सूरजकुण्ड( विनोद वैष्णव )32वां सूरजकुण्ड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला में पहली बार हरियाणा सरकार ने राज्य के खान-पान को प्रोत्साहन देने के लिए फूड कोर्ट में ‘हरियाणवी रसोई’ का अनूठा प्रयोग किया है। हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री विपुल गोयल भी मंगलवार को हरियाणवी रसोई का जायजा लेने सूरजकुण्ड मेला में पहुंचे। हरियाणा पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक और सूरजकुंड मेला प्राधिकरण के मुख्य प्रषासक समीर पाल सरो ने उद्योग मंत्री का मेला परिसर में पहुंचने पर स्वागत किया।
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री ने हरियाणवी रसोई में संवाददाताओं के साथ जलपान ग्रहण किया। इस दौरान संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उद्योग मंत्री ने बताया कि हरियाणा की स्थापना के उपरांत बीते पचास वर्षों के दौरान राज्य की संस्कृति व खान-पान को प्रोत्साहन पर ध्यान नही दिया गया। आज से पहले सूरजकुण्ड मेला में मुख्यतः अन्य राज्यों का खान पान नजर आता था लेकिन इस बार हरियाणवी रसोई का शुभारंभ किया गया है। जिसमें केवल हरियाणवी व्यंजनों का जायका लिया जा सकता है। हरियाणवी रसोई में सांगरी का साग, खिचड़ी, बथुए का रायता आदि व्यंजन सूरजकुण्ड आने वाले दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हरियाणवी रसोई में गोहाना की जलेबी से लेकर बहादुरगढ, महेंद्रगढ़ सहित हरियाणा के विभिन्न इलाकों के पकवानों का लुत्फ लिया जा सकता है।
श्री विपुल गोयल ने बताया कि हरियाणा अपनी संस्कृति व खान-पान को लेकर बेहद समृद्ध राज्य है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में वर्तमान सरकार ने राज्य की संस्कृति को प्रोत्साहन को लिए अनेक कदम उठाए है। सूरजकुण्ड मेला में हरियाणवी रसोई राज्य सरकार के प्रोत्साहनों में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि हरियाणवी व्यंजनों का स्वाद दुनिया भर में लोकप्रिय है। सूरजकुण्ड मे हरियाणवी रसोई इस लोकप्रियता को ओर आगे बढ़ाने में सक्षम होगी। उद्योग मंत्री ने मेले की व्यवस्थाओं को लेकर भी संबंधित अधिकारियों से जानकारी ली और आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए।
सूरजकुण्ड, (फरीदाबाद) 6 फरवरी- हरियाणा के जिला फरीदाबाद के सूरजकुंड में चल रहे 32वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड षिल्प मेला में आज मेहन्दी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह आयोजन मेला परिसर में स्थित नाट्यषाला में किया गया, जिसमें 11 स्कूलों के 142 छात्रों ने भाग लिया।
मेहन्दी प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार राजकीय वरिष्ठ माध्यमि विद्यालय घौंची की शहनाज और सजमा को दिया गया। वहीं दूसरा पुरस्कार फरीदाबाद के सैक्टर 23 के माॅडर्न बीपी पब्लिक स्कूल की निषा और हिमांषी राज को दिया गया। इसी प्रकार मेहंदी प्रतियोगिता में फरीदाबाद के सैक्टर 23 के माॅडर्न बीपी पब्लिक स्कूल की हेमा और मेघा, फरीदाबाद सैक्टर 7 के सेंट जाॅंस स्कूल की प्राची और युक्ता, जवाहर कालोनी के होली चाईल्ड पब्लिक स्कूल की प्राची और मानसी तथा फरीदाबाद सैक्टर 29 के होली चाईल्ड पब्लिक स्कूल की जूझारिता व नन्ने को दिया गया।
इस प्रतियोगिता में सांत्वना पुरस्कार भी दिए गए, जिनमें डा. अनिल मलिक श्री सनातन धर्म महाविद्यालय की षिल्पी और खुषी, रावल इंटरनेषनल स्कूल नांगला की गरिमा और स्नेहा राठौड तथा सैक्टर 82 के सेंट मेरी कांवेंट स्कूल की वैभवी और सृष्टि शामिल है।
क्रमांक-2018
सूरजकुण्ड, (फरीदाबाद) 6 फरवरी- हरियाणा के जिला फरीदाबाद के सूरजकुंड में चल रहे 32वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड षिल्प मेला में रोजाना रंगा-रंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है और इसी श्रृख्ला में में आज विभिन्न देषों व प्रदेषों के कलाकारों ने अपने गायन और नृत्य से लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया और लोगों ने कलाकारों के लिए तालियां बजाकर उनकी हौसला अफजाई की।
