सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र व सतयुग दर्शन विद्यालय द्वारा निशुल्क सुर-सेतु (सीजन-2) का आयोजन किया जा रहा है जो कि कक्षा 3 से 5 वीं तक और छठवीं से आठवीं और नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए है इसके अतिरिक्त ओपन कैटेगरी में कोई भी प्रतिभागी भाग ले सकता है इस प्रतियोगिता में कोई फीस नहीं है। यह प्रतियोगिता शास्त्रीय संगीत एवं देशभक्ति गीतों पर आधारित होगी।
प्रधानाचार्य श्री दीपेंद्र कांत ने अवगत कराया कि संगीत का मानव जीवन में अहम स्थान है वर्तमान समय में संगीत एक ऐसा सशक्त माध्यम है जो व्यक्ति को शारीरिक मानसिक रोगों व व्याधियों से मुक्ति प्रदान करता है संगीत की तीनों धाराएं गायन वादन व नृत्य न केवल स्वर ताल और लय की साधना है बल्कि एक योगिक क्रिया है इससे शरीर, मन और प्राण तीनों में शुद्धता और चेतनता आती है +iÉ: विद्यार्थियों के हित हेतु यह प्रतियोगिता आयोजित कराई जा रही है आप सभी से विनम्र निवेदन है कि कृपया इस प्रतियोगिता में बढ़-चढ़कर भाग ±Éå ।
इस प्रतियोगिता में प्रतिभागी को 2 मिनट तक का वीडियो बनाकर कोऑर्डिनेटर मोबाइल नंबर 9711255550 पर या sursetuonline@gmail.com पर भेजना होगा। जो विद्यार्थी बेहतर प्रदर्शन करेंगे उनको 51000/- की कुल धनराशि से सम्मानित किया जाएगा। इस प्रतियोगिता के गायन के निर्णायक मंडल में प्रोफेसर सुचिस्मिता जो कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संगीत विभाग की विभागाध्यक्ष हैं, पंडित देवेंद्र वर्मा जो शास्त्रीय संगीत के कुशल गायक हैं, कुमार विशु शास्त्रीय संगीत में जिन्होंने एमफिल किया हुआ है व कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं एवं विभिन्न भक्ति गीत प्रचलित हैं, प्रोफेसर हरजिंदर अमन, प्रोफेसर रामपाल बंगा (म्यूजिक डायरेक्टर), डॉ मधु शर्मा (अंबाला कैंट) बरेली से डॉ हितु मिश्रा। इसके अतिरिक्त वाद्य यंत्र के निर्णायक मंडल में आचार्य डॉक्टर लवली शर्मा सितारिस्ट (फॉर्मर वाइस चांसलर राजा मानसिंह तोमर यूनिवर्सिटी ग्वालियर), डॉक्टर प्रशांत गायकवाड प्रसिद्ध (तबला वादक गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड होल्डर, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड होल्डर, प्रेसिडेंट अवॉर्ड नागपुर), डॉक्टर संतोष नाहर (वायलिनिस्ट ऑल इंडिया रेडियो मिनिस्ट्री ऑफ इंफॉर्मेशन ब्रॉडकास्टिंग दिल्ली), देवज्योति गुप्ता (प्रसिद्ध सितार प्लेयर मुंबई) डॉक्टर अंबिका कश्यप (असिस्टेंट प्रोफेसर जीएनजी कॉलेज यमुनानगर), उस्ताद गुलाम अली (रिनाउंड सारंगी प्लेयर मुंबई महाराष्ट्र), नम्रता गायकवाड जो कि सुंदरी एवं शहनाई प्लेयर हैं शहनाई प्लेयर है। वहीं नृत्य में डॉ अंजुल शर्मा (कनाडा), रिनाउंड कथक गुरु डॉक्टर कुलविंदर दीप कौर (जालंधर), मिस भोपाली तंबोली (एक्ट्रेस, चेयरपर्सन झनक नृत्य एकेडमी महाराष्ट्र पुणे), डॉक्टर स्वप्निल (फॉर्मर प्रिंसिपल सैक्रेड हार्ट कॉलेज ऑफ डांस सहनेवाल लुधियाना) डॉक्टर रश्मिनंदा (रिटायर्ड प्रोफेसर स्वरूप रानी गवर्नमेंट कॉलेज अमृतसर) से हैं। इसके अतिरिक्त आर्ट के निर्णायक मंडल में डॉ चित्रलेखा सिंह (डीन परफॉर्मिंग आर्ट डायरेक्टर पीजेजे गांधी म्यूजियम मेवार यूनिवर्सिटी चितौड़गढ़) मिस्टर शुभम सक्सेना (असिस्टेंट प्रोफेसर इन एसएमएस रिद्धिमा बरेली), मिस्टर सुभाष शौर्य पीजीटी आर्ट टीचर जीएमएसएच सेक्टर 63 चंडीगढ़), संगीता देसाई (आर्ट टीचर गुजरात) से निर्णायक मंडल की भूमिका निभाएंगे। आपको बता दें कि सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र की संपूर्ण भारत में 17 शाखाएं सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र के नाम से कार्यरत हैं और सभी शाखाएं प्रयाग संगीत समिति इलाहाबाद से मान्यता प्राप्त हैं कुशल अध्यापकों द्वारा शास्त्रीय संगीत की शिक्षा प्रशिक्षा दी जाती है।
जिस तरह हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक खाने की आवश्यकता पड़ती है ठीक उसी तरह हमारी आत्मा को स्वस्थ और सकारात्मक रखने के लिए संगीत की आवश्यकता पड़ती है। आप चाहे कितने भी व्यस्त क्यों ना हों हम यही कहेंगे कुछ समय अपने लिए भी निकालिए और संगीत का संग अपनाइए। संगीत का असर हमारे शरीर और मन दोनों पर पड़ता है। संगीत योग की तरह है जो हमें हमेशा खुश रखता है इसके साथ ही यह हमारे शरीर में हार्मोन का संतुलन भी बनाये रखता है। संगीत हमारे शरीर को स्वस्थ तथा हमारे मन को शांत बनाये रखता है। अगर आप जीवनभर तनाव से दूर और खुशहाल रहना चाहते हैं तो जितनी जल्दी हो सके संगीत से रिश्ता कायम कर लीजिए।