फरीदाबाद (पिंकी जोशी ) :- कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी देवोत्थान , देवउठनी या प्रबोधिनी एकादशी होती है यह साल में आने वाली सभी एकादशियों में सर्वोपरि मानी गयी है। शास्त्रों में मान्यताओं के अनुसार देवउठनी एकादशी का व्रत करने से एक हजार अश्वमेध यज्ञ के बराबर का पुण्य प्राप्त होता है इस दिन दान यज्ञ आदि करने से व्यक्ति को बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। पंचांग के अनुसार आषाढ़ देवशयनी एकादशी को देवशयन करने गए थे और कार्तिक देवउठनी एकादशी के दिन चार माह के शयन के बाद जागेंगे।
देवउठनी एकादशी शुभ मुहूर्त 2021 :
- साल 2021 में देवउठनी एकादशी का व्रत 14 नवंबर रविवार के दिन रखा जाएगा |
- एकादशी तिथि प्रारम्भ होगी 14 नवंबर प्रातःकाल 05:48 मिनट पर |
- एकादशी तिथि समाप्त 15 नवम्बर प्रातः काल 06:39 मिनट पर |
- व्रत के पारण का शुभ मुहूर्त होगा 15 नवम्बर दोपहर 01:10 मिनट से सायंकाल 03:19 मिनट तक |
सूर्योदय के बाद ना सोये :-
शास्त्रों के अनुसार किसी भी व्रत में देर तक सोना वर्जित माना गया है बहुत से लोग देवउठनी एकादशी के दिन व्रत रखकर तुलसी विवाह का आयोजन करते है। विशेषकर व्रत करने वाले व्यक्ति को इस दिन सूर्योदय से पूर्व ही उठकर स्नान आदि के बाद व्रत का संकल्प लेकर पूजा कर तुलसी विवाह की तैयारी करनी चाहिए और दान आदि कर पुण्य फल प्राप्त करना चाहिए।
चावल का सेवन ना करे :-
पौराणिक कथाओ के अनुसार किसी भी एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित बताया गया है। मान्यता है की चावल खाने से शरीर में आलस बढ़ता है और मन भक्ति में नहीं लगता। वही वैज्ञानिक दृश्टिकोण से चावल में जल की मात्रा अधिक होने के कारण इसके सेवन से शरीर में जल की मात्रा भी बढ़ जाती है जिस कारण शरीर में चंचलता बढ़ने लगती है और प्रभु भक्ति में ध्यान नहीं लग पाता इसीलिए इस दिन चावल का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है।
किसी की निंदा ना करे :-
शास्त्रों के अनुसार विशेषकर एकादशी व्रत के दिन किसी भी दूसरे व्यक्ति की चुगली , झूठ बोलना या किसी की निंदा नहीं करनी चाहिए। इससे व्यक्ति का मन दूषित होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कभी भी दूषित मन से भक्ति नहीं किया जाता है क्योकि इससे व्रती को पूजा पाठ व व्रत का पुण्य फल प्राप्त नहीं हो पाता है।
तामसिक भोजन का सेवन न करे :-
मान्यताओं के अनुसार एकादशी के व्रत में पूर्ण रूप से सात्विकता का खास ख्याल रखना चाहिए। एकादशी व्रत के दिन किसी को भी लहसुन , प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए। किसी भी प्रकार के तामसिक भोजन से व्यक्ति में काम भावना बढ़ने लगती है जिससे मन अशुद्ध होता है। इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
क्रोध न करे :-
शास्त्रों के अनुसार गुस्सा व्यक्ति के लिए नुकसानदायक है इसीलिए कभी भी क्रोध नहीं करना चाहिए विशेषकर एकादशी व्रत के दिन घर का माहौल शांत बनाये रखते हुए प्रभु की भक्ति में लीं रहना चाहिए। यदि किसी से कोई गलती हो भी जाय तो उसे माफ़ कर दे उस पर क्रोध न करे क्योकि क्रोध से घर में नकारात्मकता बढ़ जाती है।
नोट : सभी जानकारिया सोशल मीडिया द्वारा ली गयी है।