ध्यान-कक्ष यानि समभाव-समदृष्टि के स्कूल की भव्य शोभा

फरीदाबाद (दीपक शर्मा /देवेंदर सिंह ) | भौतिक शिक्षा के साथ-साथ आध्यात्मिक शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक गवर्मेण्ट मीडिल स्कूल, बादशाहपुर के छात्र-छात्राएँ आज अपने प्रधानाचार्य आजाद सिंह व अन्य सहयोगी अध्यापकों यथा मंजू गुप्ता, जावेद , राजकुमार व सुंदर सिंह सहित फऱीदाबाद, ग्राम भूपानी स्थित, प्रमुख दर्शनीय स्थल, ध्यान-कक्ष यानि समभाव-समदृष्टि के स्कूल की भव्य शोभा देखने वसुन्धरा परिसर पहुँचे। वसुन्धरा परिसर के द्वार से कतारों में आती विद्यार्थियों की यह पंक्तियाँ देखते ही बनती थी।उपस्थित बच्चों को इस कैमपस के मु2य आकर्षण केन्द्र भव्य ध्यान-कक्ष की शोभा व निर्मित बनावट की महत्ता से परिचित कराते हुए साथ-साथ यह भी बताया गया कि यह एकता का प्रतीक ध्यान-कक्ष सतयुग की पहचान है व मानवता का स्वाभिमान है। अत: एकता में बने रहने हेतु हमारे लिए इंसानियत को अपनाना व उसी अनुसार व्यवहार करना आवश्यक है। ऐसा सुनिश्चित करना ही मानव धर्म पर डटे रहने की बात है। उन्हें कहा गया कि जो इंसान अपने इस निज धर्म पर निर्विकारता से मजबूत बना रह पाता है उसी का ही नैतिक स्तर महान होता है और वह सदाचार का प्रतीक इंसान ही इस जगत के उद्धार हेतु कुछ कर पाता है। आगे बच्चों को यह भी बताया गया कि निज धर्म पर सुदृढ़ बने रहने पर ही मन शांत रह सकता है और मन की शांति ही एक इंसान को धीरता से जीवन पथ पर उन्नति करने की योग्यता प्रदान करती है। तभी तो वह प्राणी अपने व सबके प्रति जीवन कत्र्तव्य सर्वहित को ध्यान में रखते हुए कुशलता व सहजता से निभा पाता है। आगे कहा गया कि सब बच्चे ऐसे ही बने इस हेतु आओ सब मिलकर ईश्वर से ऐसी शांति व शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करें जिससे हमारे अन्दर आत्मिक बल का वर्धन हो और हम पराक्रमी एक अच्छे व नेक इंसान की तरह जीवन जीने के योग्य बन सके। इसके पश्चात् सबने हाथ जोड़ कर यह प्रार्थना की

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