मध्यप्रदेश किसानो के काफिले को फरीदाबाद पुलिस ने दिल्ली से जाने से रोका

Posted by: | Posted on: February 22, 2018

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव )। स्वामीनाथन रिपोर्ट और कर्जा माफ़ी की मांग को लेकर मध्य प्रदेश से पैदल मार्च करते हुए फरीदाबाद पहुंचे किसानो के काफिले को फरीदाबाद पुलिस ने रोक दिया है। किसान आज दिल्ली रवाना हो रहे थे. हालांकि किसान कल शाम को फरीदाबाद में पहुंचकर अपना डेरा सेक्टर 16 की अनाज मंडी में डाले हुए थे और आज सुबह जैसे ही वह दिल्ली जाने के लिए तैयार हुए तो भारी पुलिस बल ने दिल्ली से आये आदेशों के बाद चारो ओर से घेरा डालकर किसानो को दिल्ली जाने से रोक दिया। फिलहाल किसान अनाज मंडी में ही आमरण अनशन करने की चेतावनी देकर धरने पर बैठ गये हैं। गौरतलब है की अपनी मांगो को लेकर मध्य प्रदेश से चले किसानो का काफिला कल शाम फरीदाबाद में पहुंचा और आज सुबह अपने आखरी पड़ाव से जब दिल्ली रवाना होने लगा तो एकाएक भारी पुलिस बल ने उन्हें घेर लिया और साफ़ कहा की वह दिल्ली नहीं जा सकते। माना जा रहा है की दिल्ली से आये ऊपरी आदेशों के चलते किसानो को रोका गया है. हालांकि किसानो का काफिला शान्ति पूर्वक दिल्ली की और रवाना हो रहा था पर सेक्टर 16 की अनाज मंडी में उन्हें आगे मूव करने से मना कर दिया गया। मंडी के दरवाजे बंद कर दिये गये हैं और बाहर सडकों को भी बेरीगेटर लगाकर बंद कर दिया गया है। इस बात को लेकर किसानो में भारी रोष बना हुआ है।
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासभा के बैनर तले हो रहे प्रदर्शन के बारे में राष्ट्रीय किसान मजदूर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार ने वायदा नम्बर 6 में किसानों से वायदा किया था कि किसानों को उनकी फसल की लागात का लाभकारी मूल्य मिलेगा जो कि अभी तक नहीं मिला है वहीं सरकार ने व्यापारियों का करोडों रूपये का कर्ज माफ कर दिया मगर किसानों का कर्ज माफ नहीं किया जा रहा है, बस इन्हीं दोनों मांगों को लेकर हजारों किसान शांतिपूर्व तरीके से दिल्ली जा रहे थे कि उन्हें फरीदाबाद पुलिस ने रोक दिया है औैर चारों ओर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। जिसपर किसानों में भारी रोष है अगर उन्हें पुलिस ने दिल्ली नहीं जाने दिया तो हजारों किसान अनाज मंडी में ही आमरण अनशन पर बैठ जायेंगे। वहीं डीसीपी सैंट्रल भूपेन्द्र सिंह की माने तो मध्य प्रदेश के किसानों पर दिल्ली जाने की अनुमति नहीं थी इसलिये उन्हें फरीदाबाद में ही रोक दिया गया है, या तो ये किसान अब घर जायेंगे या फिर जेल, लेकिन दिल्ली नहीं जायेंगे।





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