फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : हिंदू धर्म के अनुसार मार्गशीर्ष माह की अमावस्या 4 दिसंबर, यानि शनिवार के दिन है। सनातन धर्म में शनैश्चरी अमावस्या का काफी महत्व है। इस दिन की जाने वाली पूजा, स्नान और दान आदि का पुण्य जीवन में प्राप्त होता है। साथ ही इस दिन पीपल की पेड़ पूजा से जुड़े कुछ उपाय और पूजा पाठ करने से आपके जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
वृक्ष की परिक्रमा करें :
शनैश्चरी अमावस्या के दिन पीपल पूजन करने से उम्र और सौभाग्य दोनों में बढ़ोतरी होती है और आपके पितरः आपसे खुश होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं। देवताओं एवं पितरों का इस दिन पीपल के पेड़ पर वास माना जाता है इसलिए शनैश्चरी अमावस्या पर पीपल की पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है। पूजा करने के साथ साथ आपको वृक्ष की परिकर्मा भी अवश्य लगानी चाहिए।
सूर्येदेव को करे जल अर्पित :
सूर्यदेव को रोज प्रातःकाल जल अवश्य अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से आपको इसका लाभ जरूर मिलेगा। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है की शनैश्चरी अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ को प्रणाम करने के बाद वृक्ष पे जल अर्पित करे उसके बाद उसकी परिक्रमा करे। ऐसा करने से मानव की उम्र में वृद्धि होती है और जो व्यक्ति इसके वृक्ष पर जल अर्पित करता है उसके सभी पापों का अंत होकर स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
पीपल का वृक्ष लगाने होते है लाभदायक :
व्यक्तियों पे शनि भरी होता है उन्हें हर शनिवार शनिदेव की पूजा करनी चाहिए असा करने से आपको लाभ मिलेगा। अगर आपके जीवन मे कोई कष्ट है तो पीपल के वृक्ष की पूजा करना लाभदायक होता है। शनिदेव पर शनिवार के दिन सासरो का तेल चढ़ाने से व् कष्ट दूर होने लगते है लेकिन ध्यान रखे की आपको हर शनिवार असा करना होगा। श्याम के समय असा करना चाहिए आप एक सरसो के तेल का दीपक भी जला सकते है।
हनुमान चालीसा को पढ़ना है जरुरी :
शनैश्चरी अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करते समय हनुमान चालीसा पड़ना काफी ाचा होता है असा करने से नकारात्मक ऊर्जा आपसे दूर रहती है और आपके आसपास का वातावरण काफी अच्छा रहता है और आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा रहती है। ऐसा करने से आपके शारीरिक और मानसिक तनाव भी काम होने लगते है।
सुबह के समये जलाएं दीपक :
यदि शनिदोष होने की वजह से आप परेशान रहते है और आपके हर कार्यो में अर्चनं आती है और करते काम बिगड़ जाते है तो सुबह प्रातःकाल उठकर स्नान करने के बाद घर के मंदिर में डीप अवश्ये जलाये। ऐसा करने के पश्चायत आपको पीपल के पेड़ के निचे भी सरसो के तेल का दिया जरूर जलाए।और शनिदेव का पुरे मन से पूजा पाठ करे।
नोट : सभी जानकारियां सोशल मीडिया द्वारा ली गयी है।