सीने में दर्द के अलावा और भी संकेत हो सकते है हार्ट अटैक के जानिए डॉ. नीरज जैन से (मैट्रो हृदय संस्थान एवं मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल)

Posted by: | Posted on: September 28, 2021

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव ) | हमारे आसपास मौजूद लगभग हर दूसरा व्यक्ति किसी न किसी बीमारी से ग्रसित है, बस अंतर ये है कि कोई काफी गंभीर बीमारी का शिकार है, तो कोई किसी साधारण बीमारी का। लेकिन आज की दौड़ती-भागती जिंदगी में आपको हार्ट के मरीज काफी संख्या में मिल जाएंगे। दिल से जुड़ी बीमारियां काफी घातक होती हैं और ये अंदर ही अंदर मरीज पर अटैक करती हैं। हर साल 29 सितंबर के दिन विश्व हार्ट डे मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य होता है कि लोगों को दिल से जुड़ी बीमारियों के प्रति जागरूक करना, उन्हें बताना कि वे कैसे अपने दिल का ख्याल रख सकते हैं क्योंकि जब दिल सुरक्षित रहेगा, तभी व्यक्ति स्वस्थ रह पाएगा। आमतौर पर लोग जानते हैं कि जब सीने में दर्द होता है, तभी हार्ट अटैक आने का खतरा हो सकता है। लेकिन हार्ट अटैक के कई और संकेत भी हो सकते हैं, जिन्हें जानना बेहद जरूरी है। तो चलिए आपको इस बारे में बताते हैं।

सांस का फूलना

ये तो हम सभी जानते हैं कि सीने में दर्द होना और सांस लेने में तकलीफ होना, हार्ट के फेल होने का सबसे आम लक्षण है। लेकिन अगर आप कुछ सीढ़ियां चढ़ते ही थक जाते हैं और आपको सांस लेने में दिक्कतें पैदा होती हैं और यहां तक कि बैठने पर भी आपको तकलीफ होती है, तो ऐसे में ये संकेत हो सकता है कि आपको दिल की बीमारी हो सकती है।

पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द

जब दिल का दौरा पड़ता है, तो मरीज को पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द होता है। लेकिन अगर आपको इसके साथ ही सीने में किसी तरह की बेचैनी हो रही है, भारीपन महसूस हो रहा है, मितली या उल्टी करने का मन कर रहा है, तो ये भी हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है।

भूख कम होना, सूजन होना

जब व्यक्ति के हार्ट फेल की स्थिति बढ़ने लगती है, तो उसे भूख कम लगने लगती है, सांस फूलने लगती है, नींद नहीं आती है और नींद बीच मे टूट जाती है, और साथ ही दिल भी बहुत तेजी से धड़कना शुरू कर देता है। कई बार हम इन लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन ये हार्ट के फेल होने के संकेत हो सकते हैं। इसलिए इनका ध्यान रखना चाहिए।

ऐसे रखें अपना ध्यान

  • हार्ट अटैक से बचने के लिए ज्यादा वसा (कैलरी) वाले खाने से बचना चाहिए।
  • दिल को स्वस्थ रखने के लिए

अखरोट, बादाम, अलसी, सोयाबीन और साल्मन मछली का सेवन किया जा सकता है।

  • नियमित रूप से व्यायाम और मेडिटेशन ( हफ्ते में काम से कम पाँच दिन आधा घंटा तेज़ चाल से चलना चाहिए) करना चाहिए
  • धूम्रपान से बचना चाहिए।
  • वजन को नियंत्रण में रखना चाहिए।
  • दिक्कत होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और बिना डॉक्टर की सलाह के दवा का सेवन न करें




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