आज मुख्य चैपाल पर तंजानिया देष के कलाकारों ने अपना लोक नृत्य प्रस्तुत किया। इस प्रस्तुति को देखकर दर्षकों ने कलाकारों के प्रति तालियां बजाई और सीटी मारकर उनकी हौसला अफजाई की। तंजानिया वन, जीव, झील और सफारी के लिए जाना जाता है और यहां पर सुहाती भाषा बोली जाती है। तंजानिया के कलाकारों ने मुख्य चैपाल पर सोवा डांस प्रस्तुत किया। यह डांस वास्तव में एक अलग प्रकार का नृत्य था और इसमें मित्रता का भाव देखने के साथ-साथ उत्साह भी दिखाई दे रहा था।
इसी प्रकार श्रीलंका और भागीदार देष किर्गिस्तान के कलाकारों ने अपने लोक संगीत व गीतों को दर्षकों के सम्मुख प्रस्तुत किया। वहीं दूसरी ओर तजाकिस्तान और न्यूजीलैंड के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी।
वहीं दूसरी ओर देष के समुद्री तट से जुडे उडीसा राज्य के कलाकारों ने गुब गुड्डू की प्रस्तुति दी। उडीसा के इन कलाकारों का यह नृत्य एक आकर्षण था जिसने लोगों को अपनी ओर खींचे रखा और उन्हें उनकी सीट से उठने नहीं दिया। इसी प्रकार थीम राज्य उत्तर प्रदेष के कलाकारों ने मयूर व नोटंकी नृत्य प्रस्तुत किया, जिस पर उपस्थित दर्षकों ने कलाकारों के प्रति तालियां बजाकर उनका हौसला बढाया।
मुख्य चैपाल पर सिक्किम राज्य के कलाकारों ने राईचांडी नृत्य को प्रस्तुत किया। वास्तव में यह नृत्य काफी रोचक था। वहीं दूसरी ओर असम के कलाकारेां ने दर्षकों के सम्मुख कमल सुंदरी नृत्य प्रस्तुत किया, जिसकों देखकर दर्षकों ने जमकर हौसला अफजाई की। इधर, महाराष्ट्र के कलाकारों ने कोली डांस प्रस्तुत किया, जिसकी की एक अलग ही बात थी। आज मुख्य चैपाल के पंजाब के कलाकारों ने भी मेले में आने वाले लोगों को बांध रखा।
क्रमांक-2018
सूरजकुण्ड मेला में ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय ने लगाया व्यसन मुक्ति स्टाल
सूरजकुण्ड मेला के मुख्य प्रशासक समीर पाल सरो व उनकी धर्मपत्नी श्रीमती नीलम सरो ने किया स्टाल का शुभारंभ
सूरजकुण्ड, (फरीदाबाद) 6 फरवरी-32वां सूरजकुण्ड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला में ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से मेरा भारत-स्वस्थ भारत अभियान के अंतर्गत व्यसन मुक्ति के लिए विशेष स्टाल लगाई गई है। हरियाणा पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक एवं सूरजकुण्ड मेला प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक समीर पाल सरो तथा उनकी धर्मपत्नी श्रीमती नीलम सरो ने मंगलवार को रिबन काटकर व्यसन मुक्ति स्टाल का शुभारंभ किया और स्टाल का अवलोकन करते हुए ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, फरीदाबाद के इस प्रयास को प्रशंसनीय बताया।
श्री समीर पाल सरो ने कहा कि समाज में फैली कुरीतियों के विरूद्ध जनजागरण में ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय का सराहनीय योगदान रहता है। सूरजकुण्ड मेला में बड़ी संख्या में देसी-विदेशी पर्यटक आते है। जिस उद्देश्य को लेकर यह स्टाल लगाई गई है यह उसको पाने में सफल होगी। वहीं श्रीमती नीलम सरो मे कहा कि व्यसन समाज के लिए बड़ी समस्या बनते जा रहे हैं। पारिवारिक जीवन में तनाव का बड़ा कारण भी व्यसन बन रहे है। ब्रह्मकुमारी संस्था ने इस महत्वपूर्ण आयोजन में गंभीर प्रयास किया है। इसकी जितनी सराहना की जाए उतनी कम है।
ब्रह्मकुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय, फरीदाबाद शाखा से हरीश बहन, प्रीति बहन तथा ज्योति बहन ने मुख्य प्रशासक व उनकी धर्मपत्नी का आभार जताया। व्यसन मुक्ति स्टाल पर आने वालों को ध्यान व अध्यात्म के जरिए व्यसन मुक्त बनाने का विशेष कोर्स कराया जाएगा। साथ ही इस स्टाल से जरिए निरूशुल्क दवा वितरण भी किया जाएगा। इस स्टाल पर उपलब्ध दवा व कोर्स के जरिए ड्रग, शराब, बीड़ी व गुटका आदि छोड़ने के प्रति प्रेरित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त ध्यान की विशेष प्रक्रिया राजयोग व तनाव रहित जीवन के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।