68 वर्षीय महिला को दिया नया जीवन, डा. एस.एस. बंसल ने की डाक्टरों की टीम की हौंसला अफजाई
फरीदाबाद। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे फरीदाबाद में भी ब्लैक फंगस ने दस्तक दे दी है। हालांकि यहां पीडि़त 68 वर्षीय महिला का एसएसबी अस्पताल के डाक्टरों ने सफल आप्रेशन करके नई जिंदगी दी है। एसएसबी अस्पताल के वरिष्ठ ईएनटी स्पेशिलिस्ट डॉ प्रशांत भारद्वाज ने बताया महिला 11 मई को फरीदाबाद के एसएसबी अस्पताल में ईएनटी ओपीडी में आई थी, महिला मरीज पिछले 2 दिनों से चेहरे के दाहिने हिस्से में सूजन, सुन्नता और दर्द से परेशान थी। उसकी नाक से खून का स्राव भी हो रहा था और दाहिनी आंख की रोशनी भी कम हो रही थी। महिला की 26 अप्रैल, 2021 को आरटी-पीसीआर की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी और वह 15 दिनों से घर पर स्टेरॉयड की हाई डोज ले रही थी। डा. भारद्वाज ने बताया कि महिला की जांच करने पर नाक के दोनों हिस्से मे काले रंग के बहुत सारे काली फंगल के टिस्सूस थे, बाएं नथुने की तुलना में दाहिनी नथुने में ज़्यादा टिस्सूस थे। महिला के चेहरे पर सुन्नपन भी मौजूद था और उनका ब्लड शुगर भी बढ़ा हुआ था। उसकी एमआरआई, पीएनएस और ओरबिट रिपोर्ट ब्लैक फंगल संक्रमण का संकेत दे रही थी। उनकी आंखों की जांच भी की गयी जिसमें दाहिनी आंख की दृष्टि लगभग खत्म हो गई थी। डा. प्रशांत भारद्वाज ने बताया कि ब्लैक फंगस संक्रमण को म्यूकरमायकोसिस कहते हैं। म्यूकरमायकोसिस एक बेहद दुर्लभ संक्रमण है, यह इन्फेक्शन मरीज़ की नाक में दाहिने तरफ मालिरी साईनस व इंफ्राटेम्परोल फोस्सा तक फैल चुका था। ब्लैक फंगस कोविड-19 संक्रमण और उसमे दी जानी वाली स्टेरॉइड्स की वजह से होता है। उन्होंने बताया कि सभी जांचों और फिटनेस क्लेरेन्स के बाद उन्हें 14 मई को सर्जरी के लिए ले जाया गया। सर्जरी के दौरान नाक की दोनों गुहाओं से ब्लैक फंगस और निकरोटिक डैड टिस्ससू को हटा दिया गया था। ज्यादा नुक्सान की वजह से दाहिने मैक्सिलरी साइनस की हड्डी को हटा दिया गया था। ऑपरेशन के बाद मरीज़ की सेहत की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है और वह पिछले 3 दिनों से एंटीफंगल दवाइयां (एम्फोटेरिसिन बी) पर है जो सर्जरी से काफी पहले शुरू किया गया था। मरीज़ की हालत अब स्थिर है। एसएसबी अस्पताल के निदेशक एवं वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. एस.एस. बंसल ने ब्लैक फंगल के सफल आप्रेशन पर अस्पताल के डाक्टरों व नर्सिंग स्टाफ को बधाई देते हुए उनकी हौंसला अफजाई की। डा. बंसल ने कहा कि उनका प्रयास है कि कोरोना महामारी के इस दौर में लोगों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाकर उनके जीवन को बचाया जाए और इसी उद्देश्य को लेकर वह इस दिशा में कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही क्रिटिकल मामला था, जिसे डाक्टरों की टीम ने सूझबूझ से समझा और महिला को नया जीवन दिया।
वहीं एसएसबी अस्पताल के वरिष्ठ ईएनटी स्पेशिलिस्ट डॉ प्रशांत भारद्वाज ने बताया की म्यूकरमायकोसिस एक दुर्लभ संक्रमण है जो आमतौर पर मिट्टी, पौधों, सड़े हुए फल एवं सब्जय़िों में पाया जाता है। ये फंगस दिमाग़, फेफड़ों को प्रभावित करती है तथा डायबिटीज़ के मरीज़ों या उन मरीज़ों को प्रभावित करती है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। भारत दुनिया का ऐसा सबसे बढ़ा देश है, जहां कोविड के बाद मरीज़ ब्लैक फंगल जैसे बीमारी का शिकार हो रहे हैं । यह फंगल संक्रमण आमतौर पर मधुमेह, स्टेरॉयड पर निर्भर, अनियंत्रित शुगर और इम्यूनोकम्प्रोमाइज्ड रोगियों में देखा जा रहा है। सभी मरीज़ जो कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके है और खासकर उन्हें जिन्हे मधुमेह हो और उपचार के दौरान स्टेरॉयड दिए गए हो उन्हें ईएनटी स्पेशलिस्ट को जरूर दिखाना चाहिए!