Friday, April 13th, 2018
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विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल के छात्रों ने कृषि फार्म विजिट कर ली नई तकनीकों की जानकारी
फरीदाबाद( विनोद वैष्णव )। विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल तिगांव शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए जाना जाता है। कुशल मार्गदर्शन और युवा सोच के जरिए स्कूल प्रशासन बच्चों की प्रतिभा को संवारने के लिए नित नए प्रयास करते रहते हैं। इसी कड़ी में स्कूल द्वारा स्कूल छात्रों के लिए एक एजुकेशनल ट्रिप आयोजित की गई जिसके अंतर्गत बच्चों को कृषि फार्म की विजिट कराई गई। इस दौरान बच्चों को विशेष रूप से पॉलीहाउस फार्मिंग एवं कृषि से जुड़ी अन्य रोचक जानकारी उपलब्ध करवाई गई। ट्रिप के बारे में जानकारी देते हुए स्कूल के डॉयरेक्टर श ाी यादव ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। हमारे जीवन में भी फॉर्मिंक एक महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है इसलिए इसके बारे में जानकारी होना भी आवश्यक है। नित नई उन्नत तकनीकों के विकास और उपभोक्ता बाजार में तेजी से हो रहे बदलावों के कारण पारंपरिक खेती में बदलाव कर युवा इसे करियर के रूप में भी अपना रहे हैं। इसलिए छात्रों को भी इसकी जानकारी होनी चाहिए। इसी सोच के आधार पर बच्चों को यह विजिट कराई गई। यादव ने कहा कि अन्य क्षेत्रों की तरह ही फॉर्मिंग में भी नई तकनीकों का इस्तेमाल कर और सही जानकारी के साथ युवा अपना करियर बना सकते हैं और पारंपरिक किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं। बस जरूरत है सही जानकारी और बदलाव को स्वीकार करने की। खेती में उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए हमें नई तकनीकी को अपनाना होगा। किसान वैज्ञानिक तरीके अपना कर उद्यान, कृषि के क्षेत्र में दो गुना से ज्यादा उत्पादन क्षमता को बढ़ा सकते हैं। हमें जैविक खेती को अपनाना होगा जिससे खेती की उर्वरा शक्ति बनी रहे। साथ ही जन-संचय के लिए पानी को इक_ा कर खेतों की सिंचाई करनी होगी। नई पौध को तैयार करने लिए पॉली हाउस लगाने होंगे।
विजिट के दौरान फार्म के मालिक पवन यादव ने बच्चों से अपने अनुभव बांटे और उन्हें कृषि की तकनीक पॉली हॉउस के बारे में जानकारी दी। यादव ने बच्चों को बताया कि चाहे बारिश हो या लू या फिर पाला। फूलों व सब्जियों की फसल को इनसे कोई नुकसान नहीं। इसमें पॉली हाउस तकनीक उपयोगी साबित होती है। एक पॉली हाउस में पांच बीघा (एक एकड़) खेती होती है। एक चिह्नित जमीन के टुकड़े को पॉलीथीन के माध्यम से कवर किया जाता है। इसमें जिस फसल का बीज डालना होता है, इसके आधार पर ही पॉलीथीन के अंदर की मिट्टी को तैयार किया जाता है, बाहरी वातावरण के विपरीत भी हम बीज से तैयार होने वाली खेती पॉली हाऊस के माध्यम से कर सकते हैं। इससे किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं। पॉली हॉऊस के माध्यम से विभिन्न प्रकार के फूलों, शिमला मिर्च, मशरूम आदि की पैदावार की जा सकती है जो काफी फायदेमंद होती है।
जलियांवाला बाग कांड के शहीदों को किया याद
शोर के अंदर मौन साइलेंटआउल, शहर में प्रीमियम निमजित्त संगीत का अनुभव!
[नई दिल्ली विनोद वैष्णव ] क्या आप पार्टी की प्रवृत्ति बनना चाहते हैं? जश्न का नया क्रांतिकारी/परिवर्तन-संबंधी तरीके का आनंद लें| साइलेंटआउल, एक सच्चे निमजित्त संगीत का अनुभव व साइलेंट डिस्को का सेवा प्रदाता है। यह आपको अपने स्वयं के शैली को चुनने का अवसर देकर अपनी धुन पर नाचने का अनुभव भी देता है। इसलिए, आपके भीतर पार्टी प्रेमी को बंधमुक्त करने के लिए, केवल साइलेंटआउल के साथ जुड़ें। अपने आप को पुराना ढंग का होने से बचाओ। यह नियमित रूप से, शोरभरी पार्टियों की प्रवर्ती को तोड़ रहा है और आपको पार्टी के घंटों के बाद भी उसका एहसास देता है। “साइलेंटआउल के संस्थापक और मालिक तन्मे उपनेजा कहते हैं,”साइलेंटआउल में , हम जानते हैं कि हमारी ज़िंदगी में कितना तनाव बढ़ गया है। करियर से लेकर व्यक्तिगत संबंधों तक, सब कुछ के लिए विराम की जरूरत है और हम एक परिपूर्ण स्थान प्रदान करते हैं। यह एक आदर्श पार्टी स्वर समता से संगीत के साथ नशे में एक अकेला और इसके विपरीत बदलाव करने के बारे में है। साइलेंटआउल आपको अपनी पसंद के संगीत के साथ पार्टी के घंटों के बाद भी अपना स्वयं का डीजे बनने का अवसर देता है। यह तीन शैलियों के संगीत, अर्थात बॉलीवुड और पंजाबी फ्यूजन, रॉक/इडीएम और सूफी। जिसे आप किसी भी समय सुन कर सकते हैं। दो अंगुलियों का एक स्विंग, वॉल्यूम और चैनल नियंत्रण आसानी से सुलभ और समायोज्य होते हैं। पर्यावरण या किसी और को परेशान किए बिना परेशानी मुक्त पार्टी का अनुभव प्रदान करता है| यदि आप ऐसा चिल्लाने के बिना चाहते हैं, तो बस एक मज़ेदार वार्तालाप करने के लिए हेडफ़ोन बंद करें।साइलेंटआउल सिद्धांत ने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी और लेडी श्री राम कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में हालिया घटनाओं में भारी संख्या में प्रतिक्रिया दर्ज की। यह उत्पाद/तकनीक का कई अन्य घटनाओं में भी इस्तेमाल किया गया है जैसे कि शादियों, जन्मदिन की पार्टियां, महाविद्यालयों के उत्सव और पूरे भारत में बाहरी यात्राएं। साइलेंटआउल आजकल पूरे शहर में छाया हुआ है। अपने दोस्तों से पहले इसका अनुभव करें|
दृष्टि हीनों की मदद सबसे बड़ा पुण्य का कार्य : मंजू आनंद
भगवान परशुराम जन्मोत्सव पर विशाल शोभा यात्रा 15 को
बीजेपी सरकार में बीजेपी नेताओं से ही है बेटियों को बचाने की जरूरत – तरुण तेवतिया
‘‘निर्माण एक नन्हा कदम स्वच्छता की ओर’’ कार्यक्रम का आयोजन
पी2पी लेंडिंग कंपनी -फेयरसेंट पारपंरिक ऋणदाताओं को ऑनलाइन आने के लिए आकर्षित कर रही है
(विनोद वैष्णव )|जब बात पारंपरिक ऋणदाताओं के ऑनलाइन आने की योजना बनाने की हो, तो भारत की सबसे बड़ी पी2पी लेंडिंग कंपनी फेयरसेंट.कॉम उनके लिए एक पसंदीदा विकल्प के रूप में उभरी है। आज के माहौल में, जहां निवेश में कभी—कभार ही उम्मीद के अनुसार रिटर्न मिलता है और बैंकों जैसे संस्थानों में रखी हमारी ज्यादा बचत उन्हें सेवा शुल्क का भुगतान करने में ही चली जाती है, वहीं फेयरसेंट पहले से ही सत्यापित कर्जदारों को सीधे पैसे ऋण में देने और अपने निष्क्रिय धन पर कुछ अतिरिक्त आय कमाने का अनोखा मौका देता है। पारंपरिक ऋणदाताओं को यह प्लेटफार्म आकर्षक लगता है क्योंकि अब वे फेयरसेंट के प्लेटफार्म के माध्यम से कई कर्जदारों तक पहुंच सकते हैं।फेयरसेंट का यह मॉडल पारंपरिक मॉडल्स की तुलना में बेहतर ब्याज दर देता है क्योंकि यह बिचौलियों को अलग करता है और ऋणदाताओं को अंतिम प्रयोक्ता यानि कर्जदार से सीधे मिलाता है। पारंपरिक तौर पर, बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान कम ब्याज दर (जैसे 6-10%) पर पैसे इकट्ठा करते हैं (बचत खाते या नियत या आवर्ती जैसे जमा के माध्यम से) और इसे कर्जदारों को काफी ज्यादा दरों (18-36%) पर ऋण देते हैं। इस मार्जिन का इस्तेमाल बड़े खर्चों का भुगतान करने के लिए किया जाता है जैसे कि हजारों कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करना और सैकड़ों शानदार शाखाओं को मैंटेन करना, आदि। फेयरसेंट कर्जदारों और ऋणदाताओं को सीधे मिलाता है, जिससे बिचौलियों का खर्च बचता है और कर्जदार जल्दी और कम ब्याज दर पर ऋण पाने में सक्षम होता है और ऋणदाता को भी बैंक डिपॉजिट में बेकार पड़े फंड्स से बेहतर रिटर्न्स कमाने की सुविधा मिलती है।