छठ पूजा के दौरान रखें ये 3 चीज़ो का काफी ध्यान , जानिए क्या है अर्घ्य का समय

फरीदाबाद ( पिंकी जोशी ) :- छठ पूजा सूर्य भगवान और छठी मैय्या की पूजा का विशेष पर्व आज देश के हर हिस्से में मनाई जा रही है। बड़ी छठ की पूजा षष्ठी के दिन यानि आज 10 नवंबर को की जाएगी। पूजन का समापति 11 नवंबर को प्रातः काल उगते सूर्य को अर्घ्य दे कर किया जाएगा। छठी मैय्या को साक्षी मानते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और उनसे संतानों की सुख-समृद्धि की प्राथर्ना की जाती है। छठ पूजा का पर्व सबसे कठिन होता है इस पर्व में 36 घंटे का निर्जल व्रत रखा जाता है। छठ का व्रत और पूजन सबसे कठिन व्रत माना जाता है।
मान्यता है छठ पूजा करने से हर मनोकामना पूर्ण होती हैं। खासकर इस व्रत को संतानों के लिए रखा जाता है। कहते हैं जो लोग संतान सुख से वंचित हैं उनके लिए ये व्रत वरदान साबित होता है।

जानिए क्या है सूर्य अर्घ्य का समय :-

  • 10 नवंबर (संध्या अर्घ्य) सूर्य अर्घ्य का समय शाम 5:30 PM बजे का होगा
  • 11 नवंबर (प्रात:काल अर्घ्य) सूर्य अर्घ्य का समय सुबह 6 बजकर 41 मिनट बजे का होगा

छठ पूजा सामग्री में नए वस्त्र, बांस की दो बड़ी टोकरी या सूप, थाली, पत्ते लगे गन्ने, बांस या फिर पीतल के सूप, दूध, जल, गिलास, चावल, सिंदूर, दीपक, धूप, लोटा, पानी वाला नारियल, अदरक का हरा पौधा, नाशपाती, शकरकंदी, हल्दी, मूली, मीठा नींबू, शरीफा, केला, कुमकुम, चंदन, सुथनी, पान, सुपारी, शहद, अगरबत्ती, धूप बत्ती, कपूर, मिठाई, गुड़, चावल का आटा, गेहूं आदि चीज़े राखी जाती है।

छठ पूजा का काफी महत्त्व होता है इस पर्व में सूर्य देव की पूजा की जाती है उन्हें अर्घ्य दिया जाता है। सूर्य देव के साथ-साथ छठी मैया की भी पूजा होती है। मान्यता है कि छठी मैया संतानों की रक्षा करती हैं और उन्हें दीर्घायु प्रदान करती हैं। पारिवारिक सुख-समृद्धि और मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए ये पर्व मनाया जाता है।

छठ पूजा के दौरान ३ चीज़ो का काफी ध्यान रखा जाता है –

  • प्रसाद बनाते समय नमकीन वस्तुओं को स्पर्श न करें।
  • छठ मैया से अगर कोई मन्नत मांगी हो तो उसके गलती से भी भूले नहीं।
  • चांदी, प्लास्टिक, स्टील या शीशे के बर्तन से सूर्य देव को अर्घ्य न दें।

क्यों मानी जाती है छठ पूजा में बांस की टोकरी शुभ :

ऐसा माना जाता है छठ पूजा में बांस से बनी टोकरी का विशेष महत्व होता है। इसी में छठ पूजा का सारा सामान रखकर पूजा स्थल तक लाया जाना चाहिए और छठी मइया को भेंट किया जाना चाहिए इसके बिना छठ पर्व की पूजा अधूरी मानी जाती है।

नोट : सभी जानकारिया सोशल मीडिया द्वारा ली गयी है।

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