कब है आखिरी ग्रस्तोदय खग्रास चंद्रग्रहण देव दिवाली , राशियों पर पड़ेगा यह प्रभाव

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) : वर्ष 2022 का आखिरी ग्रस्तोदय खग्रास चंद्रग्रहण देव दिवाली यानी कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा मंगलवार को होगा। भाग्योदय ज्योतिष वास्तु संस्थान डॉ.अंजलि जैन ने बताया कि खास खगोलीय घटना यानी देश में ग्रहण की अवधि दो घंटे 09 मिनट की रहेगी। दोपहर 3.46 से शाम 5.12 बजे तक ग्रहण की खग्रास स्थिति रहेगी। पूर्वी भाग स्थित राज्य बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश में खग्रास रूप में दिखेगा। अन्य राज्यों में यानी हरियाणा में चंद्रमा खंडग्रास की स्थिति में उदय होगा। ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमरीका, उत्तर—पूर्वी आरोप, रूस, चीन, पाकिस्तान, श्रीलंका, कोरिया, जापान में भी ग्रहण दिखेगा।

यह 42 मिनट दिखाई देगा। सूर्योदय के साथ ही सुबह 6.45 बजे सूतक शुरू होने से शहर के मंदिरों पूजा पाठ नही किया जायेगा

प्राकृतिक आपदाओं को बढ़ावा

श्री रामानंद: ज्योतिषम के ज्योतिषाचार्य पंडित निलेश शास्त्री ने बताया कि विश्व में ग्रहण दोपहर 2.39 बजे शुरू होकर शाम 6.19 बजे तक रहेगा। चंद्रमा 50 प्रतिशत ग्रहण लगा हुआ उदय होगा। यानी 50 प्रतिशत काला, 50 प्रतिशत चमकीला नजर आएगा। ग्रहण भरणी नक्षत्र और मेष राशि में घटित होगा। इस नक्षत्र, राशि में जन्मे व्यक्ति विशेष सावधानी रखें। एक मास में दो ग्रहण होना प्राकृतिक आपदाओं को बढ़ावा देगा। धातु पदार्थों, रस पदार्थों में तेजी का दौर रहेगा। ग्रहण के समय चंद्र—राहु का सूर्य, बुध, शुक्र, केतु से समसप्तक योग बनेगा। चार ग्रह वक्री होंगे। मिथुन, कर्क,वृश्चिक, कुंभ, सिंह राशि के जातकों के लिए ग्रहण बेहतर रहेगा।

यह पड़ेगा राशियों पर प्रभाव

मेष: दुर्घटना से कष्ट

वृषभ: धनहानि का खतरा

मिथुन: उन्नति, लाभफल

कर्क: सुख, वैभव में वृद्धि

सिंह: मानहानि का भय

कन्या: शारीरिक कष्ट

तुला: दांपत्य कष्ट

वृश्चिक: अधूरे कार्य पूर्ण होंगे

धनु: चिंता पीड़ा की वृद्धि होगी

मकर: रोग, भय

कुंभ: धन लाभ

मीन: व्यय की वृद्धि होगी

ग्रहण के समय यह करें : भाग्योदय ज्योतिष वास्तु संस्थान डॉ.अंजलि जैन ने बताया कि जिन राशि के जातकों में अशुभ फल हो यथाशक्ति दान, जप पाठ के साथ ही हनुमानचालीसा, सुंदरकांड पाठ, हरिनाम संकीर्तन करें। देव दिवाली के निमित्त दीपदान शाम 6.19 बजे बाद करें।

यह न करें : मंदिर में परिक्रमा और मूर्ति, चाकू, कैंची को स्पर्श न करें। भोजन आदि न करें, हालांकि रोगियों, बच्चों, बुजुर्गों को छूट है।

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