Error loading images. One or more images were not found.

शिव नाडर स्कूल के स्टूडेंट्स ने वास्तविक जिंदगी की समस्याओं को लेकर अपने अभिनव सलूशन प्रस्तावित किए

Posted by: | Posted on: December 26, 2022

फरीदाबाद(विनोद वैष्णव ) | शिव नाडर स्कूल (K12 शिक्षा में शिव नाडर फाउंडेशन की एक गैर-लाभकारी पहल) के दसवीं क्लास के छात्रों ने कोलोक्वियम 2022 में हानिकारक टेक्नोलॉजी के माध्यम से कई बेहद जरुरी समस्याओं के समाधान पर अपने विचार प्रस्तुत किये। इस वर्ष की प्रतियोगिता की विजेता शिव नाडर स्कूल, फरीदाबाद की टीम ब्रोक्स थी, जिसमें छात्र राघव, काशवी, नीयाती, रेयर्थ और शगुन शामिल थे। टीम ने स्कूलों के लिए एक व्यक्तिगत और किफायती ब्रेल प्रिंटर डिज़ाइन करके ब्रेल साक्षरता बढ़ाने के लिए एक प्रिंटर बनाया है। विजेता टीम को जिनेवा, स्विटज़रलैंड में सर्न (यूरोपियन ऑर्गेनाइज़ेशन फ़ॉर न्यूक्लियर रिसर्च) की तरफ से सभी ख़र्चों के साथ यात्रा करने का मौका मिला है।

दूसरा पुरस्कार शिव नाडर स्कूल, गुरुग्राम की टीम एक्सीसेफ को मिला, जिसमें छात्र- अर्चित, सिद्धार्थ, निशा, इशिता और सार्थक शामिल थे। टीम ने दुर्घटनाओं के दौरान दोपहिया सवारों की सुरक्षा के मकसद से एक रक्षात्मक एयर वेस्ट बनाया है। वार्षिक सम्मेलन एक साल से तकनीकी प्रोजेक्ट पर काम करने वाले छात्रों के लिए एक मंच प्रदान करता है जिससें वो वास्तविक दुनिया की समस्या को संबोधित कर पाए।

इस मौक़े पर बोलते हुएशिव नाडर स्कूल में प्रौद्योगिकी के प्रमुखमार्क नेल्सन ने कहा, “शिव  नाडर स्कूल मेंहमारा उद्देश्य अपने छात्रों को एक ऐसा परिवेश देना है जहां वे बहु-विषयक ज्ञान को ले पाए। उन्हें वस्तिविक्ता से जुड़े ज़रूरी प्रोजेक्ट्स पर काम करवाकर -दुनिया की समस्याओं के लिए हम उन्हें गंभीर और विश्लेषणात्मक रूप से सोचने के लिए प्रेरित करते हैं। युवा छात्र चालाक आब्जर्वर होते हैंइसलिए वे स्वाभाविक रूप से जांचआविष्कार और योजना के माध्यम से अनुसंधानतर्क और भविष्यवाणी के कौशल को विकसित करते हैं। हर साल हमारे छात्रों द्वारा दिए जाने वाले परिणामों को देखकर एक संतुष्टि मिलती है। हमें इस बात की बहुत ख़ुशी है कि हमारे वार्षिक प्रौद्योगिकी कार्यक्रम- कोलोक्वियम ने हमारे छात्रों की नई पद्धति की क्षमता को सफलतापूर्वक विकसित किया है।“

प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के साथ दो स्तरीय चयन प्रक्रिया का पालन करना है, जहां पहले छात्रों के प्रोजेक्ट्स की उप-जूरी द्वारा जाँचा जाता है, उसके बाद प्रोजेक्ट्स के प्रभाव और विशिष्टता को समझने के लिए एक बाहरी जूरी के साथ एक प्रस्तुति और पारस्परिक विचार-विमर्श होता है। जबकि शिव नाडर स्कूल, नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम के 60 प्रोजेक्ट्स को उप-जूरी में प्रस्तुत किया गया था, केवल सात को फाइनल जूरी राउंड के लिए चुना गया था। बाहरी जूरी में कैशिफाई के सह-संस्थापक और सीटीओ अमित सेठी, डायसन इंडिया के प्रबंध निर्देशक अंकित जैन, यूक्लीन के संस्थापक अरुणाभ सिन्हा शामिल थे।

जीतने वाले प्रोजेक्ट्स के अलावा, इस साल के संगोष्ठी में प्रदर्शित अन्य नई खोज को भी शामिल किया गया है:

  1. जेफिरस  कमजोर सामाजिक आर्थिक बैकग्राउंड वाले लोगों के लिए एक किफायती, पर्यावरण के अनुकूल और पोर्टेबल एयर कंडीशनिंग डिवाइस। इसकी ऊर्जा की खपत एसी और कूलर की तुलना में 40-60% कम है।
  1. रिपोज – संवेदी उसकाव के माध्यम से नींद की बीमारी से पीड़ित लोगों की मदद के लिए एक एकल IoT- डिवाइस। डिवाइस व्यापक तापमान को बनाए रखते हुए सुगंध और संगीत चिकित्सा के प्रभावों को मिलाती है, जो अच्छी नींद के लिए एक आदर्श के समान है।
  1. यूट्रोज़ाइम – एक किफायती, पर्यावरण के अनुकूल और घरेलू समाधान जिसके माध्यम से जल निकायों को पूर्वरूप में लाना। इस इनोवेशन का उद्देश्य यूट्रोफिकेशन को खत्म करना है।
  1. अलयना-तेजी से बदल रहे फैशन के लिए एक स्थायी समाधान के रूप में, अलयना, लोकल कारीगरों के अपने नेटवर्क के साथ जोड़कर, कपड़े के कचरे (कट्रान) को सुंदर फैशन वियर में बदल देता है।
  1. ऑक्सिलियम- इंटरएक्टिव एआई रोबोट जो चिंता के स्तर को कम करने में मदद करते हैं और सर्जरी से पहले या बाद में गंभीर रूप से अस्वस्थ बच्चों के लिए स्थिर विटल्स बनाए रखते हैं।

 संपादक के लिए नोट्स

शिव नाडर स्कूल के विषय में

शैक्षिक उत्तमता प्रदान करने और जीवन के लिए शिक्षा प्रदान करने के लिए शिव नाडर स्कूल K12 निजी शिक्षा में शिव नाडरफाउंडेशन की एक गैर-लाभकारी पहल है। एनसीआर में तीन और चेन्नई में एक कैंपस के साथ, शिव नाडर स्कूल छात्रों को एक ऐसा परिवेश प्रदान करता है जहां उन्हें अपनी प्रतिभा और कौशल की खोज करना एक चुनौती की तरह लगे, इस के अलावा उनका लक्ष्य समाज के नैतिक, सम्मानित, खुश और उद्देश्यपूर्ण नागरिकों का पोषण करना है। 5050 छात्र उनके माता-पिता, 600 शिक्षकों की टीम, शिव नादर स्कूल के परिवार का एक हिस्सा हैं।

शिव नाडर फाउंडेशन के बारे में

शिव नाडर फाउंडेशन (www.ShivNadarFoundation.org) की स्थापना शिव नाडर, संस्थापक, एचसीएल द्वारा की गई है – जो 12.1 बिलियन डॉलर की अग्रणी प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य सेवा एंटरप्राइज है। फाउंडेशन का मिशन संस्थानों की स्थापना और शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में नई पहल करके राष्ट्रीय विकास और सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रिया में अपना योगदान देना है। फाउंडेशन मानव-प्रेम आधारित बदलाव लाने वाली शिक्षा के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक विभाजन को खत्म  करने के लिए लोंगो को सशक्त बनाकर एक अधिक न्यायसंगत, योग्यता आधारित समाज को बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

 फाउंडेशन ने 1996 में एसएसएन इंस्टीट्यूशंस (www.SSN.edu.in) की स्थापना की, जिसमें चेन्नई, तमिलनाडु में एसएसएन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (पहले से ही भारत में एक उच्च रैंक का निजी इंजीनियरिंग कॉलेज) शामिल है। फाउंडेशन ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर और सीतापुर में मेधावी ग्रामीण बच्चों के लिए एक आवासीय नेतृत्व अकादमी, विद्याज्ञान की भी स्थापना की है। इसके अलावा, फाउंडेशन शिव नाडर यूनिवर्सिटी (www.snu.edu.in) चलाता है, भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ग्रेटर नोएडा में स्थित मजबूत अनुसंधान अभिविन्यास के साथ एक अंतरराष्ट्रीय बहुआयामी विश्वविद्यालय और शिव नाडर स्कूल (www.shivnadarschool.edu.in), भारत भर में उन्नतिशील शहरी स्कूलों का एक नेटवर्क जिसका उद्देश्य बच्चों को ऐसी शिक्षा प्रदान करना है जो उन्हें आजीवन लर्नर बनाए। फाउंडेशन ने आर्ट के लिए किरण नादर म्यूजियम (www.knma.in) की भी स्थापना की है, आर्ट को आम जनता तक ले जाने के मकसद से आधुनिक और समकालीन आर्ट में भारत का सबसे बड़ा निजी लोक-हितैषी संग्रहालय है।





Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *