पलवल,31 जनवरी। अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुण्ड हस्तशिल्प मेला,फरीदाबाद में मनोरंजन के साथ-साथ जन-कल्याण भी अपने हाथ, कानूनी हक पाने को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के स्टाल स्टाल नम्बर 826 व 827 पर मिलाएं हाथ।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण दिल्ली के निर्देशन व हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण पंचकुला के तत्वावधान में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी समाज के हित में मुफ्त कानूनी सेवाएं सम्बन्धी स्टाल अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुण्ड हस्तशिल्प मेला, फरीदाबाद हरियाणा में लगाई जा रही है।
जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की सचिव एवं मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी डॉ. कविता कम्बोज ने बताया कि हालसा प्राधिकरण का उद्देश्य है न्याय सबके लिए उपलब्ध हो और कोई भी आर्थिक तंगी के कारण न्याय से वंचित ना रहे। आज समाज के हर जरूरतमंद की हक की बात करने वाला और हर जरूरतमंद को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान कराने में विधिक सेवाएं प्राधिकरण प्रयासरत हैं।
अंतराष्ट्रीय सूरजकुण्ड हस्तशिल्प मेला,फरीदाबाद में स्टॉल नम्बर 826 व 827 पर प्राधिकरण के पैनल अधिवक्ताओं द्वारा मुफ्त में कानूनी सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ पहली बार मेले में अग्रणी बैक महाप्रबधंक द्वारा युवाओं के लिए कल्याणकारी योजनाओं व बैकिंग सम्बंधित जानकारी प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त कोई भी व्यक्ति जिसका न्यायालय में केस चल रहा है उसके स्टेटस की जानकारी भी मुहैया करवाई जाएगी। आर.सेटी.गु्रप द्वारा कौशल विकास के बारे में, अटल सेवा केन्द्र द्वारा दी जाने वाली विभिन्न प्रकार की सेवाएं व नेशनल ट्रस्ट द्वारा कमजोर वर्गो व विकलांगों को दी जाने वाली सुविधाएं भी मौके पर ही उपलब्ध करवाई जाएगी।
इसके अलावा सहगल फाउंडेशन (एन. जी.ओ.) जो कि किसी भी जरूरतमंद व आम नागरिक को उनके अधिकारों, कर्तव्यों व कानूनी हकों तथा किसी भी पीडित व उनकी समस्याओं के निदान के लिए सम्पर्क सूत्रों के बारे में जागरूक करने के लिए सहयोग करेगी और बताएंगे कि कहाँ से और किस माध्यम से बेहतर न्याय प्राप्त हो सकता है। उक्त एनजीओ द्वारा सुशासन के साथ-साथ सामाजिक मुद्दो पर जो कानून से जुड़े है जैसे दहेज प्रथा, घरेलू हिंसा,बाल विवाह, बाल मजदूरी,कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ अत्याचार आदि की सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएगी।
अत: संबंधित व्यक्ति उक्त स्टाल पर सेवाओं को लाभ लेने के लिए अपने सभी संबंधित दस्तावेज साथ लाए ताकि प्राधिकरण द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का मौके पर ही लाभ मिल सके।
इसके अलावा जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण पलवल द्वारा एक सोफ्टवेयर भी लांच किया जाएगा, जो नालसा ऑथोरिटी से लिंक होगा, जिसके माध्यम से मौके पर प्राप्त किसी भी प्रकार के मामले या शिकायत में चाहे दीवानी मामला हो, चाहे वैवाहिक मामला हो या अन्य सम्बन्धी, जो कि करीब 15 तरह के मामलों में, जिसको स्टाल से किसी भी आवेदक द्वारा अपने या अपने किसी सम्बन्धी से जुड़े हुए, के द्वारा कम्प्यूटर को टच करते ही, सम्बन्धित मामला नालसा लिंक के माध्यम से सम्बन्धित जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण को कानूनी समाधान या मुफ्त कानूनी सेवाओं के लिए अग्रेसित हो जाएगा, जिस मामले में सम्बन्धित प्राधिकरण उस जरूरतमंद को उचित मुफ्त कानूनी सेवाएं उपलब्ध कराएगी। नालसा ऑथोरिटी के मार्गदर्शन में हरियाणा के अलावा राष्ट्र की कोई भी सम्बन्धित प्राधिकरण हो सकती है।
उन्होंने बताया कि उक्त स्टाल 826 व 827 के माध्यम से लोगों को मनोरंजन के अलावा उनकी जन सुविधाओं व कानूनी समस्याओं व परिवादों के समाधान के लिए मुफ्त कानूनी सहायता मौके पर ही प्रदान करवाने के लिए प्रयास करेगा । पैनल अधिवक्ताओं व पैराविधिक स्वयं सेवकों द्वारा लिखित दरखास्त, शिकायतें व फार्म भरवाने की प्रक्रियाओं सहित हर प्रकार से जागरूक भी किया जाएगा और हर जरूरतमंद को न्याय उपलब्ध हो, इसलिए प्राधिकरण की कानूनी सेवाओं से हर आगंतुक को जोडऩे का प्रयास किया जाएगा। हर गरीब व जरूरतमंद को उनके हक दिलवाने का प्रयास किया जाए, और जागरूकता के साथ-साथ उन्हें उनका हक दिलवाया जाए।
जिससे हर आगंतुक प्राधिकरण की सेवाओं के बारे में जागरूक हो सके लेकिन हालसा प्राधिकरण पहली बार आगंतुकों के लिए मनोरंजन के साथ-साथ आगंतुकों के कल्याण के लिए भी पहल करेगा ताकि अंतर्राष्ट्रीय हस्त शिल्प मेले में भारत के हर राज्य से व कोने-कोने से आने वाले आगंतुकों को मनोरंजन के अलावा उनकी जन उपयोगी सुविधाओं, दीवानी, माल- दीवानी /राजस्व व प्रशासनिक मामलों से जुड़ी समस्याओं के समाधान हेतु उनके समाधान के साथ कल्याण के लिए भी पहल करेगा और मौके पर ही हक दिलवाने का प्रयास करेगा।
इसी कड़ी में प्राधिकरण द्वारा अंतराष्ट्रीय सूरजकुण्ड हस्त शिल्प मेले में समाज के हर जरूरतमंद के कल्याण हेतु ये एक सराहनीय कदम उठाया जा रहा है। मेले में लाखों लोग /आगंतुक अवश्य आते हैं और उनका उद्देश्य होता है कि मेले में मनोरंजन किया जाए, पहली बार उनको मनोरंजन के साथ-साथ उनके कल्याण हेतु मुफ्त कानूनी सहायता भी मौके पर ही प्रदान की जाएगी। कानूनी सहायता का केवल एक ही उद्देश्य होगा कि जरूरतमंद को उसका हक हर हाल में मिले।