2016-17 की रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर, असम और त्रिपुरा में तम्बाकू का उपभोग बढ़ गया है। रिपोर्ट के मुताबिक मणिपुर में गैट्स-1 के मुताबिक तम्बाकू उपभोग 54.1 प्रतिशत था जो कि गैट्स-2 में बढकर 55.1 प्रतिशत हो गया। ऐसी ही स्थिति असम में है जहां गेट्स-1 सर्वे के मुताबिक तम्बाकू की खपत 39.3 प्रतिशत थी, जो कि बढकर गेट्स-2 में 48.2 प्रतिशत पर पहुंच गई। वहीं, त्रिपुरा में गेट्स-1 में 55.9 प्रतिशत से बढकर गेट्स-2 में 64.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
कैंसर पीड़ित ने सुनाई आपबीती
इस अवसर पर कैंसर से पीड़ित एक 64 वर्षीय वृद्व ने बताया कि इन तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों के सेवन से किस प्रकार से जिंदगी नर्क बन जाती है। कैंसर का पता समयपूर्व नही चलने के कारण जिंदगी बद से बदतर हो जाती है। परिवार, समाज के साथ साथ रोजगार की समस्या का भी सामना करना पड़ता है। वंही कमजोर आर्थिक स्थिति के चलते इलाज में भी परेशानी आती है। इसलिए इस प्रकार के जहरीले कैंसर के कारकों से युवाअेां व अन्य को इससे दूर रहना चाहिए।
कैसर की रोकथाम के लिए बनेगा अलांयस
कैंसर रोग पर नियंत्रण के लिए एक अलायंस का गठन किया जायेगा, जिसमें सभी तरह के लोग होेंगे। इसके तहत 5 सालेां में नार्थ इस्ट के स्वास्थ्य के सिस्टम में सुधार लाने के प्रयास किए जांएगे। कैंसर के रोगियेां को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े इसके लिए भी इसमें सिस्टम को डवलप किया जाएगा।
ये है पार्टनर
इस बाइक रैली में राष्ट्रीय सेवा योजना (उत्तर पूर्व क्षेत्र), रोटरी जिला 3240, संबंध हैल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) गुरुग्राम, डॉक्टर्स फॉर यू, नेइग्राहिम्स (शिलांग), शिलांग वाणिज्य कॉलेज, मानभा फाउंडेशन, गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, बैपटिस्ट क्रिश्चियन अस्पताल (तेजपुर), अरुणाचल स्टेट हॉस्पिटल, असम मेडिकल कॉलेज, नागा हॉस्पिटल, रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंसिस (इम्फाल), मिजोरम कैंसर इंस्टीट्यूट, त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज का सहयोग मिल रहा है।