सीएम के लिए किसानों पर लाठीचार्ज, शर्मनाक : रवि सिंह चौटाला

Posted by: | Posted on: May 16, 2021


-किसानों पर पथराव, लाठीचार्ज व आसू गैस के गोले छोडऩे की इनेलो के वरिष्ठ नेता रवि सिंह चौटाला ने की कड़े शब्दों में निंदा-
बोले : नशे में चूर होकर किसानों, जनता की आवाज को दबा रही है भाजपा-जजपा सरकार
इनेलो के वरिष्ठ नेता रवि सिंह चौटाला ने रविवार को हिसार में किसानों पर हुए पथराव, लाठीचार्ज व आसू गैस के गोले छोडऩे की कड़े शब्दों में निंदा की है। रवि सिंह चौटाला ने कहा कि एक षड्यंत्र के तहत फर्जी उद्घाटन कार्यक्रम रच कर सीएम और डिप्टी सीएम किसानों पर लाठीचार्ज करवा रहें हैं ताकि लोकतंत्र में किसानों की आवाज़ को सरकार लठतंत्र से दबा सके। उन्होंने कहा हिसार में सीएम विरोध के बावजूद पहुचे और उन्हीं के इशारे पर किसानों पर लाठीचार्ज हुआ, जो निंदनीय व शर्मनाक है।
रवि सिंह चौटाला ने कहा कि हरियाणा सरकार लंबे समय से संघर्षरत किसानों के आंदोलन को कूचलना चाह रही है। परन्तु सरकार को ये नहीं भूलना चाहिए कि उनके ये मंसूबे कभी पूरे नहीं होने वाले। इनेलो के वरिष्ठ नेता रवि सिंह चौटाला ने कहा कि सत्ता के नशे में चूर यह भाजपा-जजपा सरकार किसानों व जनता की आवाज को दबा रही है। किसानों के लहू की एक-एक बूंद का हिसाब इस तानाशाह सरकार को देना होगा। उन्होंने कहा कि जहां सरकार सभी को लॉकडाउन की दुहाई देकर घरों में रहने की बात कह रही है, वहीं सरकार व उसके नुमाइंदे अपनी राजनीति चमकाने के लिए भीड़ इकट्ठा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड हस्पताल खोलना अच्छी बात है लेकिन मुख्यमंत्री इसका उद्घाटन वर्चुअल भी कर सकते थे। रवि सिंह चौटाला ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सिर्फ किसानों को भड़काने के लिए हिसार आए ताकि किसानों को उकसाया जा सके।
रवि सिंह चौटाला ने कहा कि पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री व उनके कैबिनेट सहयोगियों का विरोध हो रहा है और उन्हें तयक्रमों में लुकछिप कर जाना पड़ रहा है। यही हाल आज हिसार में भी हुआ जहां मुख्यमंत्री को अपने तय कार्यक्रम से दो-ढ़ाई घंटे पहले भागना पड़ा। इससे शर्म की बात और क्या हो सकती है। उन्होंने कहा कि देश-प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है।
रवि सिंह चौटाला ने कहा कि जो किसान लाठीचार्ज के बाद हिरासत में लिए गए हैं उन्हें तुरंत बिना किसी शर्त के सरकार छोडऩे का काम करे और मुख्यमंत्री को केन्द्र सरकार पर दबाव डालकर तीनों काले कृषि कानूनों को रद्द करवाना चाहिए तथा धरनारत किसानों का धरना समाप्त करवाए।





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